सोशल मीडिया के जरिए समुदाय विशेष के अंदर सरकार और कानून के खिलाफ नफरत भरने का काम इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा सरेआम किया जाता रहा है। इसका सबसे ताजा उदाहरण जामिया हमदर्द की प्रोफेसर डॉ अक्सा शेख के ट्वीट हैं। अपने थ्रेड में अक्सा ने समझाया है कि कैसे देश में फैले इस्लामोफोबिया से निपटने का एक मात्र तरीका है कि सिंगल लोग जल्द से जल्द निकाह करें और जिन पुरुषों का निकाह हो गया है वो बहुविवाह करें।
डॉ अक्सा का मानना है कि मुस्लिम पुरुषों को दूसरी शादियाँ कर लेनी चाहिए इससे पहले कि बहुविवाह को सरकार अवैध घोषित कर दे। अपने सिलसिलेवार ट्विट्स में उन्होंने समझाया है कि कैसे आए दिन मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं। इसलिए अंतरधार्मिक विवाह जैसी चीज नहीं करनी चाहिए। हालाँकि, अंत में वह लिखती हैं कि बहुविवाह भारत में अब भी मुस्लिमों के लिए वैध है। मगर ये ज्यादा समय नहीं रहेगा इसलिए मुस्लिम पुरुषों को जल्द से जल्द इसे करना चाहिए।
अपने ट्वीट में अक्सा लिखती हैं, “प्रिय मुस्लिमों। निकाह कर लो। ठीक है, ये आपको थोड़ा विवादित सुनाई पड़ रहा है, लेकिन मुझे ये कहना पड़ रहा है। यही सही समय है। आज चाहे आप गाँव में हों या दिल्ली में, सरकारी नौकरी में हों या दिहाड़ी मजदूर, भारत भर में इस्लामोफोबिया फैल रहा है…कोई अकेला दिन नहीं जाता जब हम पर नए तरीकों से हमले न होते हों। हर घर में बात होती है-इन सबसे कैसे निपटा जाए। समुदाय के तौर पर हमें अपनी सुरक्षा और कल्याण के लिए बहुत उपाय करने की आवश्यता है। मैं इन्हें लिख रही हूँ।”
अपने ट्वीट में वह लिखती हैं, “सबसे पहले करो शादी। हाँ! मैं हर मुस्लिम से कहती हूँ कि अगर वो तैयार हैं तो वो निकाह करें। इससे उनमें जिम्मेदारी, अपनेपन और देखभाल की भावना आएगी। इसके अलावा निकाह बहुत सादे तौर पर करें। इसमें ज्यादा खर्चा न करें। आपको ये जमापूँजी भविष्य के मुश्किल समय में काम आएगी जो कि जल्द ही हमारा भविष्य हो सकती है। ज्यादा घमंडी या चुगलखोर मत बनो और उन मानदंडों को देखो जो मायने रखते हैं, फिर अपने लिए एक व्यक्ति चुनो।
वह लिखती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो ये सारी बातें करेंगी मगर परिस्थिति इतनी विकट है कि मुश्किल राय बनानी पड़ेगी। किसी भी अंतरधार्मिक रिश्तों के चक्कर में न पड़ें। इसे लेकर बहुत बवाल होता है। खासकर तब जब इसमें मुस्लिम आदमी शामिल हों। परिणामस्वरूप अगर आप इसमें जिंदा बचे तो आपको और आपके परिवार को शोषण झेलना होगा। कुछ समय जेल में बीतेगा। इसलिए इस फैसले को लेने से पहले सोचें।
मुस्लिमों को तीन तलाक, दहेज, बहुविवाह पर सलाह
इसके साथ अक्सा मुस्लिमों को सलाह देती हैं कि वह लोग तीन तलाक देने की कोशिश भी न करें। जो लोग इसे वैध नहीं मानते हैं वो उन्हें जेल में डाल सकते हैं। इसी तरह दहेज भी इस्लाम में हराम है। अपना मेहर दें और गैर मुस्लिमों के साथ रिश्ते में न फँसे। कई अकॉउंट हनी ट्रैप में फँसाए जाने के लिए बनते हैं, जिनसे पैसा वसूली, धमकी और शोषण को अंजाम दिया जाता है। हमारे पास कुछ अच्छी चीजें हैं करने को। अक्सा शेख लिखती हैं, “बहुविवाह भारत में मुस्लिमों के लिए अब भी वैध है। लेकिन ये ज्यादा समय नहीं रहेगा। अगर आप मुस्लिम पुरुष हैं जो अपने बीवी से दूसरी शादी पर बात करें और हो सके तो किसी विधवा, तलाकशुदा या ट्रांसजेंडर महिला से निकाह करें।”
मेडिकल पढ़ाई से भी डॉ अक्सा को दिक्कत
गौरतलब है कि अक्सा शेख खुद एक ट्रांसवुमन हैं और जामिया हमदर्द इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेज में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। अपने पुराने ट्वीट में अक्सा ने मेडिकल पाठ्यक्रम पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि इसमें बहुत ज्यादा एनाटॉमी और बायोकेमेस्ट्री पढ़ाया जाता है। उन्होंने बयान में कहा था कि सेक्सुअल और जेंडर माइनॉरिटी के बारे में टेक्स्टबुक से ज्यादा इंस्टाग्राम पर पढ़ाया जाता है।