विश्वविद्यालय अनुदान आयोग-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा ( UGC-NET ) के प्रश्न पत्र डार्कनेट पर लीक हो गए थे। ये आसानी से टेलीग्राम जैसे ऐप पर उपलब्ध थे, वो भी महज 500 से 5000 रुपए में। जब राष्ट्रीय साइबर अपराध निरोधक एजेंसी ने इसकी सूचना यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय को दी, तब शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द घोषित कर दी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रश्न पत्र लीक होने को स्वीकार किया है और कहा है कि ये प्रक्रिया का हिस्सा है कि अगर प्रश्न पत्र लीक हो जाते हैं, तो उक्त परीक्षा को रद्द कर दिया जाता है। इस मामले की जाँच अब सीबीआई कर रही है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार (20 जून 2024) को खुलासा किया कि प्रश्नपत्र “डार्कनेट” में लीक हो गए थे। यूजीसी-नेट मंगलवार (18 जून 2024) को आयोजित की गई थी, औत इसके तुरंत बाद सोशल मीडिया पर इस पेपर के लीक होने की बात कही जाने लगी थी। हालाँकि ये परीक्षा रद्द कर दी गई। इस मामले में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि परीक्षा रद्द अचानक नहीं की गई, बल्कि “भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से मिली जानकारी के आधार पर प्रथम दृष्टया पाया गया कि डार्कनेट में प्रश्नपत्र थे। टेलीग्रामपर भी प्रश्नपत्र प्रसारित किए जा रहे थे।” धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि लीक के नाम पर बिक रहे प्रश्न पत्रों का जब मूल प्रश्नपत्रों से मिलान किया गया, तो दोनों एक जैसे ही पाए गए, इसीलिए अभ्यर्थियों के हितों की रक्षा के लिए परीक्षा रद्द करनी पड़ी।
क्या है डार्क नेट?
डार्क वेब इंटरनेट का एक एन्क्रिप्टेड हिस्सा है जो Google जैसे पारंपरिक सर्च इंजन के माध्यम से आम जनता को दिखाई नहीं देता है। डार्कनेट के रूप में भी जाना जाने वाला डार्क वेब इंटरनेट पर अवैध गतिविधि का एक बड़ा हिस्सा है। यूजीसी-नेट के लिए 11 लाख से अधिक छात्रों ने पंजीकरण कराया था। इससे पहले दिन में शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल ने कहा कि जल्द ही एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालाँकि, कोई समयसीमा घोषित नहीं की गई।
नीट-यूजी पेपर सॉल्वर गैंग के सरगना की नई कहानी
इस बीच, बिहार में लीक हुए नीट-यूजी परीक्षा ( NEET-UG Exam ) से जुड़ी नई जानकारी सामने आ रही है। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) वैशाली के अतुल वत्स और अंशुल सिंह को तलाश रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक की जाँच में मिले सुरागों के आधार पर अतुल और अंशुल को ही बिहार में नीट पेपर लीक का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इन दोनों ने ही खेमनीचक में प्रश्न-पत्र रटवाने वाले अमित आनंद और नीतीश कुमार को प्रश्न-पत्र की प्रति वाट्सएप पर भेजी थी। पहले भी इन दोनों का नाम पेपर लीक मामले में आ चुका है। साल 2020 में भी अतुल वत्स का नाम सामने आया था।
पेपर लीक कराने वाला और एग्जाम की तैयारी कराने वाले सॉल्वर गैंग का सरगना अतुल वत्स कभी खुद भी नीट की तैयारी कर रहा था, लेकिन वो फेल हो गया था। वहीं, उसकी गर्लफ्रेंड पास हो गई थी और वो एमबीबीसी की परीक्षा पास कर डॉक्टर बन गई। उसने अतुल पर रेप का आरोप भी लगाया था, जिसमें अतुल को जेल जाना पड़ा था। बाद में अतुल ने उससे शादी कर ली। अतुल मूल रूप से जहानाबाद के बंधुगंज गाँव का निवासी है और उसने पिता अरुण केसरी का भी दारगार इतिहास रहा है। अरुण केसरी कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले के समय डिप्टी डायरेक्टर था, जिसे सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
न्यूज 18 ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि अतुल वत्स के साथी सौरभ सुमन की गर्लफ्रेंड BBA पास है। वो छात्राओं की काउंसिलिंग करके इस शातिरों से मिलाती थी। वहीं, अतुल की पत्नी एमबीबीएस है।
बता दें कि नीट-यूजी का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनटीए ने ग्रेस मार्क के प्रावधान को खत्म कर 1500 से अधिक अभ्यर्थियों को फिर से एग्जान देने को कहा है। वहीं, कुछ छात्रों ने मामले की सीबीआई जाँच की माँग की भी याचिका दायर की है। इस बीच, पूरे देश में छात्र फिर से नीट-यूजी की परीक्षा आयोजित कराने की माँग कर रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने काउंसिलिंग पर रोक नहीं लगाई है।
इस मामले में अब तक कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें अमित आनंद, सिकंदर कुनार यादवेंदु, अनुराग यादव (अभ्यर्थी) भी शामिल हैं। बिहार में गिरफ्तार 7 अपराधियों ने अबतक अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। इस मामले में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की संलिप्लता भी सामने आई है।