Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजममता बनर्जी पर ₹5 लाख जुर्माना, नंदीग्राम की सुनवाई से HC के जस्टिस कौशिक...

ममता बनर्जी पर ₹5 लाख जुर्माना, नंदीग्राम की सुनवाई से HC के जस्टिस कौशिक ने खुद को किया अलग

तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कई तस्वीरों-बैनरों के जरिए उन पर भाजपा का करीबी होने का आरोप लगाया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि इन घटनाओं से लगता है कि जानबूझ और सोच-समझ कर उनके निर्णय पर असर डालने की कोशिश की गई।

कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कौशिक चंदा ने पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम चुनाव परिणाम को लेकर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। पश्चिम बंगाल में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में राज्य में तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की तो जीत हुई, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम में भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा। ममता बनर्जी ने ही उनके इस सुनवाई से अलग होने की माँग की थी।

हालाँकि, इसके लिए खर्च के रूप में कलकत्ता हाईकोर्ट ने TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी को 5 लाख रुपए जमा कराने का भी आदेश दिया है। ममता बनर्जी का आरोप है कि नंदीग्राम चुनाव परिणाम में धाँधली हुई है और फर्जीवाड़ा कर के शुभेंदु अधिकारी को विजयी घोषित किया गया। जस्टिस कौशिक चंदा ने बताया कि जब 18 जून, 2021 को ये केस उनके सामने आया था, तब उनके पीछे हटने की कोई माँग नहीं की गई थी।

लेकिन, सुनवाई के बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कई तस्वीरों-बैनरों के जरिए उन पर भाजपा का करीबी होने का आरोप लगाया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि इन घटनाओं से लगता है कि जानबूझ और सोच-समझ कर उन्हें इस सुनवाई से हटाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि उनके निर्णय पर असर डालने की कोशिश की गई। कोर्ट ने कहा कि सोची-समझी मानसिक प्रताड़ना और बदनाम करने की कोशिश के लिए याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए जमा कराने के आदेश दिए जाते हैं।

ये रकम दो सप्ताह के भीतर ‘पश्चिम बंगाल बार काउंसिल’ में जमा कराई जाएगी। इस रकम का इस्तेमाल उन वकीलों के परिजनों के लिए किया जाएगा, जिनकी कोरोना के कारण मौत हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि पूर्व में किसी जज के किसी राजनीतिक दल से जुड़े होने के कारण उसे सुनवाई से हटाने की माँग करना ठीक नहीं है, कोई हर जज का कोई न कोई राजनीतिक झुकाव होता है।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने नोट किया कि भारत के प्रत्येक नागरिक की तरह जज भी अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं, इसीलिए इस तरह की बातें नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हर जज का राजनीतिक जुड़ाव वाला इतिहास खँगाल कर केस से हटाने की माँग की जानी लगे तो ये ‘बेंच हंटिंग’ होगा। जज कौशिक चंदा ने कहा कि वो व्यक्तिगत रूप से इस मामले में आगे की सुनवाई करने का कोई इरादा नहीं रखते, क्योंकि वो नहीं चाहते कि नए विवाद को जन्म देकर कोई न्यायपालिका पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा कि ये मामला मुख्य न्यायाधीश की तरफ से बिना किसी भेदभाव के उन्हें सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि वो इस केस से खुद को अलग कर रहे हैं, क्योंकि जो दो लोग इस मामले से जुड़े हुए हैं वो राज्य में राजनीति के शिखर पर हैं। उन्होंने कहा कि समस्याएँ पैदा करने वाले इसे मुद्दा बन कर फिर हंगामा कर सकते हैं, इसीलिए उनके बिना ही इस मामले की अन्य मामलों की तरह निर्बाध सुनवाई होनी चाहिए।

ममता बनर्जी का आरोप था कि जज बनने से पहले कौशिक चंदा भाजपा के सक्रिय सदस्य हुआ करते थे। उन्होंने कहा था कि चंदा ने भाजपा सरकार में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में सेवा दी थी। उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा था। जब इस पत्र का कोई जवाब नहीं आया तो सीएम बनर्जी ने कोर्ट में एप्लीकेशन दायर किया। 24 जून को इस पर सुनवाई शुरू हुई।

हालाँकि, ये हाल में ऐसा पहला मामला नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में पहले इंदिरा बनर्जी ने खुद को बंगाल चुनाव बाद हिंसा वाले मामले से और अब नारदा स्टिंग केस से अनिरुद्ध बोस ने खुद को अलग कर लिया था। इंदिरा बनर्जी ने राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में सुनवाई से खुद को अलग करते हुए कहा था, मुझे इस मामले को सुनने में कुछ कठिनाई हो रही है। वहीं जस्टिस अनिरुद्ध बोस बोस सर्वोच्च न्यायालय में आने से पहले कोलकाता हाईकोर्ट के जज थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -