Saturday, April 20, 2024
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5000 साल पुराना शिव मंदिर-30000 एकड़ जमीन, कब्जा हटाने गई पुलिस पर ‘बांग्लादेशियों’ का हमला: असम में क्या हुआ, देखे Video

वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस के पीछे कई लोग लाठी डंडा बड़े-बड़े फट्टे लेकर दौड़ रहे हैं। पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है। जगह-जगह तोड़फोड़ की जा रही है। पत्थर उछाले जा रहे हैं।

असम के दारंग जिले में गुरुवार (23 सितंबर 2021) को जमीन से कब्जा हटाने गई पुलिस को हमले के बाद फायरिंग करनी पड़ी। इस घटना में 2 लोगों की मौत और 9 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं। एक फोटोग्राफर को भी हिरासत में लिया गया है जिसका वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। घटना की सीआईडी जाँच के आदेश दिए गए हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर लोग बता रहे हैं कि किस तरह जमीन पर कब्जा जमाए बांग्लादेशियों ने सुनियोजित तरीके से पुलिस को निशाना बनाया, जिससे पुलिस फायरिंग को मजबूर हुई।

असम के डीजीपी ने देर रात ट्वीट कर बताया कि सिपाझार में उन्होंने जमीनी हालात का जायजा लिया। उन्होंने जानकारी दी कि जो कैमरामैन वीडियो में घायल को मारते देखा गया था वह फिलहाल असम सीआईडी की कस्टडी में है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने सीआईडी को जाँच के आदेश दिए हैं।

बिस्वा सरकार में मंत्री अशोक सिंगला ने कहा है कि प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटवाने की कार्रवाई हजारों साल पुराने हिंदू मंदिर को सुरक्षित करने के लिए की गई थी जहाँ अवैध रूप से कब्जा किया गया था। उन्होंने लिखा, “मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा के नेतृत्व वाली हमारी सरकार गरुखुटी, सिपाझार, दारंग जिले के 5000 साल पुराने विरासत हिंदू मंदिर की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।” सिंगला ने कहा, “हम अपनी सभी प्राचीन संरचनाओं और मंदिरों को अतिक्रमण मुक्त असम के लिए काम करने का संकल्प लेते हैं, जिन्हें अवैध अप्रवासियों द्वारा कब्जा कर लिया गया है।”

वॉयस ऑफ असम ने एक वीडियो शेयर करके दावा किया है कि हजारों बीघा जमीन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के पूर्व ही वहाँ के लोग पुलिस पर हमला करने को तैयार थे। साझा की गई वीडियो में देख सकते हैं कि हजारों की भीड़ मुर्दाबाद, हाय-हाय के नारे लगा रही है।

लाठी डंडों से हमला

पत्रकार अभिजीत मजूमदार भी 1 मिनट का एक वीडियो साझा कर बताया है कि पूरे भारत में एनआरसी की जरूरत क्यों है। वह लिखते हैं, “अतिक्रमणकारियों और घुसपैठियों की इस जानलेवा भीड़ से असम पुलिस को डील करना था। यही कारण है कि पूरे भारत में एनआरसी लागू किया जाना चाहिए। बहुत बढ़िया हिमंत बिस्वा।”

अभिजीत मजूमदार द्वारा साझा की गई वीडियो में देख सकते हैं कि पुलिस के पीछे कई लोग लाठी डंडा बड़े-बड़े फट्टे लेकर दौड़ रहे हैं। अंधाधुंध बिन सोचे हमला हो रहा है। पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है। जगह-जगह तोड़फोड़ की जा रही है। पत्थर उछाले जा रहे हैं।

आत्मरक्षा में चलाई गोलियाँ: असम पुलिस

इसी झड़प के बाद पुलिस बल की ओर फायरिंग की गई जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। दारंग के एसपी सुसांत बिस्वा सरमा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस कार्रवाई को आत्मरक्षा करार दिया है। उन्होंने बताया कि परेशानी तब शुरू हुई जब धारदार हथियारों से लैस प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और आम लोगों पर हमला बोल दिया। सुशांत बिस्वा सरमा ने बताया कि पुलिस के जवानों ने आत्मरक्षा में गोलियाँ चलाईं जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। दोनों पक्षों में हुई झड़प में कम से कम 10 लोग घायल हो गए। घायलों में अधिकांश पुलिसकर्मी हैं।”

असम पुलिस पर किया गया हमला

इससे पूर्व मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था, “पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियाँ चलाईं। इसमें दो आम नागरिकों की मौत हो गई है। हिंसा में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं इनमें अस्टिटेंट सब इंस्पेक्टर मोनिरुद्दीन की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कर दिया गया है। मृतकों की पहचान सद्दाम हुसैन और शेख फरीद के रूप में हुई है।”

बता दें कि कि धौलपुर 25000 एकड़ भूमि के साथ करीब 5000 साल पुराने शिव मंदिर और गुफा वाला क्षेत्र है। ऑपइंडिया को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली कि फिलहाल यह क्षेत्र अतिक्रमण के अधीन है और धीरे-धीरे और अधिक लोग आ रहे हैं। बाहरी लोगों के आने से वहाँ के स्थानीय लोग पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। लूट और डकैती का सिलसिला लगातार जारी है। हमारे सूत्र ने यह भी दावा किया है कि अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान करीब 10,000 से अधिक लोगों ने पुलिस पर हमला किया। जो सभी के सभी मुस्लिम अप्रवासी बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है उन्होंने वहाँ 30000 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है।

इसी क्रम में सरमा सरकार ने बेदखली की पहल की जिसके लिए स्थानीय मुस्लिमों के साथ चर्चा भी की गई। उन्हें भूमि नीति के अनुसार भूमि देने का वादा किया गया था। जिससे वे सहमत हैं। पिछले दो दिनों तक अतिक्रमण हटाने का अभियान शांतिपूर्ण रहा। लेकिन गुरुवार को 10,000 लोगों ने पुलिस पर हमला किया और जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायरिंग की 2 लोगों की मौत हो गई और करीब 9-10 घायल बताए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने न्यायिक जाँच के आदेश दिए हैं। इस झड़प के पहले से राज्य सरकार सभी मुस्लिम संगठनों के संपर्क में है ताकि स्थिति सामान्य रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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