हिंदुओं की आस्था के केंद्र मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। इस मंदिर के प्रथम तल का निर्माण 70 फीसदी पूरा हो चुका है। इस बीच उस गर्भगृह की तस्वीर सामने आई है जहाँ रामलला विराजमान होंगें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में प्रभु श्रीराम की प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में बन रहा भगवान श्रीराम का मंदिर अब आकार ले रहा है। गर्भगृह का निर्माण कार्य सबसे तेजी से चल रहा है। फिलहाल गर्भगृह के सभी स्तंभ खड़े हो चुके हैं। मंदिर पर चढ़ने के लिए अब तक 24 सीढ़ियाँ बनाई जा चुकी हैं। वहीं, बाकी काम भी जोरों पर है। रामलला के दर्शन करने के लिए भक्तों को 32 सीढ़ियाँ चढ़नी होंगी।
गर्भगृह में निर्माण मार्च 2023 में ही गर्भ गृह की छत बनाने की योजना है। यह छत मकराना के श्वेत संगमरमर की गढ़ी शिलाओं से बनाया जाएगा। छत बनने के बाद इसमें बिजली, पानी, दरवाजे लगाए जाने का काम होगा। इसके बाद दरवाजा, खिड़की इत्यादि लगाने का काम होगा। मंदिर के गर्भगृह के निर्माण में 13 हजार 300 घनफीट सफेद संगमरमर का प्रयोग होना है।
दैनिक जागरण ने अपनी रिपोर्ट में कार्यदायी संस्था से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस वर्ष के अंत तक मंदिर के पहले चरण का काम पूरा हो जाएगा। अगले वर्ष यानी 2024 में मकर संक्रांति तक रामलला को गर्भगृह में विराजमान हो सकते हैं। इसके लिए मंदिर परिसर में पंचायतन की पूजा शुरू हो चुकी है। यह पूजा रामलला के विराजमान होने तक चलती रहेगी। फिलहाल मंदिर के गर्भगृह की तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने शेयर की है।
जय श्री राम।
— Champat Rai (@ChampatRaiVHP) March 17, 2023
‘गृभगृह’ की तस्वीर, जहाँ प्रभु श्री रामलला विराजमान होंगे। pic.twitter.com/HtxSAayZi0
मंदिर निर्माण को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा है, “जनवरी 2024 के तीसरे सप्ताह में, राम लला की मूर्ति को उनके मूल स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए जाएँगे। राम मंदिर के भव्य उद्घाटन के लिए अयोध्या में दिसंबर 2023 से ही कार्यक्रम शुरु होंगे। मंदिर निर्माण और 2024 के आम चुनाव आपस में नहीं जुड़े हैं। हम सिर्फ अपना काम कर रहे हैं। रामलला की मूर्ति को एक मंदिर में स्थापित करने से पहले लंबे समय तक एक कपड़े के पंडाल में रखा गया था। लेकिन अब भगवान को उनके मूल स्थान पर स्थानांतरित करने का समय आ रहा है।”