Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाज'पोस्ट निंदनीय लेकिन घृणा को बढ़ावा नहीं' - ज्ञानवापी शिवलिंग पर DU के 'हिंदू'...

‘पोस्ट निंदनीय लेकिन घृणा को बढ़ावा नहीं’ – ज्ञानवापी शिवलिंग पर DU के ‘हिंदू’ प्रोफेसर को जमानत देने वाले जज ने खुद को भी कहा हिंदू

रतनलाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “यदि यह शिवलिंग है तो लगता है कि शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।” इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी 😜 भी लगाई थी। इस पोस्ट पर विरोध के बाद भी रतनलाल ने माफ़ी माँगने से इनकार कर दिया था।

वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी ढाँचे (Gyanvapi Controversial Structure, Varanasi) के वीडियोग्राफिक सर्वे में सामने आए शिवलिंग को लेकर अश्लील टिप्पणी करने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतनलाल को जमानत मिल गई है। रतनलाल ने खुद को एक हिंदू बताया।

अपनी जमानत याचिका में प्रोफेसर ने खुद को हिंदू धर्म का अनुयायी बताया था। जमानत याचिका में कहा गया है, “यह आगे तर्क दिया जाता है कि आरोपी प्रतिष्ठित व्यक्ति है, जो खुद हिंदू धर्म का अनुयायी है और धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करना नहीं चाहता है।”

रतनलाल को शनिवार (21 मई 2022) को तीस हजारी कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक (Chief Metropolitan Magistrate Siddhartha Malik) की अदालत में पेश किया गया था। कोर्ट ने रतनलाल को शिवलिंग के बारे में कोई भी सोशल मीडिया पोस्ट या किसी भी तरह का साक्षात्कार देने से भी मना किया है।

जज मलिक ने अपने आदेश में कहा, “व्यक्तिगत जीवन में अधोहस्ताक्षरी (जज) खुद हिंदू धर्म का एक गौरवान्वित अनुयायी है और इस पोस्ट को विवादास्पद विषय पर की गई अरुचिकर और अनावश्यक टिप्पणी मानता है।”

कोर्ट के आदेश में आगे कहा गया है, “किसी अन्य व्यक्ति के लिए वही पोस्ट शर्मनाक प्रतीत हो सकता है लेकिन दूसरे समुदाय के प्रति घृणा की भावना को उत्तेजित नहीं कर सकता है। इसी तरह, अलग-अलग व्यक्ति इस पोस्ट को लेकर अगल-अलग तरह से गुस्सा व्यक्त कर सकते हैं और आरोपित के लिए खेद व्यक्त कर सकते हैं कि उसने नतीजों पर विचार किए बिना अवांछित टिप्पणी की है।”

कोर्ट ने आदेश में आगे कहा, “यह सच है कि अभियुक्त ने एक ऐसा कार्य किया है, जिससे उसके आसपास के व्यक्तियों और व्यापक रूप से जनता की संवेदनशीलता को देखते हुए बचा जा सकता था। फिर भी, यह पोस्ट निंदनीय होने के बावजूद समुदायों के बीच घृणा को बढ़ावा देने के प्रयास का संकेत नहीं देता है।”

बता दें कि रतनलाल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, “यदि यह शिवलिंग है तो लगता है कि शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था।” इसके साथ ही उन्होंने पोस्ट में चिढ़ाने वाला इमोजी 😜 भी लगाई थी। इस पोस्ट पर विरोध के बाद भी रतनलाल ने माफ़ी माँगने से इनकार कर दिया था।

प्रोफेसर रतनलाल ने अपनी बात कोर्ट में रखने का ऐलान किया था। इसके बाद आरोपित प्रोफेसर पर IPC की धारा 153-A, 295-A के तहत केस दर्ज हुआ था और केस दर्ज होने के बाद भी उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए बयानबाजी जारी रखी थी। दिल्ली पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था।

गौरतलब है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे विवादित ज्ञानवापी ढाँचे में न्यायालय के आदेश के बाद सर्वे के दौरान वजूखाना में स्थित एक शिवलिंग मिला है। इसके बाद सिविल जज वाराणसी (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने 16 मई 2022 को विवादित ज्ञानवापी ढाँचे के उस स्थान को सील करने का आदेश दिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे...

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe