उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान समुदाय विशेष की दंगाई भीड़ ने हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया। इस बात का सबूत वो अनेक आपबीती हैं, जिनमें हिंदुओं को न केवल इस्लामी भीड़ से बचने के लिए अपने हाथ का कलावा उतारकर एवं अन्य हिंदू चिह्नों को खुद से दूर करके सड़कों पर घूमना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें खुद को मुस्लिम तक बताना पड़ रहा है।
हिंसाग्रस्त इलाके चाँदबाग के एक विडियो में आप पार्षद ताहिर हुसैन के क्षेत्र में रहने वाला शख्स अपनी आपबीती सुना रहा है। ये विडियो 26 फरवरी का है। व्यक्ति की मानें तो ड्यूटी से लौटते वक्त ताहिर हुसैन के घर में मौजूद भीड़ ने उस पर हमला किया। उसके पकड़कर अंदर घसीटने लगी। लेकिन, हालातों को समझते हुए उसने समझदारी दिखाई। जान बचाने के लिए जल्दी से टोपी पहनी और भीड़ को अपना नाम इमरान बता जान बचाई।
व्यक्ति के मुताबिक इमरान नाम सुनते ही भीड़ ने उसे फौरन छोड़ दिया और वो भागकर अपनी गली में चला गया। सोचिए अगर, उस समय इस शख्स ने जान बचाने के लिए अपनी पहचान इमरान के रूप में नहीं बताई होती तो उसके साथ भी वही सब होता जो आईबी के अंकित शर्मा के साथ हुआ।
हिंदू व्यक्ति के मुताबिक, इस हमले में उसे चोटें आई। विडियो में वह अपने सूजे पैर और घुटने दिखा रहा है। व्यक्ति से जब पूछा गया कि क्या उस भीड़ ने जनेऊ वगैरह चेक करने की कोशिश नहीं की, तो व्यक्ति ने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। उन्होंने शर्ट पकड़कर खींचा। लेकिन मैंने कहा, “अरे मैं तो इमरान हूँ यार, तुम्हारा भाई हूँ, मुझे क्यों खींच रहे हो” तो उन्हें तुरंत जाने दिया गया।
गौरतलब है कि इस विडियो वीडियो में हिंदू व्यक्ति के अलावा कुछ महिलाएँ भी हैं। जो अपनी पीड़ा व्यक्त कर रही हैं। महिलाओं को कहते सुना जा सकता है कि वे लोग 4-5 दिन से भूखे पड़े हुए हैं। खाने के लिए कुछ नहीं हैं।
वहीं दूसरी महिला के मुताबिक इलाके में मौजूद एक मंदिर में भीड़ ने बहुत तोड़फोड़ की है। मंदिर के पंडित और पंडिताइन उसमें फँसे हुए थे। उनकी दो बेटियॉं भी हैं जो दूसरों के घर में रह रही हैं। इसकी जानकारी मिलने के बाद कुछ हिंदू इकट्ठा हुए और उन्हें किसी तरह बचाया गया।