झारखंड में करीब तीन महीने पुराने फेसबुक पोस्ट को लेकर समुदाय विशेष के लोगों ने जमकर बवाल काटा। घटना धनबाद के झरिया की है। गुरुवार (16 जनवरी 2020) को यहॉं पॉंच घंटे तक बवाल चला। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एक समुदाय के लोग उस मोहल्ले में हरवे-हथियारों के साथ घुस गए, जहॉं आरोपित विहिप कार्यकर्ता संजीव गिरि का घर है। मोहल्ले के दुकानों और घरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। महिलाओं के साथ बदसलूकी की गई। झरिया-सिंदरी मुख्य मार्ग जाम कर दिया। पथराव किया। यहॉं तक कि शवयात्रा में शामिल लोगों को भी पीटा गया।
इस संबंध में 7 पीड़ितों ने झरिया पुलिस से अलग-अलग लिखित शिकायतें की हैं। शिकायतों में तनवीर, सलमान, तासिम, विक्की, गुलाम इमाम, गोलू, समीर खान, छोटू, बबन मियाँ समेत अन्य पर हरवे-हथियार से लैस होकर मोहल्ले में घुसकर मारपीट करने, बाइक क्षतिग्रस्त करने, महिलाओं से अभद्र व्यवहार करने और दुकान में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया गया है।
ऊपर राजबाड़ी के गोपाल ने एसडीएम को बताया कि दर्जनों की संख्या में युवक उसके घर में घुस आए। गालियाँ बकीं। आपत्तिजनक नारे लगाए। घर के बाहर सीसीटीवी लगा है। युवकों की सारी कारस्तानी उसमें कैद है। एसडीएम ने सीसीटीवी फुटेज माँगे हैं। एसडीएम राज महेश्वरम ने कहा है कि तोड़-फोड़ करने वालों पर कार्रवाई होगी। उनको बख्शा नहीं जाएगा। सीसीटीवी फुटेज भी खँगाला जा रहा है।
बाद में ग्रामीण एसपी के नेतृत्व में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। इसके बाद हालात पर काबू पाया जा सका। इस दौरान पुलिस कतरास मोड़ स्थित विहिप कार्यालय में घुस गई। जिसके बाद वहाँ मौजूद विश्व हिन्दू परिषद नेताओं के साथ नोक-झोंक भी हुई। हालाँकि वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को सँभाल लिया। बताया जा रहा है कि सड़क के जाम के दौरान एंबुलेंस व कई अन्य वाहनों के चालकों के साथ भी मारपीट की गई।
धनबाद के एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि विवादित पोस्ट को लेकर हंगामा हुआ था, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है। विवादित पोस्ट डालने वाले युवक के साथ सड़क जाम और हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिस पोस्ट के कारण हंगामा हुआ, उसे संजीव ने 22 अक्टूबर 2019 को शेयर किया था। हालाँकि फिलहाल युवक ने विवादित पाेस्ट काे डिलीट कर दिया है और नया पाेस्ट करते हुए लिखा है, “मैंने जाे पाेस्ट शेयर किया था, उसके लिए मैं माफी माँगता हूँ।”
क़ानून जनता को डराने एवं उनकी आवाज़ दबाने के लिए नहीं बल्कि आम जन-मानस में सुरक्षा का भाव उत्पन्न करने को होता है।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January 8, 2020
मेरे नेतृत्व में चल रही सरकार में क़ानून जनता की आवाज़ को बुलंद करने का कार्य करेगी।
धनबाद में 3000 लोगों पर लगाए गए राजद्रोह की धारा को अविलंब निरस्त करने के 1/2 pic.twitter.com/Y0PMT84Vra
गौरतलब है कि धनबाद में अभी हाल ही में वासेपुर के लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर आपत्तिजनक नारे लगाए थे। प्रशासन की इजाजत के बिना शहर में जुलूस निकाला था। इससे शहर में घंटों अराजक स्थिति रही थी। इस घटना को लेकर करीब 3000 लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। हालॉंकि अगले ही दिन प्रशासन का रुख इनको लेकर नरम हो गया। खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी।
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