Tuesday, March 19, 2024
Homeदेश-समाजकिसी ने काट लिया कलावा तो किसी ने फाड़ दिया 'जय श्री राम' का...

किसी ने काट लिया कलावा तो किसी ने फाड़ दिया ‘जय श्री राम’ का स्टीकर: पलायन करते हिन्दुओं का डर

"छोटी सी बच्ची है मेरी। आपने देखा ना 'जय श्री राम' वाला स्टीकर देख कर मजहबी दंगाइयों ने विनोद का क्या किया? आज हम हिन्दुओं का ये हाल है कि हम राम का नाम भी नहीं ले सकते। जला कर मार डालते हैं।"

डर का आलम ऐसा कि गोपाल काँप रहे थे। थड़थड़ाती आवाज़ में वे बोलते हैं- “हिन्दुओं को मार रहे हैं जी।” अनिश्चितता के इस दौरान में निरंकुश अत्याचार की बानगी गोपाल के चेहरे पर साफ़ देखी जा सकती थी। यही स्थिति है, दिल्ली के हिन्दुओं की। अगर आप हिन्दू हैं, तो आप हिन्दू दिखने का रिस्क नहीं ले सकते। हिन्दू दिखेंगे तो मारे जाने का डर है। रुद्राक्ष, कलावा, गाड़ी पर हिन्दू स्टीकर या तिलक- ये सब किसी अनहोनी का कारण बन सकता है या इसे बनाया जा सकता है, ‘उनके’ द्वारा। बुधवार (फरवरी 26, 2020) के सुबह की बात है, जब गोपाल अपनी बाइक साफ़ कर रहे थे।

अब तक ये काम उनके छोटे भाई शिवा करते आ रहे थे। गोपाल की पत्नी जया घर के कुछ छोटे-मोटे सामान एक जगह रखने में लगी हुई थी। एक दो तौलिए, गणेश की छोटी सी प्रतिमा और एक फैमिली फोटो- सामान के नाम पर वो यही सब रख रही थीं। मुझसे उन्होंने कहा, “मैं जफराबाद जाना चाहती हूँ। यहाँ से ज्यादा दूर भी नहीं है। लेकिन कैसे जाएँ? क्योंकि बीच में मस्जिद ही मस्जिद है।” जया ग़लत नहीं कह रही थीं क्योंकि हिन्दू बहुल मौजपुर के आसपास कई मस्जिद हैं। इलाक़े के हिन्दुओं को इसका भान है कि उन मस्जिदों से हिंसा भड़काई जा रही है। इस नक़्शे को देखिए:

मौजपुर के आसपास के मस्जिद, जिनसे डर रहे हैं स्थानीय हिन्दू

दिल्ली में इस्लामी भीड़ जिस तरह से हिन्दुओं पर कहर बरपा रही है, हिन्दुओं के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं। वो एकदम बेचारे हो चुके हैं। गोपाल भी मौजपुर के निवासी हैं। उनके घर में उनकी माँ, पत्नी, छोटा भाई और एक 6 साल की बेटी। मुस्लिम बहुल जाफराबाद और ब्रह्मपुरी से उठी हिंसा की लपटों ने मौजपुर को भी अपने आगोश में ले लिया और वहाँ के हिन्दुओं की स्थिति भी दयनीय है। गोपाल के घर से कुछ ही दूरी पर विनोद कुमार को मार डाला गया था। उनके बेटे नितिन के सामने ही। क्यों? क्योंकि उनकी बाइक पर ‘जय श्री राम’ का स्टिकर लगा हुआ था।

‘अल्लाहु अकबर’ और ‘नारा-ए-तकबीर’ जैसे मजहबी नारों के बीच विनोद को मार डाला गया। वायरल हुए विडियो में उनके शव को सड़क पर पड़े हुए देखा जा सकता है। उससे कुछ ही दूरी पर आग से झुलसी हुई उनकी बाइक भी पड़ी थी। उनके बेटे नितिन बताते हैं कि इस्लामी टोपी पहनी भीड़ कुल 40 की संख्या में थी, जिसने लाठी-डंडों से पीट-पीट कर विनोद को मार डाला। एक लाचार हिन्दू ने वीडियो शूट करते समय कहा:

“देखिए, मुस्लिमों का ये हाल। हिन्दुओं का जीना बेहाल कर दिया है। एक लाश भेजी गई है मुस्लिम की तरफ़ से हमारे हिन्दू भाई की। ये घटना ब्रह्मपुरी गली नंबर एक की है। वो सन्देश दे रहे हैं- ले जाओ लाश, ऐसी लाशें तो रात भर उठती ही रहेंगी।”

