Wednesday, April 24, 2024
Homeदेश-समाज'...वो गाली नहीं, लोकतंत्र में आलोचना होगी ही': उद्धव ठाकरे के खिलाफ ट्वीट करने...

‘…वो गाली नहीं, लोकतंत्र में आलोचना होगी ही’: उद्धव ठाकरे के खिलाफ ट्वीट करने वाली महिला की याचिका पर बॉम्बे HC

"सिर्फ एक शब्द का प्रयोग करना आपत्तिजनक नहीं हो जाता। सुनैना ने एक विशेषण का प्रयोग किया था, जो गाली नहीं है बल्कि 'Foolish Emotions' को दर्शाता है।"

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि एक लोकतंत्र में न्यायपालिका की भी आलोचना की जा सकती है और उसे इसके लिए तैयार रहना चाहिए। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि ‘अदालत की अवमानना’ एकदम अंतिम उपाय या हथियार होना चाहिए। मंगलवार (दिसंबर 15, 2020) को एक महिला सुनैना होली द्वारा दायर की गई याचिका पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने ये कहा। महिला को उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य के खिलाफ ट्वीट्स करने पर गिरफ्तार किया गया था।

पीड़िता सुनैना होली अपने खिलाफ मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR को रद्द करवाने के लिए कोर्ट पहुँची थीं। जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की पीठ ने कहा कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को पता है कि आलोचना होने वाली है। ‘अदालत की अवमानना’ को कोर्ट ने अंतिम हथियार करार दिया और साथ ही जजों ने इसे अपनी व्यक्तिगत राय भी बताया। सुनैना के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने दलील दी कि FIR में कोई अपराध साबित नहीं किया जा सका है।

उन्होंने कहा कि सुनैना ने एक विशेषण का प्रयोग किया था, जो गाली नहीं है बल्कि ‘Foolish Emotions’ को भी दर्शाता है। उन्होंने दलील दी कि सिर्फ एक शब्द का प्रयोग करना आपत्तिजनक नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है, उसे और ज्यादा अटेंशन मिल जाता है। उन्होंने उदाहरण दिया कि हाल ही में एक कॉमेडियन के खिलाफ एक्शन लिया गया, अगर ये नहीं होता तो शायद ही किसी को कुछ पता चलता।

इस पर पीठ ने उन्हें टोका कि ये कॉमेडियन वाला मामला फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीन है। कोर्ट ने कहा कि सभी चीजें नहीं पढ़ी जातीं और इस मामले के विवरण पढ़ने के लिए समय भी नहीं है। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के वकील मनोज मोहिते ने कहा कि आपत्तिजनक ट्वीट्स और टिप्पणियाँ करने वालों के उद्देश्य को देखा जाना चाहिए। HC बेंच ने FOE (अभिव्यक्ति की आजादी) के अधिकार की बात करते हुए कहा कि दूसरों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना इसका प्रयोग किया जाना चाहिए।

साथ ही याद दिलाया कि इस मूलभूत अधिकार की सुरक्षा के लिए राजनेता, न्यायपालिका, मीडिया और सार्वजनिक ज़िंदगी में जो भी हैं – वो सभी जिम्मेदार हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि भारत में सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ऐसी आदिवासी समुदाय भी हैं, जिन्हें अपने मूलभूत अधिकारों का पता तक नहीं और उन तक इसे लेकर जागरूकता फैलाना प्रशासन के लिए कठिन कार्य है। कोर्ट ने कहा कि 130 करोड़ के इस देश में हमें बचपन से ही सहिष्णुता के बारे में पढ़ाया जाता रहा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा,

“हमारे देश में हमें अपने समाज की तरफ देखने की ज़रूरत है। जनसंख्या और सामाजिक संरचनाओं को देखिए। जो विदेशी यहाँ यात्रा करने आते हैं, वो हमारे देश की समरसता को देख कर आश्चर्यचकित हो जाते हैं। दूसरे देशों से सहिष्णुता को लेकर तुलना कीजिए और देखिए यहाँ कैसे 130 करोड़ लोग साथ मिलजुल कर रह रहे हैं। ये कोई मजाक नहीं है, ये आसान नहीं है। ये सहिष्णुता श्रेयस्कर है।”

गुरुवार (दिसंबर 17, 2020) को अदालत फिर से इस मामले को सुनेगी। वकील चंद्रचूड़ ने यूएस सुप्रीम कोर्ट का आँकड़ा देते हुए कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के जज 1 दिन में उतने मामले सुन लेते हैं, जितना अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट 1 वर्ष में सुनता है। उन्होंने कहा कि FIR कोई इनसाइक्लोपीडिया नहीं होता है। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पीएम का भी नाम लेता है तो पीएम एक पद है, आलोचना के लिए खुला है।

इससे पहले बॉम्बे HC ने इसी मामले में कहा था कि पूरे समाज के अधिकारों और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच लोगों को संतुलन बनाना ही पड़ेगा। उसने उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए पूछा कि क्या उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो ट्विटर पर कुछ आपत्तिजनक लिखेंगे। सुनैना द्वारा पोस्ट की गई 3 ट्वीट के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने 3 अलग-अलग FIR दर्ज की थी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe