Saturday, November 16, 2024
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न्यूड फोटो, इंटीमेट सीन, खुद के बनाए पोर्न वीडियो: दिल्ली दंगों के आरोपितों के मोबाइल में ये भी, डाटा शेयर करने पर कोर्ट की रोक

"अदालत के सामने दो सीलबंद लिफाफे पेश किए गए। इसमें मोबाइल फोन से ली गई तस्वीरें थीं। इनमें नग्न तस्वीरें, निजी अंतरंग क्षण और आरोपितों द्वारा खुद से बनाए गए अश्लील वीडियो हैं।"

दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के आरोपितों के मोबाइल में मिले डाटा को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। मोबाइल डाटा में न्यूड फोटो और पोर्न वीडियोज भी मिले हैं। इसे देखते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि आरोपितों के मोबाइल फोन से जुटाए गए डाटा सह आरोपितों को नहीं दिए जा सकते हैं। गुरुवार (28 अक्टूबर 2021) को यह निर्देश देते हुए अदालत ने कहा कि इससे निजता का अधिकार प्रभावित होगा।

दिल्ली की कड़कड़डूमा सेशन कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इस मामले की सुनवाई की। सीआरपीसी की धारा 207 के तहत आरोपितों ने डाटा साझा किए जाने की अपील की थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार जज रावत ने कहा, मोबाइल डाटा किसी भी अन्य आरोपितों या उनके वकीलों को देना संभव नहीं है। इस प्रकार की तस्वीरें और वीडियो साझा किए जाने पर यह आरोपितों के निजी जीवन पर प्रभाव डालेगी। उन्होंने आगे कहा, “अदालत के सामने दो सीलबंद लिफाफे पेश किए गए। इसमें मोबाइल फोन से ली गई तस्वीरें थीं। इनमें नग्न तस्वीरें, निजी अंतरंग क्षण और आरोपितों द्वारा खुद से बनाए गए अश्लील वीडियो हैं।”

अब इस मामले में सुनवाई 23 नवंबर को होगी। इससे पहले सुनवाई के दौरान एसपीपी अमित प्रसाद ने अदालत को बताया कि गोपनीयता की वजह से सीआरपीसी की धारा 207 के तहत आरोपितों को मोबाइल फोन से मिला डाटा नहीं दिया जा सकता है। वहीं आरोपितों की ओर से पेश वकीलों का तर्क था कि उन्हें मोबाइल से मिले डाटा की जरूरत होगी क्योंकि वे एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 10 सितंबर को इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान नताशा नरवाल और देवांगना कलीता के वकील ने कहा था कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को साझा किए जाने की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने अब तक जवाब नहीं दिया है, जबकि इस संबंध में अप्रैल में ही याचिका दायर की गई थी। गुरुवार को डाटा शेयर करने पर रोक लगाते हुए अदालत ने ये भी स्पष्ट किया कि मोबाइल फोन से मिले सारे डाटा पोर्नोग्राफिक ही नहीं हैं।

दिल्ली दंगों के मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल, देवांगना कलीता, जामिया कोर्डिनेशन कमेटी की सदस्य सफूरा जरगर, आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन सहित 13 आरोपित हैं। इन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज है। इनमें सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगना कलीता और नताशा नरवाल को जमानत मिल चुकी है। उल्लेखनीय है कि फरवरी 2020 के दंगों के दौरान 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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