इलाक़े में डर का माहौल है और हिन्दू पलायन की सोच रहे हैं। गोपाल का परिवार उससे अलग नहीं है। उनके पास अब भागने या घर में दुबके रहने के सिवा कोई चारा नहीं बचा है। अव्वल तो ये कि ये दोनों उपाय भी रिस्की हैं। गोपाल ने भी जाने से पहले अपनी बाइक पर लगे ‘जय श्री राम’ स्टीकर को खुरच के हटाया। गोपाल कहते हैं- “छोटी सी बच्ची है मेरी। आपने देखा ना ‘जय श्री राम’ वाला स्टीकर देख कर मुस्लिमों ने विनोद का क्या किया? आज हम हिन्दुओं का ये हाल है कि हम राम का नाम भी नहीं ले सकते। जला कर मार डालते हैं।” गोपाल की काँपती हुए आवाज़ उस इलाक़े के हिन्दुओं का डर बता रही थी।

ख़ुफ़िया एजेंसियों की मानें तो ‘भीम आर्मी’ और पीएफआई ने हिन्दुओं के ख़िलाफ़ हिंसा को भड़काने की पूरी साज़िश रची है। निशाना अधिकतर हिन्दू ही बने हैं, भले ही मीडिया ये दिखाने का ग़लत प्रयास कर रहा हो कि मजहब विशेष ही पीड़ित हैं। मौजपुर से कुछ ही दूरी पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा को मार डाला गया था। आरोप है कि आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन के गुंडे अंकित सहित 4 लोगों को घसीट पर ले गए और उन्हें मार डाला। इसके बाद उनके शवों को नाले में फेंक दिया।

मोहम्मद शाहरुख़ का वायरल विडियो तो अपने देखा ही होगा, जिसने भजनपुरा में पुलिस पर 8 राउंड फायरिंग की थी। वो इलाक़ा भी शाहदरा से ज्यादा दूर नहीं है। एक और हिन्दू परिवार से हमने बात की, जो काफ़ी डरा हुआ था। हर्ष ने अपने हाथ पर बँधे हुए कलावे को काट कर हटा दिया, जो उसकी दादी उसे रोज बाँधा करती थीं। मज़बूरी है, इस्लामी भीड़ यही सब देख कर भड़क रही है। हर्ष कहते हैं अंकित की तरह उन्हें भी मारा जा सकता है, अगर उन्होंने कलावा नहीं हटाया तो। वो कहते हैं कि जो कलावा उनकी रक्षा के लिए बाँधा जाता था, वो उनकी मौत का कारण भी बन सकता है।

हर्ष ने बताया कि उनके एक दोस्त ने रुद्राक्ष हटा दिया है, क्योंकि आस्था के ऊपर अभी अपनी रक्षा को रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हर्ष चाकू के साथ सोते हैं क्योंकि आत्मरक्षा के लिए कोई न कोई उपाय तो रखना ही पड़ेगा। हर्ष ने कहा- “हमारी बहन-बेटियों को भी लाठी उठानी पड़ी है। मजहबी दंगाई आएँगे तो सबसे ज्यादा ख़तरा उन्हें ही है। हमने अपनी बहन-बेटियों को कह रखा है कि अगर हमें कुछ हो जाएँ तो वो पहले अपनी जान बचाएँ या ख़ुद मर जाएँ।” दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाक़ों में यही हाल है हिन्दुओं का।

(मूल रूप से अंग्रेजी में लिखा लेख पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। मृतकों के अलावा अन्य पीड़ितों का नाम बदल दिए गए हैं।)

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

Nupur J Sharma
Nupur J Sharma
Editor-in-Chief, OpIndia.

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग़रीबी का सफाया, आतंक पर प्रहार, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई, किसानों की समृद्धि, युवाओं को अवसर… कर्नाटक में PM मोदी ने बताया क्यों 400 पार,...

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में देश ने भाजपा का काम देखा है, पार्टी की सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ हैं - विकास, ग़रीब कल्याण और सामर्थ्यवान भारत।

बिहार में NDA के सीट शेयरिंग फॉर्मूले की घोषणा, चाचा पर भारी पड़ा भतीजा: माँझी-कुशवाहा को एक-एक सीट, जानिए किस पार्टी के हिस्से में...

लोजपा (रामविलास) के हिस्से में जो सीटें गई हैं, वो हैं - हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, जमुई और खगड़िया। गया से HAM तो करकट से RLJP ताल ठोकेगी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe