Sunday, May 28, 2023
Homeदेश-समाज1994 में गिरफ्तार, 2022 में बरी: 28 साल बाद जेल से निकल फूट-फूट रोए...

1994 में गिरफ्तार, 2022 में बरी: 28 साल बाद जेल से निकल फूट-फूट रोए बीरबल भगत, भारतीय न्याय व्यवस्था की इस ‘तस्वीर’ पर क्यों नहीं होती बात

भगत को 21 अप्रैल 2022 को बाइज्जत बरी किया गया। उन्हें 1993 में अपहरण और हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उस समय उनकी उम्र 28 साल थी। गिरफ्तारी के बाद से वे विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद थे।

भारत की विभिन्न अदालतों में 4.70 करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित हैं। इसका दुष्प्रभाव एक आम आदमी पर कैसे पड़ता है बीरबल भगत इसके ताजा उदाहरण हैं। 28 साल बाद जब भगत को अदालत ने बाइज्जत बरी किया और वे जेल से बाहर निकले तब तक उनकी पूरी जिंदगी ही बदल चुकी थी। माँ-बाप दुनिया छोड़कर जा चुके थे। रिश्तेदार नाता तोड़ चुके थे।

भगत को 21 अप्रैल 2022 को बाइज्जत बरी किया गया। उन्हें बिहार में अपहरण और हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। उस समय उनकी उम्र 28 साल थी। गिरफ्तारी के बाद से वे विचाराधीन कैदी के तौर पर जेल में बंद थे। अब जब अदालत ने उन्हें निर्दोष पाया उनकी पूरी जवानी जेल की सलाखों के भीतर बीत चुकी है।

बाइज्जत बरी होने के बाद बीरबल भगत अदालत में ही फूट-फूटकर रो पड़े। रिपोर्ट के मुताबिक बीरबल गोपालगंज जेल में बीते 28 साल से बंद थे। उनके मामले में फैसला सुनाते हुए जिला एवं सत्र न्यायधीश पाँच विश्वविभूति गुप्ता की कोर्ट ने पुलिस पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि मामले के ट्रायल के दौरान पुलिस न तो कोर्ट में सबूत रख सकी और न ही मामले की छानबीन कर रहे जिम्मेदार लोग ही कोर्ट आ पाए। यहीं नहीं जिस शव के आधार पर बीरबल को आरोपित किया गया था, उसका पोस्टमार्टम करने वाले भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। अभियुक्त के खिलाफ किसी भी तरह का सबूत पेश नहीं कर पाने के कारण उसे अंतत: दोषमुक्त किया गया है। खास बात ये रही कि इस मामले में 28 साल बीत गए, लेकिन पुलिस चार्जशीट दाखिल ही नहीं कर पाई।

क्या है पूरा मामला

इस मामले की शुरुआत जून 1993 से होती है। तब बीरबल भगत की उम्र 28 साल की थी। भोरे थाना क्षेत्र के हरिहरपुर के रहने वाले सूर्यनारायण भगत 11 जून 1993 को बीरबल के साथ बिहार के मुजफ्फरपुर जाने के लिए निकले। लेकिन सूर्यनारायण अपने घर नहीं पहुँचे। वे रास्ते से ही लापता हो गए। बाद में सूर्यनारायण के बेटे सत्यनारायण ने भोरे थाने में बीरबल के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। कुछ दिन बाद देवरिया की पुलिस को एक शव मिला, लावारिस मान पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

इस बीच देवरिया पुलिस द्वारा जारी तस्वीरों के आधार पर पहचान हुई कि शव सूर्यनारायण का ही था। इसके बाद 27 जनवरी 1994 को बीरबल को पुलिस ने एक दूसरे केस में गिरफ्तार कर लिया। वहाँ 11 साल तक रहने बाद बीरबल को भोरे पुलिस ने रिमांड पर लिया और गोपालगंज जेल में बंद कर दिया औऱ तब से वे वहीं बंद थे। अब जब वो बरी हुए तो उनकी उम्र 57 साल हो चुकी है। जेल में बंद रहते हुए उनके माता-पिता की भी मौत हो गई और वो उन्हें कंधा तक नहीं दे पाए। 22 अप्रैल 2022 को उन्हें जेल से छोड़ दिया गया। जेल से छूटने के बाद बीरबल ने उन्होंने बाहर आने की आशा ही छोड़ ही दी थी।

भारतीय न्याय व्यवस्था की लेटलतीफी के बीरबल इकलौते पीड़ित नहीं हैं। पर असल सवाल यह है कि रसूखदारों के लिए किसी भी वक्त बैठ जाने के आरोपों से घिरी न्याय व्यवस्था की इस तस्वीर में सुधार के प्रयास कब शुरू होंगे जिसका आम आदमी पीड़ित है।

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कॉलेज में मुस्लिम दोस्तों के कारण अपना लिया इस्लाम, आतंकी से निकाह: हुदा की कहानी ‘The Kerala Story’ जैसी, अब कहती है – विज्ञान...

हुदा ने दावा किया कि पर्दा करने वाली उसकी मुस्लिम सहेलियों को देख कर उसके मन में ख्याल आया कि उनसे कोई छेड़खानी नहीं करता। फिर उसने इस्लामी मुबल्लिगों को सुनना शुरू किया।

बारिश ने किरकिरा कर दिया मजा, अब क्या होगा IPL फाइनल का? यहाँ जान लीजिए सारे नियम-कानून, गुजरात की हो सकती है बल्ले-बल्ले

अगर टॉस हो जाता है और रविवार (28 मई, 2023) को एक गेंद भी फेंक दिया जाता है तो सोमवार को मैच फिर वहीं से शुरू होगा जहाँ आज खत्म हुआ था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
258,702FollowersFollow
415,000SubscribersSubscribe