उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य की 23 करोड़ आबादी को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचाने के साथ बाहरी राज्यों में फँसे नागरिकों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुँचाने और करीब 15 लाख प्रवासी श्रमिकों के लिए राज्य में ही रोजगार देने के अभियान में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में मंगलवार (अप्रैल 28, 2020) सुबह टीम-11 के साथ हुई बैठक में इस संबंध में कई बड़े फैसले लिए।
मुख्यमंत्री ने टीम-11 के साथ मीटिंग में सबसे पहले उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की। सीएम योगी ने कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित आगरा, लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्ध नगर और मेरठ में ताजा स्थिति के संबंध में जायजा लिया और जरूरी निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने श्रमिकों और युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के संबंध में चर्चा की।
सीएम योगी ने दूसरे प्रदेशों से लॉकडाउन के दौरान अब तक यूपी में आए सभी प्रवासी श्रमिकों व युवाओं के लिए गाँवों, कस्बों और संबंधित जनपदों में ही 15 लाख रोजगार व नौकरियाँ उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई कमिटी की प्रगति की समीक्षा की और उन्हें इसमें गति प्रदान करने के लिए कहा।
सीएम ने कहा कि ये वो मजदूर हैं जो दूसरे प्रदेशों में काम करते थे और लॉकडाउन के कारण लौट आए हैं या लौटने वाले हैं। सीएम योगी ने यह भी कहा है कि लॉकडाउन के बाद राज्य में अकाल जैसी स्थिति बिल्कुल नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण काम है। हमने पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह को निर्देशित किया है कि ग्राम प्रधानों के माध्यम से मनरेगा और गाँवों के विकास कार्यों को आगे बढ़ाएँ। उत्तर प्रदेश में देश के बाकियों के राज्यों की तुलना में कोरोनावायरस के कम मामले हैं। देश भर में लगे लॉकडाउन की वजह से कई प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य वापस लौट आए हैं। उनके लिए भी रोजगार की व्यवस्था की जा रही है।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बुधवार (अप्रैल 29, 2020) से मध्यप्रदेश में मौजूद यूपी के मजदूरों को वापस लाने की व्यवस्था शुरू की जाए। इसके साथ ही सीएम ने जानकारी दी कि प्रयागराज में रह रहे 10000 छात्र-छात्राओं को उनके घर पहुँचाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है, उसे पूरी तरह सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि कोटा से आए 11000 छात्र-छात्राओं को परीक्षण कराकर उन्हें घरों में क्वारंटाइन किया गया है। सीएम ने इन छात्रों के देखरेख का भी निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इससे पहले एक मीटिंग के दौरान कहा था कि में 3 से 6 महीनों के भीतर कम से कम 15 लाख लोगों के रोजगार सृजन की ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। इसके लिए उन्होंने विभिन्न विभागों को सप्ताह भर में कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने निर्देश दिए थे।
उन्होंने कहा था कि एमएसएमई, ओडीओपी, एनआरएलएम, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन, खादी ग्रामोद्योग तथा मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन के कार्यों में तेजी लाई जाए। लॉकडाउन के बाद रोजगार पैदा करने और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की चुनौती है। इसके लिए अभी से तैयारी की जाए। इसके लिए उन्होंने बहुत सारे सुझाव भी दिए थे। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने खादी से मास्क बनाने का तरीका अपनाकर 20 लाख महिलाओं व 6 लाख बुनकरों को रोजगार उपलब्ध करवाया था।