Thursday, September 19, 2024
Homeदेश-समाजUP: पुलिस ने 200 लोगों के बौद्ध बनने की खबर बताई फर्जी, सरकारी योजना...

UP: पुलिस ने 200 लोगों के बौद्ध बनने की खबर बताई फर्जी, सरकारी योजना के कागज को कहा धर्मांतरण का सर्टिफिकेट

एसपी सिटी ने बताया कि जो नाम और नंबर दिखाए गए वह मैच नहीं करते थे और कुछ लोगों ने तो उन्हें खाली पन्ना तक दिखाया। उन्होंने कहा कि उन्हें वाल्मीकि समुदाय के लोगों से एक ज्ञापन जरूर मिला था, और अब उनकी समस्याओं को जल्द सुना जाएगा।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के ख़िलाफ़ चल रही एक और बड़ी साजिश से पर्दा उठा है। हाल में कुछ रिपोर्ट्स आई थीं कि वाल्मिकी समुदाय के लोगों ने आर्थिक तंगी व उत्पीड़न के कारण बौद्ध धर्म अपना लिया। यह भी दावा किया गया कि हाथरस की घटना के बाद गाजियाबाद में इस घटना के विरोध में कथित दलित समुदाय के तकरीबन 200 से ज्यादा लोगों ने धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपना लिया। अब इसी मामले में ताजा खुलासे से पता चला है कि यह सब मात्र उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के ख़िलाफ़ एक साजिश थी

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में धर्मांतरण की खबरें आने के बाद एक स्थानीय भाजपा नेता ने इस खबर को फेक न्यूज करार दिया, जिसके बाद प्रशासन ने अपनी जाँच शुरू की। पड़ताल में पता चला कि पूरा केस ही झूठा है और कहीं भी किसी प्रकार के धर्मांतरण के सबूत नहीं मिले। इसके अलावा, किसी तरह का कोई सर्टिफिकेट, पंजीकरण नंबर आदि भी जाँच के दौरान नहीं मिला है जिससे धर्म परिवर्तन की खबर सही साबित होती।

धर्म परिवर्तन मामला

खबरों में दावा किया गया था कि 14 अक्टूबर को आर्थिक तंगी व उत्पीड़न से तंग आकर 50 दलित परिवारों के 236 लोगों ने बौद्ध धर्म अपना लिया। रिपोर्ट्स में बताया गया था कि यह मामला साहिबाबाद पुलिस थाने के करेरा गाँव का है, जहाँ लोगों को धर्म परिवर्तन के बाद सर्टिफिकेट भी दिए गए।

इस संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति मोंटू वाल्मिकी ने पुलिस थाने में शिकायत करवाई थी। अपनी शिकायत में मोंटू ने कहा था कि धर्मांतरण की पूरी कहानी केवल समाज में अशांति फैलाने के लिए गढ़ी गई। जब पुलिस ने इस मामले में जाँच की तो आपराधिक साजिश का खुलासा हुआ और यह भी पता चला कि लोगों को सरकारी योजनाओं के बहाने कागज प्रस्तुत किए गए थे और बाद में उन्हें ही धर्मांतरण के कागज कह दिया गया।

पुलिस की जाँच रिपोर्ट

सिटी एडीएम शैलेंद्र सिंह ने एसपी के साथ इलाके के निरीक्षण में धर्मांतरण का कोई सबूत नहीं पाया। अपनी जाँच रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि उन्हें कोई धर्म परिवर्तन के सबूत नहीं मिले और न ही कोई पंजीकरण नंबर मिला।

एसपी सिटी ने बताया कि जो नाम और नंबर दिखाए गए वह मैच नहीं करते थे और कुछ लोगों ने तो उन्हें खाली पन्ना तक दिखाया। उन्होंने कहा कि उन्हें वाल्मीकि समुदाय के लोगों से एक ज्ञापन जरूर मिला था, और अब उनकी समस्याओं को जल्द सुना जाएगा।

भाजपा ने आम आदमी पार्टी पर लगाए आरोप

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने क्षेत्र में गंदी राजनीति का इल्जाम आम आदमी पार्टी पर लगाया है। भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि इलाके में कोई धर्मांतरण नहीं हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ISI और दाऊद इब्राहिम के बीच सांठगांठ देश में अस्थिरता और सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए पवन नामक व्यक्ति को 10 लाख रुपए का भुगतान किया गया था।

यहाँ बता दें कि मीडिया में धर्म परिवर्तन की यह खबर आने के बाद वामपंथी गिरोह ने बड़ी तेजी से इसे आगे बढ़ाया। सत्यहिंदी के सह संस्थापक व पूर्व AAP नेता आशुतोष ने समाचार पत्र की कटिंग शेयर करते हुए लिखा कि उन्हें उम्मीद है इसे आरएसएस पढ़ रही होगी। आशुतोष ने ट्वीट में लिखा कि योगी सरकार और यूपी में भाजपा के लिए गंभीर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पेजर वालों को दफनाने गए, दूसरे ब्लास्ट में उड़ गए… लेबनान में अब वॉकी-टॉकी में धड़ाधड़ विस्फोट, इजरायल के हमले में फिर कई हिज़्बुल्लाह...

विस्फोट छोटे पैमाने पर थे, लेकिन पिछले दिन हुए हमलों से मेल खाते हैं। लेबनान की सरकारी न्यूज़ एजेंसी NNA ने दावा किया कि बेका क्षेत्र में 3 की मौत हुई है।

जब आई मुश्किल परिस्थिति तो हनुमान चालीसा और ‘ॐ नमः शिवाय’ ने दिया साथ: साथ बैठे गौतम गंभीर और विराट कोहली, याद किए मैदान...

गौतम गंभीर ने याद किया कि विराट कोहली ने बताया था कि वो हर गेंद से पहले 'ॐ नमः शिवाय' जपते थे और इसके बाद उन्हें खेलने में सुविधा होती थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -