Friday, April 26, 2024
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मुझे और मेरे परिवार को गुंडों ने पीटा, गोली मारने की दे रहे धमकी, पुलिस कह रही कॉम्प्रोमाइज कर लो: पीड़ित CA छात्र

"29 अगस्त को हमला करने के बाद वो लोग उनके घर में घुसने वाले थे। लेकिन उनकी माँ ने दरवाजा बंद कर दिया। जिसके बाद उन्होंने दुकान को लूटा। जो लोग बचाने गए उन्हें भी मारा गया। गौरव के अनुसार उन्हें सिर में 3 टाँके आए हैं, जिन अंकल ने दुकान बचाने की कोशिश की, उन्हें 12-15 टाँके आए हैं।"

बिहार के नवादा जिले के कादिरगंज गाँव में मारपीट और पत्थरबाजी का मामला सामने आया है। एक पक्ष का कहना है कि पूरा विवाद बाइक टकराने पर शुरू हुआ और उन पर जानलेवा हमला तक कर दिया गया। वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि उनके ख़िलाफ़ पहले से साजिश की गई थी और घात लगाकर हमला बोला गया।

पुलिस ने इस मामले में विधिवत कार्रवाई करने की बात कही है। हालाँकि, गिरफ्तारी अभी तक किसी की नहीं हुई है। घायलों में से एक लड़का सीए का छात्र है। FIR में नाम होने के कारण उसकी चिंता अपने भविष्य को लेकर बढ़ गई है। वो कहता है कि उसने आज तक कहीं लड़ाई नहीं की, चाहे तो उसके स्वभाव को लेकर उसके कॉलेज में भी ये बातें पता कर ली जाएँ। इसके अलावा परिवार को लगातार मिल रही धमकियों के कारण वह उनकी सुरक्षा को लेकर भी चिंता में है।

गौरव आनंद (साभार: ट्विटर)

गौरव आनंद नामक इस लड़के ने ट्विटर पर अपनी परेशानी को साझा करके 1 सितंबर को इंसाफ की गुहार लगाई थी। गौरव का आरोप था कि स्थानीय पुलिस उनसे समझौते की बात कह रही है और गिरफ्तारी भी किसी की नहीं की है। ऑपइंडिया ने गौरव से संपर्क करके पूरे मामले पर उनका पक्ष जानना चाहा। उन्होंने अपनी बात रखते हुए अपनी चोट लगी तस्वीरें और पत्थरबाजी के समय की कुछ वीडियोज साझा की। इसके बाद ऑपइंडिया ने पुलिस से भी मामले की पुष्टि की और उन पर लग रहे आरोपों के मद्देनजर संपर्क किया।

पुलिस ने आरोपों का किया खंडन, कहा-कानूनी कार्रवाई होगी

ऑपइंडिया ने जब पुलिस से इस मामले पर अपडेट जानना चाहा और पुलिस पर लग रहे आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने ‘समझौते करवाने की बात’ का खंडन किया। पुलिस ने कहा, “अगर उन लोगों में आपस में समझौता होता है, तो वो उनके बीच की बात है। हमारे पास एफआईआर हुई है। हम क्यों समझौते के लिए कहेंगे? हमारी ओर से हमारा काम कानूनी कार्रवाई करना है। हम तो जो लीगल एक्शन लेना होगा, वही करेंगे। हमने एफआईआर की है। गिरफ्तारी की धाराओं में सुपरविजन होना है, जैसे ही वो होता है, फिर आगे कार्रवाई होगी। अभी विधिवत कार्रवाई चल रही है। एक्शन के लिए हम तैयार है। बस सुपरविजन नोट का इंतजार किया जा रहा है।”

दोनों पक्षों की क्या है शिकायत

गौरव आनंद और उनके परिजनों पर हमले के मामले में उनके पिता सत्यजीत की ओर से 29 अगस्त को शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इसमें उन्होंने बताया कि वह उस दिन (अगस्त 29, 2020) दुकान पर बैठकर पोस्ट ऑफिस का काम कर रहे थे। उसी समय सुखदेव यादव, सूर्यदेव यादव हाथ में पिस्तौल लेकर आए और उन्हें धमकी दी कि वह उनके पूरे परिवार को खत्म कर देंगे।

