Saturday, September 14, 2024
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‘मेरे भी घर में बहन-बेटियाँ, कैसे चुप बैठता?’: सुनिए भगवाधारी संन्यासी को, जो तिरंगा लेकर बंगाल पुलिस के सामने डटे रहे

हावड़ा पुल पर भगवा वस्त्र पहने एक बुजुर्ग तिरंगा लेकर पुलिस के सामने डटे रहे और पानी की बौछारें झेलते रहे, लेकिन भागे नहीं। उन्होंने पुलिस वालों से गुलामी छोड़कर मार्च में शामिल होने का अनुरोध किया था।

कोलकाता में छात्रों द्वारा बुलाए गए ‘नबन्ना मार्च’ को रोकने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। सड़क पर प्रदर्शनकारियों को पानी की बौछारों से पीछे ढकेलने की कोशिश की गई। इस बीच, एक वीडियो सामने आया, जिसमें हावड़ा पुल पर भगवा वस्त्र पहने एक बुजुर्ग तिरंगा लेकर पुलिस के सामने डटे रहे और पानी की बौछारें झेलते रहे, लेकिन भागे नहीं।

इस मामले में टीएमसी ने सवाल उठाया कि छात्रों के प्रदर्शन में इन बुजुर्ग का क्या काम था? हालाँकि अब वो बुजुर्ग मीडिया के सामने आए हैं। उनका नाम है बलराम बोस। बलराम बोस ने कहा कि छात्रों ने अपने प्रदर्शन में हर घर से एक व्यक्ति को प्रदर्शन में शामिल होने का अनुरोध किया था। मेरे भी घर में बेटी है, बहन हैं। ऐसे में मैं कैसे घर में बैठ सकता था।

बलराम घोष ने एएनआई से बातचीत में कहा, “आंदोलन का आह्वान छात्रों ने किया था, लेकिन कहा गया था कि हर घर से एक व्यक्ति इसमें शामिल हो। मेरे घर में भी महिलाएँ हैं। इसलिए हमें उनकी सुरक्षा के बारे में चिंतित होना चाहिए। अगर समाज अच्छा और सुरक्षित रहेगा, तो महिलाओं का सम्मान होगा। जहाँ महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहाँ भगवान नहीं रहते…आंदोलन में हिस्सा लेते हुए, मेरा मानना ​​था कि हमें अपनी आवाज नबन्ना तक पहुँचानी है।”

उनसे पूछा गया कि वो प्रदर्शन के दौरान पुलिस वालों को क्या इशारा कर रहे थे, इसके जवाब में बलराम घोष ने कहा, “जब पानी का बौछार हो रहा था, तब मेरे मन में अरविंद घोष की बात याद आई कि अगर कोई काम मन से करना हो, तभी करना चाहिए। ऐसे में मेरे मन में उनकी बात आई कि अगर नबन्ना तक हमें अपनी बात पहुँचाती है, तो फिर पहुँचानी है। मैं अगर मर भी जाता, तो कोई बात नहीं। मैं पुलिस वालों से कह रहा था कि जो पुलिस लोग सिस्टम की गुलामी करते हैं, मैं उस गुलामी की हथकड़ी को छोड़कर बाहर आने के लिए कह रहा था। कि आप हमारे साथ नबन्ना चलो, नहीं तो पानी की बौछार हमारे ऊपर करते रहो।”

उन्होंने कहा, “एक सनातनी हूँ, भगवान शिव का भक्त हूँ…मैं नहीं चाहता कि कोई राजनीतिक दल इस आंदोलन को प्रभावित करे या भटकाए। हमें न्याय चाहिए और कुछ नहीं।”

बीजेपी नेत्री लॉकेट चटर्जी ने बलराम घोष का वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा था, “अराजकता का अंत करो, फासीवाद का अंत करो। हम सभी टीएमसी के अत्याचार का अंत करने की माँग करते हैं। पानी की बौछारों के बीच हाथ में तिरंगा लेकर यह व्यक्ति अत्याचार के खिलाफ अपने दृढ़ निश्चय को दर्शा रहा है। ममता बनर्जी, मैं उनके साथ खड़ी हूँ, राज्य के लोग उनके साथ खड़े हैं और पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में न्याय की माँग करते हुए छात्रों ने प्रदर्शन का आह्वान किया था। छात्रों ने ममता बनर्जी के इस्तीफे की माँग करते हुए मंगलवार (27 अगस्त 2024) ‘नबन्ना अभियान’ की घोषणा की थी और नबन्ना बिल्डिंग कूच करने का ऐलान किया था। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने छात्रों पर जमकर लाठीचार्ज किया था और पानी की बौछारों, बैरिकेडिंग की सहायता ली थी। यही नहीं, छात्र प्रदर्शनकारियों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार भी किया गया है, जिसके खिलाफ बीजेपी ने पूरे दिन प्रदर्शन किया और बुधवार (28 अगस्त) को भी ये प्रदर्शन जारी रहा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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