Saturday, July 27, 2024
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महिला ‘मानवाधिकार’ वकील को एयर इंडिया क्रू मेंबर पर थूकने के लिए 6 महीने जेल

रेड वाइन न दिए जाने पर महिला वकील ने अपनी प्रतिष्ठा का रौब भी दिखाया। इसके अलावा उन्हें धूम्रपान करते भी देखा गया जिस पर उन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई।

पिछले साल नवंबर में एयर इंडिया के विमान द्वारा मुंबई से लंदन जाते समय आयरलैंड की एक महिला वकील सिमोन बर्न्स ने क्रू मेंबर्स के साथ बदतमीज़ी और दुर्व्यवहार किया था। इस आचरण के लिए मानवाधिकार की हितैषी उस महिला को छह महीने के लिए जेल भेज दिया गया है। महिला द्वारा किया गया अभद्रतापूर्ण व्यवहार कैमरे में कैद था, जिसमें दिखाया गया कि उस महिला ने शराब न दिए जाने पर क्रू मेंबर्स से बदतमीजी की थी। यही नहीं क्रू द्वारा बात न मानने उसने क्रू मेंबर पर थूक दिया था और गालियाँ भी दी थीं। ध्यान दिला दें कि सिमोन बर्न्स मानवधिकार वकील हैं।

ख़बर के अनुसार, गुरुवार (4 अप्रैल) को लंदन में आईलवर्थ (Isleworth) क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान बर्न्स को ‘शराबी और उद्दंड’ बताया गया। उसने फ्लाइट अटेंडेंट को भी उकसाया। न्यायाधीश ने इसे नोट किया और इसे ‘अपमानजनक और परेशान करने वाला कृत्य’ कहा। न्यायाधीश निकोलस वुड ने एक विमान में नशे में धुत होने और हमले के लिए 50 वर्षीय बर्न्स को छह महीने की जेल की सज़ा सुनाई।

बर्न्स के अभद्र व्यवहार की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, “आप शुरू से लेकर अंत तक लगभग नशे में थी। आपने निंदापूर्ण, तिरस्कारपूर्ण ​​और झगड़ालू किस्म की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।” अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि मानवाधिकार वकील ने केबिन क्रू को “पैसे ऐंठने वाले भारतीय” कहने से पहले शराब की तीन बोतलें पी ली थी। इसके बाद महिला वकील के अधिक नशे में होने के कारण क्रू द्वारा और रेड वाइन देने से इनकार कर दिया गया।

रेड वाइन न दिए जाने पर महिला वकील ने अपनी प्रतिष्ठा का रौब भी दिखाया। इसके अलावा उन्हें धूम्रपान करते भी देखा गया जिस पर उन्हें कई बार चेतावनी भी दी गई। एयर इंडिया के केबिन क्रू के एक सदस्य ने कहा कि उन्होंने अपने 34 साल के एविएशन करियर के दौरान ऐसा कभी नहीं देखा था।

जानकारी के अनुसार, बर्न्स ने दुनिया भर के शरणार्थियों के साथ काम किया है, इस पर भी जज ने दृष्टि डाली, लेकिन महिला द्वारा किया गया इस तरह का आचरण पूरी तरह से निंदनीय था। इससे एयरलाइन के सभी कर्मचारियों को काफ़ी परेशानी हुई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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