Sunday, November 3, 2024
Homeदेश-समाजशरजील इमाम और हर्ष मंदर ने प्रदर्शनकारियों को बरगलाया: चार्जशीट में दंगे भड़काने में...

शरजील इमाम और हर्ष मंदर ने प्रदर्शनकारियों को बरगलाया: चार्जशीट में दंगे भड़काने में इनकी अहम भूमिका का उल्लेख

चार्जशीट के मुताबिक, स्थिति को काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत 52 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं इस घटना के दौरान 35 पुलिस अधिकारी और घटनास्थल पर मौजूद 97 लोग घायल हो गए। इसके अलावा तीन पुलिस बूथ क्षतिग्रस्त हो गए थे।

दिल्ली पुलिस ने बुधवार (3 मई, 2020) को फरवरी में हुए दिल्ली दंगों के दौरान आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा हत्याकांड में चार्जशीट दायर की है। जिसमें उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंदू-विरोधी दंगों को बढ़ावा देने वाले घटनाओं की पहचान की है।

चार्जशीट के शुरुआत में पिछले साल 13 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया के पास हुई हिंसा के बारे में बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन पर लगभग 2000 लोग बिना किसी परमिशन के इकठ्ठा हुए और संसद भवन की तरफ मार्च करने लगें।

जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 पर रोका तो इस पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो उठे और उन्होंने पुलिस पर पत्थरबाजी की। घटना के दौरान पंद्रह पुलिस कर्मी घायल हो गए थे।

चार्जशीट में फिर 15 दिसंबर 2019 को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के आसपास हुई हिंसा की घटनाओं के बारे में बताया गया है। जिसके अनुसार जामिया के कुछ पूर्व और अभी के छात्रों ने कुछ राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ मिलकर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में प्रदर्शन शुरू कर दिया।

संसद और राष्ट्रपति भवन तक मार्च करते समय भीड़ सड़कों को भी जाम करने लगी। जिस पर पुलिस ने उन्हें रोका तो उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया।

जामिया कैंपस हिंसा

16 दिसंबर, 2019 को प्रदर्शनकारी जामिया कैंपस के अंदर जमा हो गए और वहीं से पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। वे जानबूझ कर दंगे को नियंत्रित करने वाले पुलिसकर्मियों को निशाना बना रहे थे।

चार्जशीट के मुताबिक, स्थिति को काबू करने के लिए दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 65 के तहत 52 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं इस घटना के दौरान 35 पुलिस अधिकारी और घटनास्थल पर मौजूद 97 लोग घायल हो गए। इसके अलावा तीन पुलिस बूथ क्षतिग्रस्त हो गए थे।

हिन्दू विरोधी दंगों में शरजील और हर्ष मंदर की भूमिका

चार्जशीट में जेएनयू छात्र शारजील इमाम और हर्ष मंदर की दिल्ली हिंसा में भूमिका बताई गई है। पुलिस ने चार्जशीट में कहा कि समिति ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम को विरोध के लिए बुलाया था। जहाँ शरजील ने 14 दिसंबर को भड़काऊ भाषण दिया। जहाँ उसने उत्तर भारत के सभी शहरों को तब तक के लिए बंद करने का आह्वान किया जब तक सरकार सीएए / एनआरसी को वापस नहीं ले लेती।

जिसके बाद नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में जमकर हिंसा हुई थी। शरजील इमाम के खिलाफ पहले ही अप्रैल में चार्जशीट दायर की जा चुकी थी।

बाद में 16 दिसंबर 2019 को हर्ष मंदर विरोध स्थल पहुँचे और प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विश्वास न करें। यहाँ पर न्याय पाने का एकमात्र तरीका सड़कों पर लड़ाई लड़ना है।

बता दें हर्ष मंदर को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। साथ ही जॉर्ज सोरोस और कॉन्ग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी के साथ उनका लगाव जगजाहिर है।

चार्जशीट में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद का भी नाम शामिल हैं। जिन्होंने 22 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन स्थल पहुँच कर प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर बने रहने के लिए उकसाया जब तक कि सरकार सीएए / एनआरसी / एनपीआर वापस नहीं ले लेती।

शाहीन बाग का खेल

चार्जशीट में फिर शाहीन बाग विरोध के बारे मे बताते हुए पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर 2019 से ही इस क्षेत्र को पूरी तरह ब्लॉक कर रखा था। प्रदर्शनकारियों ने किसी भी वाहन को उस सड़क का उपयोग नहीं करने दिया। जिसकी वजह से रोजाना इस मार्ग पर जाने वाले एक लाख से अधिक यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता था। शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन की ‘सफलता’ को देखकर, लोगों ने दिल्ली के अन्य हिस्सों में इसी प्रकार सड़कों को ब्लॉक करने की कोशिश की थी।

17 दिसंबर 2019 को जाफराबाद में भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया और कई पुलिस अधिकारियों को घायल कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने 15 दिसंबर 2019 से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर-पूर्व जिले में सात स्थानों पर अवैध रूप से हिंसक प्रदर्शन किया था। जिसके चलते इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। विरोध करने के लिए बड़ी संख्या भीड़ इकट्ठा होती थी।

दिल्ली पुलिस ने दंगों के सिलसिले में 783 मामले दर्ज किए हैं। हिंदू विरोधी दंगों में कुल 52 लोगों ने अपनी जान गँवाई थी। वहीं 434 लोग घायल हुए और घायल हुए लोगों में लगभग 100 लोगों को बंदूक की गोली लगी थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -