Saturday, July 27, 2024
Homeदेश-समाजरेप केस में पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट, बदला...

रेप केस में पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं: कलकत्ता हाईकोर्ट, बदला लेने के लिए केस कराने की बढ़ती प्रवृत्ति देख की टिप्पणी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने 28 नवंबर 2023 को एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि बलात्कार के केस में पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं हो सकता है। दरअसल, जज ने झूठे और बदला लेने के इरादों से बलात्कार के केस दर्ज कराने के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर यह टिप्पणी की।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार (28 नवंबर 2023) को एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि बलात्कार के केस में पीड़ित महिला का बयान सबसे बड़ा सबूत नहीं हो सकता है। दरअसल, जज ने झूठे और बदला लेने के इरादों से बलात्कार के केस दर्ज कराने के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर यह टिप्पणी की।

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अनन्या बंदोपाध्याय ने कहा, “बलात्कार की पीड़िता के घायल होने को ही ‘स्टर्लिंग विटनेस’ बताया गया है। एक रूढ़िवादी समाज में एक महिला खुद को या अपने परिवार को अपमानित नहीं करती है। ऐसी महिला खराब नैतिक व्यवहार का प्रदर्शन नहीं करती है। हालाँकि, ऐसी स्थिति को सार्वभौमिक नहीं माना जा सकता है।”

जज बंदोपाध्याय ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहाँ पीड़िता ने झूठ या बदला लेने के इरादे से रेप के केस दर्ज करवाए हैं। इन टिप्पणियों के साथ ही जज ने रेप और घर में जबरन घुसने के आरोप में जेल काट रहे एक दोषी को अपील की अनुमति दे दी।

मामला साल 2006 का है। दोषी व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपने पड़ोस में रहने वाली एक महिला के घर में जबरदस्ती घुस गया। वहाँ महिला को अकेली देखकर उसका बलात्कार किया। इस दौरान दोषी ने महिला के मुँह में कपड़ा ठूँस दिया, ताकि उसकी आवाज कोई सुन ना सके।

महिला ने अपने बयान में कहा था कि जब शख्स पुरुलिया स्थित उसके घर में घुसा था, तब वह अकेली थी। हालाँकि, कोर्ट में जब क्रॉस सवाल हुए तब उसने बताया कि जिस समय शख्स उसके घर में घुसा था, उस वक्त वह अपने बच्चे को स्तनपान करा रही थी।

कोर्ट के ध्यान में यह भी गया कि मेडिकल रिपोर्ट में विशेष तौर पर बलात्कार की बात नहीं है। यहाँ तक कि रेप की घटना के दौरान रेप पीड़िता द्वारा पहने गए कपड़ों की फोरेंसिक जाँच से संबंधित रिपोर्ट भी कोर्ट के रिकॉर्ड में थी। इस दौरान कोर्ट ने पाया कि महिला के बयानों में कई तरह की असमानता है।

कोर्ट ने माना कि यह जब पीड़िता के बच्चे को जमीन पर फेंक दिया गया था, तब उसने कोई आवाज नहीं उठाई, यह बात भी अस्वाभाविक सी है। दरअसल, पुरुलिया की कोर्ट ने पीड़िता के बयान के आधार पर शख्स को रेप का दोषी ठहराकर सजा सुनाई थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा है, वो अभूतपूर्व है।

जैसा राजदीप सरदेसाई ने कहा, वैसा ममता बनर्जी ने किया… बीवी बनी सांसद तो ‘पत्रकारिता’ की आड़ में TMC के लिए बना रहे रणनीति?...

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी भविष्यवाणी TMC सांसद सागरिका घोष के शौहर राजदीप सरदेसाई ने पहले ही कर दी थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -