Saturday, April 27, 2024
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‘निर्दोषों पर FIR दर्ज कर रंगदारी वसूलते थे’: परमबीर सिंह पर क्रि​केट बुकी, कारोबारियों ने लगाए गंभीर आरोप

जालान के अनुसार, एक समय तो परमबीर सिंह की केबिन में ही अधिकारियों ने उससे 10 करोड़ रुपए माँगे थे, लेकिन मामला 3 करोड़ रुपए पर आकर सेटल हुआ।

मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह पर रंगदारी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक क्रिकेट बुकी समेत 3 लोगों ने उन पर ये आरोप लगाए हैं। साथ ही महाराष्ट्र के DGP के पास इस सम्बन्ध में अलग-अलग शिकायतें भी दर्ज कराई गई है। बुकी सोनू जालान, कारोबारी केतन तन्ना और नूर अहमद पठान ने DGP संजय पांडे के पास अप्रैल में ही शिकायत दर्ज कराई थी। स्थानांतरण के बाद से ही परमबीर सिंह घिरे हुए हैं।

इन तीनों ने अपनी-अपनी शिकायत की कॉपी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल को भी भेजी है। जालान ने कहा है कि 2018 में जब परमबीर सिंह ठाणे पुलिस प्रमुख थे, तब उन्होंने उनके खिलाफ ‘महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत कार्रवाई की थी। ये मामला रंगदारी से जुड़ा हुआ था। जालान ने अन्य पुलिसकर्मियों के नाम भी लिए हैं।

इस पत्र में उस समय ठाणे में तैनात प्रदीप शर्मा और 2 अन्य पुलिस अधिकारियों के नाम भी हैं, जो उस वक़्त ‘एंटी-एक्सटॉरशन सेल’ का हिस्सा थे। तीनों शिकायतकर्ताओं ने कहा है कि परमबीर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि वे अपने बयानों की जाँच के लिए भी तैयार हैं। परमबीर सिंह ने इस सम्बन्ध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

सोनू जालान पर एक बड़ा बेटिंग नेटवर्क चलाने का आरोप है। उसने कहा है कि परमबीर सिंह ने उससे 3.45 करोड़ रुपए वसूले थे। इस मामले की जाँच अब CID कर सकती है। जालान का आरोप है कि परमबीर सिंह ने जान-बूझकर विवादित अधिकारियों को अपने साथ रखा था। उसने प्रदीप शर्मा पर भी 45 लाख रुपए माँगने के आरोप लगाए। उसने कहा कि ये अधिकारी मिलकर निर्दोषों के खिलाफ FIR दर्ज करते थे और उनसे रंगदारी वसूलते थे।

जालान के अनुसार, एक समय तो परमबीर सिंह की केबिन में ही अधिकारियों ने उससे 10 करोड़ रुपए माँगे थे लेकिन मामला 3 करोड़ रुपए पर आकर सेटल हुआ। प्रदीप शर्मा ने कहा कि ठाणे पुलिस जालान की जमानत के खिलाफ कोर्ट गई है, इसलिए वह आधारहीन आरोप लगा रहा। उन्होंने कहा कि जालान के खिलाफ खुद 8-10 केस चल रहे हैं और अब वो घिर चुका है तो खुद को बचाने के लिए ये सब कर रहा।

परमबीर सिंह फ़िलहाल मुंबई के DG (होमगार्ड) हैं। मुकेश अम्बानी की एंटीलिया के बाहर बम भरी कार मिलने और उसमें मुंबई पुलिस के सचिन वाजे का नाम आने के बाद इस मामले से ठीक से न निपटने के आरोप में परमबीर का ट्रांसफर हुआ था। फिर उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर विभिन्न प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपए की वसूली के आरोप लगाए। देशमुख ने भी इस्तीफा दिया।

इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस के ही एक इंस्पेक्टर भीमराव घडगे की शिकायत पर परमबीर के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर विदर्भ के अकोला जिले में दर्ज की गई थी। परमबीर और अन्य पुलिसकर्मियों पर 27 धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई। इनमें आपराधिक षड्यंत्र, सबूतों को नष्ट करने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 भी शामिल हैं।

परमबीर सिंह ने हाल ही में महाराष्ट्र के DGP संजय पांडे पर आरोप लगाया था कि वे उनके खिलाफ दर्ज किए मामलों को सेटल करने की बात कर रहे हैं, बशर्ते वो पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को वापस ले लें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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