उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बच्चे की कुत्ते के साथ फुटपाथ पर सोते हुए तस्वीर वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे सहारा दिया है। 10 साल के अंकित के पिता जेल में हैं और उसकी माँ उसे छोड़कर चली गई थी।
समाचार पत्र ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, अंकित मेहनत कर खुद अपना पेट तो पालता ही है, साथ में उस कुत्ते के भी खाने-पीने का पूरा इंतजाम करता है। ये कुत्ता अंकित के साथ दिनभर रहता है और अंकित ने ही उसे ‘डैनी’ नाम दिया है। एसएसपी अभिषेक यादव के निर्देश पर पुलिस ने अंकित को गत सोमवार (दिसंबर 14, 2020) को ढूँढ निकाला और अब अंकित उत्तर प्रदेश पुलिस के संरक्ष्ण में है।
बताया जा रहा है कि अंकित नाम के इस बच्चे को ये भी याद नहीं है कि वो कहाँ का रहने वाला है। उसको बस इतना याद है कि उसका पिता जेल में हैं और उसकी माँ ने उन्हें छोड़ दिया है। अंकित अपने गुजारे के लिए गुब्बारे बेचता है या चाय की दुकानों पर काम करता है। अंकित अपने एकमात्र दोस्त, ‘डैनी’ कुत्ते के साथ फुटपाथ पर सोता है। दस साल के मासूम का जीवन पिछले कई सालों से ऐसा ही था।
कुछ ही दिन पहले, किसी व्यक्ति ने एक बंद दुकान के बाहर रात में एक कंबल में सोते हुए अंकित और उसके ‘दोस्त डैनी’, दोनों की तस्वीर क्लिक की और यह वायरल हो गई। तभी से उत्तर प्रदेश प्रशासन बच्चे का पता लगाने की कोशिश कर रहा था। आखिरकार सोमवार सुबह बच्चा पुलिस को मिल ही गया।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने कई दिनों पहले पुलिस टीम पर दबाव डाला था जिसके बाद 9-10 साल का दिखने वाला अंकित अब जिला पुलिस की देखरेख में है। टी स्टाल के मालिक के अनुसार, अंकित का कुत्ता कभी भी उसका साथ नहीं छोड़ता है।
उनका कहना है कि जब तक लड़का दुकान में काम करता, कुत्ता एक कोने में बैठा रहता था। समाचार पत्र TOI के अनुसार, उन्होंने बताया कि अंकित बहुत ही स्वाभिमानी है और कभी भी मुफ्त में कुछ नहीं लेता, यहाँ तक कि अपने कुत्ते के लिए दूध भी नहीं।
मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा, “अब वह मुजफ्फरनगर पुलिस की देखरेख में है। हम उनके सम्बन्धियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी तस्वीरें आसपास के जिलों के विभिन्न पुलिस थानों में भेजी गई हैं। हमने जिला महिला और बाल कल्याण विभाग को भी सूचित किया है।”
एसएचओ अनिल कापरवान के मुताबिक, अंकित एक स्थानीय महिला शीला देवी के साथ रहता है, लड़का उससे परिचित है और उसे ‘बी’ कहता है, और जब तक उसका ठिकाना नहीं मिल जाता, वह एक निजी स्कूल में पढ़ेगा। स्थानीय पुलिस द्वारा स्कूल प्रबंधन से अनुरोध करने के बाद स्कूल उसे मुफ्त शिक्षा देने के लिए सहमत हो गया है।