उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंदू विरोधी दंगों के सुनियोजित होने के लगातार सबूत मिल रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक दंगाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और मेरठ जैसे इलाकों से भी आए थे। जिस जगह आईबी के अंकित शर्मा की निर्मम हत्या हुई, वहॉं बांग्लादेशी आतंकियों के लोकेशन मिलने की बात पहले ही सामने आ चुकी है। कट्टरपंथी संगठन पीएफआई की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार (मार्च 6, 2020) को खुलासा किया कि पिछले दिनों दंगाइयों की भीड़ में शामिल कुछ लोग गाजियाबाद और मेरठ से भी आए थे। यह अहम जानकारी दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस की बीच हुई बैठक के बाद सामने आई। यह बैठक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में डीसीपी कार्यालय में आयोजित की गई थी। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार के अलावा उत्तर पूर्वी डीसीपी वेद प्रकाश सूर्या, मेरठ के आईजी प्रवीण कुमार और गाजियाबाद के एसएसपी इसमें शामिल थे।
कुमार ने कहा, “दिल्ली हिंसा के संबंध में कुछ बिंदु बैठक के दौरान उठाए गए थे। बैठक को पूर्वी रेंज के पुलिस अधिकारियों द्वारा घटना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए बुलाया गया था।” कहा जा रहा है कि हिंसा जाँच करने वाले विशेष जाँच दल (SIT) ने हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के हत्यारे और उन दंगाइयों की पहचान की है जिन्होंने डीसीपी अमित शर्मा और एसीपी अनुज शर्मा पर हमला किया था।
इससे पहले न्यूज 18 ने एक विडियो शेयर किया था, जिसे देखकर हमले की पूरी साजिश समझी जा सकती है। हिंसा भड़कने से पहले कुछ लोग सीसीटीवी को तोड़ते साफ तौर पर देखे गए। इसके बाद इन लोगों ने पुलिस को घटना वाले दिन 1 बजे के करीब कॉल किया। एसीपी अनुज, डीसीपी अमित शर्मा और हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल व अन्य पुलिसकर्मी वहाँ पहुँचे, तो हिंसक भीड़ ने सोची-समझी साजिश के तहत उन पर पथराव कर दिया।
दावा किया जा रहा है कि पुलिस पर हमले से पहले ही वहाँ पर सारे सीसीटीवी को तोड़ा-फोड़ा गया था ताकि उपद्रवियों की पहचान न हो सके। लेकिन, अब इसी सीसीटीवी फुटेज के कारण सैकड़ों की तादाद में दंगाइयों की पहचान हुई है। इसी के आधार पर उनकी धर-पकड़ की जा रही है। वहीं आधे दर्जन से अधिक दंगाइयों की पहचान स्थानीय निगरानी, सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों की जानकारी की सहायता से की गई है। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस अब दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
बता दें कि शनिवार (मार्च 7, 2020) को दिल्ली पुलिस ने 24 फरवरी को दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों के दौरान 20 वर्षीय दिलबर सिंह नेगी की नृशंस हत्या में शामिल शाहनवाज नामक एक आरोपित को पकड़ा था। दिलबर का शव बृजपुरी के अनिल स्वीट हाउस में 26 फरवरी को क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था।
दिलबर सिंह नेगी को दंगाइयों की भीड़ ने तलवार से काटने के बाद जलते हुए घर में फेंक दिया था। दंगाइयों ने दिलबर सिंह नेगी के हाथ और पैर काटने के बाद उनके शरीर के बाकी हिस्से को जलती आग में फेंक दिया था। दिल्ली के हिंदू-विरोधी दंगों में तकरीबन 53 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 200 से अधिक जख्मी हैं।