इसके बाद पिस्तौल के पिछले से उन लोगों ने उनके बेटे (गौरव) पर हमला किया, जिससे उसका सिर फूट गया। इसके बाद सौरभ आनंद और संतोष केशरी पर डंडे से हमला बोला जिससे उनका भी सिर फट गया। शिकायत के अनुसार, इस घटना में सौरभ आनंद का हाथ जख्मी हुआ है। गौरव ने ऑपइंडिया से बताया कि हमलावरों ने दुकान में सामान, कैश और मोबाइल की भी लूट की। फिर धमकी देते हुए कहा कि यदि केस करोगे तो अंजाम बुरा होगा।

गौरव द्वारा की गई शिकायत

दूसरे पक्ष की शिकायत पार्वती देवी की ओर से घटना के कई दिन बाद 4 सितम्बर को करवाई गई है। जिसमें उनका कहना है कि 29 अगस्त को साढ़े 10:30 बजे वह किसी जरूरी काम से अपने बेटे नितीश के साथ मोटर साइकिल से बाहर जा रही थीं कि तभी पुल के पास गाँव के ही कुछ लोग घात लगाए बैठे थे। उन लोगों ने रास्ते में बाइक को रोक दिया और पिस्तौल से लैश होकर उनको घेर लिया।

इसके बाद गाली देकर कहा- “मादर*&%$ बड़ी गाड़ी चलाता है।” इसी बात के बाद बाकी लोग उनके बेटे से मारपीट करने लगे। बीच में जब पार्वती देवी ने भागने का प्रयास किया तो दो लोगों ने कथित तौर पर उन्हें घेरकर उनके गले से सोने की चेन छीन ली जिसकी कीमत 50 हजार थी। इसके बाद पार्वती देवी का आरोप है कि उनसे गलत व्यवहार भी किया गया।

घायल गौरव आनंद से ऑपइंडिया की बातचीत

मारपीट में घायल हुए गौरव आनंद ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया, “29 अगस्त को मैं, मेरे पिता और मेरे भैया कादिरगंज मेन रोड पर स्थित अपनी दुकान पर बैठे थे। तभी कुछ बच्चे आए और अपनी बाइक हमारी बाइक में अड़ा दी और उसे गिरा दिया। तभी मेरे भैया ने कहा कि अंधा है क्या तुम्हें दिखता नहीं। इसके बाद भैया ने उसकी बाइक साइड में लगवा दी और चाभी निकाल कर कहा अपने गार्जियन को बुला कर लाओ। इतने में पीछे से भैया पर उनमें से एक ने हमला कर दिया। उनका कॉलर पकड़ा और उन्हें मारा। फिर भैया ने भी उसे तीन-चार थप्पड़ मारे और उनके पिता को बुला कर लाने को कहा। मगर, वो लोग वहाँ से गए और आरा मशीन से शीशम की बड़ी सी लकड़ी लेकर लेकर आए। ”

गौरव आनंद बताते हैं कि वो लोग उस लकड़ी से उनके पिता पर हमला करने जा रहे थे। तभी उनके भैया ने हाथ लगा दिया, जिसकी वजह से उनकी छोटी उंगली के पास फ्रैक्चर हो गया। इसके बाद वह गाली-गलौच करने लगे, जिसे देख कर वहाँ मौजूद लोगों ने उसे पकड़ा और बार-बार गाली देने पर उसे पीटा भी। थोड़ी देर बाद उनके पक्ष (जाति) की महिलाएँ इकट्ठा हो गईं और दुकान पर पत्थर फेंकने लगीं। 

गौरव का कहना है, “उन महिलाओं को पूरा मामला पता भी नहीं था फिर भी उन्होंने केवल यह देखकर कि लड़का उनकी जाति का है, हम पर हमला कर दिया। अगर वो महिलाएँ इस तरह हमला नहीं करती, तो हम इस मामले में दूसरे पक्ष को ‘दूसरी जाति’ कहकर संबोधित नहीं करते और मामला दोनों पक्ष का निजी ही होता। मगर, लड़कों की जाति देखते हुए उन्होंने हम पर बेवजह हमला किया। बाद में लड़कों के घरवालों ने भी आकर हमसे गाली गलौच किया। पुलिस को बुलाया तो वह आधे घंटे बाद पहुँची, जबकि चौकी ज्यादा दूर नहीं है।”

