Thursday, April 18, 2024
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विदेश से पंजाब आए 1330 लोगों को तलाश रही सरकार, क्वारंटाइन से बचने के लिए गायब होने का अंदेशा

विदेश से आने वाले लोगों द्वारा क्वारंटाइन होने से बचने के लिए गड़बड़ी करने के कई मामले सामने आए हैं। यूपी के 37 लोगों के एक दल ने मक्का से लौटने के बाद लगाया गया क्वारंटाइन का मुहर मिटा दिया था। ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के कई मामले कश्मीर से भी सामने आए हैं।

पिछले दो महीनों में बाहर से आए 55,000 लोगों में से 1,330 को ट्रेस कर पाने में पंजाब सरकार असफल रही है। पता चला है कि इन लोगों ने क्वारन्टाइन के संबंध में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार लापता 1,330 लोगों में जालंधर (ग्रामीण) से 204, लुधियाना से 172, मोहाली के 128, गुरदासपुर के 118, बटाला और अमृतसर (ग्रामीण) से 84-84 और होशियारपुर के 63 लोग शामिल हैं। राज्य के गृह विभाग ने अब फिर से सभी डिविजनल, डिप्टी और पुलिस कमिश्नरों को उन सभी लोगों को ट्रेस करने को कहा है जो राज्य में 30 जनवरी के बाद दाखिल हुए हैं। राज्य सरकार ने इन सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन यात्रियों को ट्रैक करने के लिए जिलों को सेक्टरों में विभाजित कर, प्रत्येक 8-10 गाँवों के लिए एक सेक्शन ऑफिसर नियुक्त करें।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने टेस्टिंग बढ़ा दी है पर विदेशों से लौट कर आए हुए लोग और एनआरआई 14 दिन के होम क्वारन्टाइन से बचने के लिए यहाँ-वहाँ छिपे घूम रहे हैं। उन्हें स्वयं तथा समाज के हित में स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार आचरण करने की जरूरत है।” रिपोर्ट में पंजाब के चीफ सेक्रेटरी करण ए सिंह के हवाले से कहा गया है, “आज की तारीख़ तक राज्य में 48,000 से ज्यादा लोग दूसरे देशों से आए हैं। इनमें से लगभग सभी को ट्रेस कर लिया गया है। सिर्फ उनको अब तक ट्रेस नहीं किया जा सका है जिनके पासपोर्ट में दिया गया पता सही नहीं है।”

चीफ सेक्रेटरी ने आगे कहा, “देश में हम पहले ऐसे राज्य हैं जिसने सभी एनआरआई को ट्रैक किया हुआ है। हमने न केवल ज्यादातर एनआरआई को ट्रैक कर के उन्हें होम क्वारन्टाइन किया है, बल्कि उनसे मिलने वालों को भी आइसोलेट किया गया है। इनमें से कुछ इस कदम से खुश नहीं हैं पर हमने उनसे अपील की है कि फिलहाल वे सभी अपने-अपने घरों में ही बने रहें।”

कल (27 मार्च) को ही कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने सभी राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों से कहा था कि बीते 18 जनवरी से 23 मार्च के बीच 15 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्री भारत आए हैं। इनकी सही प्रकार से निगरानी की जानी चाहिए थी। किन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि जितने यात्रियों की निगरानी अपेक्षित थी और जितनों की मॉनिटरिंग की गई उस के बीच एक बड़ा फासला रह गया है, जो कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई को काफी क्षति पहुँचा सकता है।

उन्होंने राज्य सरकारों से यह भी कहा था कि भारत में बाहर से आने वाली कॉमर्शियल फ्लाइट्स पर बैन लगाने के पहले जितने अंतरराष्ट्रीय यात्री बाहर से आए थे उनकी मॉनिटरिंग बढ़ाई जाए। मीडिया के अनुसार ये पहली बार नहीं है कि केंद्र ने राज्यों को उन भारतीय तथा गैर भारतीय लोगों पर निगाह रखने को कहा है जो बीते दिनों बाहर से आए हैं।

विदेश से आने वाले लोगों द्वारा क्वारंटाइन होने से बचने के लिए गड़बड़ी करने के कई मामले सामने आए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी के 37 लोगों का एक दल जब मक्का से मुंबई एयरपोर्ट पर उतरा तो उन्हें क्वारंटाइन की मुहर लगाई गई थी। लेकिन, इनलोगों ने बाद में एक विशेष इत्र के जरिए मुहर मिटा दी और ट्रेन तथा बसों के जरिए अपने घर पहुॅंच गए ताकि जॉंच से बच सकें। ट्रैवल हिस्ट्री छिपाने के कई मामले कश्मीर से भी सामने आए हैं। मीडिया में आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि विदेशों से आने वाले कुछ यात्री कोरोना संक्रमण छिपाने के लिए की जाने वाली थर्मल जाँच से पहले पैरासिटामॉल ले रहे थे। जानकारों के अनुसार कोरोना संक्रमित मरीज का यह बर्ताव न सिर्फ उनके खुद के लिए बल्कि सारे समाज और देश के लिए बेहद खतरनाक और गैर जिम्मेदाराना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार 28 मार्च की शाम तक भारत में 819 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। इनमें से 19 की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 79 स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। वहीं दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मरीजों का आँकड़ा 6 लाख पार कर चुका है। इसमें से 27,000 से ज्यादा की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 1.30 लाख से ज्यादा कोरोना के मरीज संक्रमण से ठीक होकर घर जा चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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