सोमवार को नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल की मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी मृत्यु गोली लगने के कारण हुई। अभी तक उनकी मृत्यु की वजह पत्थर लगना बताया जा रहा था और अन्य अज्ञात कारण बताए जा रहे थे।
#BREAKING | Postmortem report confirms Delhi Police head constable Ratan Lal died of bullet injuries
— News Nation (@NewsNationTV) February 25, 2020
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मृतक रतनलाल की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि 42 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल की मौत गोली लगने से हुई न कि पथराव के कारण। न्यूज नेशन की एक रिपोर्ट में यह दवा किया गया है कि उनके पास पोस्टमार्टम रिपोर्ट का विवरण है। रिपोर्ट में लिखा गया है, “रतन लाल के शरीर में एक गोली लगी थी। यह गोली बाएँ कंधे से प्रवेश करते हुए दाएँ कंधे पर जाती है। शव परीक्षण के दौरान इसे हटा दिया गया था। ऑटोप्सी रिपोर्ट से ही यह जानकारी प्राप्त हुई है।”
मृतक हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल राजस्थान के सीकर जिले के गाँव फतेहपुर तिहवाली के निवासी थे। सीकर निवासी रतनलाल वर्ष 1998 में कॉन्स्टेबल के पद पर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। सोमवार को हुई हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल बुरी तरह जख्मी हो गए थे। रतनलाल की मौत की खबर जैसे ही उनकी पत्नी पूनम को मिली, वह बेहोश हो गईं। देखते ही देखते उनके घर भीड़ जमा हो गई। रतनलाल की दो बेटियाँ और एक बेटा है।
मृतक रतनलाल की माँ और छोटा भाई दिनेश गाँव में रहते हैं। पिता बृजमोहन की ढाई साल पहले ही मृत्यु हो गई थी। रतन ने दो दिन पहले ही माँ संतरा देवी व भाई दिनेश से फोन पर बात की थी। उन्होंने माँ से हाल-समाचार पूछने के साथ ही इस बार होली पर गाँव आने का वादा किया था, लेकिन माँ को क्या पता था कि उनकी बेटे से आखिरी बार बात हो रही है। घटना से पूरा परिवार सदमे में है।