उनके अनुसार, इलाके में उस जाति (यादव जाति) का दबदबा होने के कारण समझौते की बात हुई थी। मगर, शाम को 7 बजे के आस-पास कुछ लोग हथियार से लैस होकर आए और उनके पिता पर बंदूक तान दी। जब गौरव अपने पिता को बचाने गए तो उनपर वार किया गया, जिससे उनकी आँख पर चोट आ गई और फिर उनके सिर पर डंडे से हमला किया गया।

इसके बाद वह बेहोश हो गए। बाद में दूसरा पक्ष उनकी दुकान से 60,000 रुपए और मोबाइल लेकर चला गया। गौरव का कहना है, “इस मामले में हमारे तुरंत शिकायत के बाद दूसरे पक्ष ने भी हम पर 4 सितम्बर को एफआईआर की है। जिसमें उन्होंने झूठा इल्जाम लगाया है कि हम लोग घात लगाकर पुल पर बैठे थे। जबकि हम सीए की तैयारी कर रहे हैं। घर से बाहर रहते हैं। हम यहाँ आकर ये सब करेंगे?”

गौरव ने ट्विटर पर क्या बताया

ऑपइंडिया से की गई अधिकांश बातों का जिक्र गौरव के ट्विटर अकाउंट पर मौजूद है। वहाँ उन्होंने आपबीती साझा करते हुए लिखा है कि उन लोगों को गोली मारने की धमकी दी गई। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरे पक्ष खुलेआम घूम रहे हैं। वह बताते हैं कि वो सीए के छात्र हैं और उनकी इस नवंबर में परीक्षा होने वाली है। उन्होंने कभी भी जिंदगी में मारपीट नहीं की। अब सरकार को तय करना होगा कि बिहार में उन्हें कैसे लोग चाहिए। स्थानीय पुलिस तो समझौते के लिए बोल रही है।

अपने ट्विटर पर उन्होंने बताया कि 29 अगस्त को हमला करने के बाद वो लोग उनके घर में घुसने वाले थे। लेकिन उनकी माँ ने दरवाजा बंद कर दिया। जिसके बाद उन्होंने दुकान को लूटा। जो लोग बचाने गए उन्हें भी मारा गया। गौरव के अनुसार उन्हें सिर में 3 टाँके आए हैं, जिन अंकल ने दुकान बचाने की कोशिश की, उन्हें 12-15 टाँके आए हैं। उनके भैया के कलाई के पास फ्रैक्चर हुआ है। पुलिस ने तब भी उन्हें नहीं पकड़ा है।

उन्होंने बताया कि उनकी बात आईपीएस गुप्तेश्वर पांडे से भी हुई थी। पर, उन्होंने एसपी से बात करने को कहा। इसके बाद 5 सितंबर को गौरव का ट्वीट है कि पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि कार्रवाई होगी। सब विधिवत हो रहा है। 6 सितंबर को गौरव ने बताया दूसरे पक्ष सिर पर किसी बड़े नेता का हाथ है। उन लोगों को बेल मिल जाने की बात सामने आई थी वो भी बिना गिरफ्तारी के। लेकिन बाद में हमें पता चला कि वह सब अफवाह थी।

7 सितंबर को गौरव ने बताया, उन लोगों पर केस हुआ है। दूसरे पक्ष ने उन पर यह आरोप लगा दिया है कि उन्होंने (गौरव के परिजन की ओर से) हमला हुआ और उन्होंने ही उनके पैसे और चेन छीनी, फिर मारपीट भी की। इसी सबके बीच वो लोग घायल हुए।

गौरव का कहना है कि एफआईआर में उनका नाम शामिल है। उन्होंने आईपीएस गुप्तेश्वर पांडे को टैग करके गुहार लगाई है कि नवंबर में उनकी परीक्षा है । वो इन सबमें रहेंगे तो कैसे ध्यान लगाएँगे। वो अपील करते हैं कि उनका पुराना रिकॉर्ड चेक कर लिया जाए। कॉलेज में कॉमर्स के छात्र हैं और पढ़ाई को ही कर्म समझा है।

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