Sunday, September 1, 2024
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मथुरा के मंदिर में नमाज पढ़ने के आरोप में फैसल खान गिरफ्तार: यूपी पुलिस ने दिल्ली से पकड़ा

इस मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि 29 अक्टूबर को मथुरा के नंद बाबा मंदिर में चार लोग आए। इनमें से दो लोगों ने मंदिर के सेवायतों को गुमराह कर मंदिर परिसर में ही नमाज पढ़ी। इस मामले में धारा 153A, 295, 505 के तहत बरसाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

मथुरा के नंदबाबा मंदिर में नमाज पढ़ने वाले फैसल खान को यूपी पुलिस ने दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार कर लिया है। फैसल खान से अब पुलिस पूछताछ कर रही है। एसीएस गृह अवनीश के अवस्थी ने समाचार एजेंसी एएनआई को जानकारी दी।

इस मामले में चार लोगों पर केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि 29 अक्टूबर को मथुरा के नंद बाबा मंदिर में चार लोग आए। इनमें से दो लोगों ने मंदिर के सेवायतों को गुमराह कर मंदिर परिसर में ही नमाज पढ़ी। इस मामले में धारा 153A, 295, 505 के तहत बरसाना थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

ये शिकायत मंदिर प्रशासन की ओर से दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में कहा गया कि सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो डालने से हिन्दू समुदाय की भावनाएँ आहत हुई हैं और आस्था को गहरी ठेस पहुँची है।

वहीं हिन्दुओं ने मंदिर में हवन कर के गंगाजल से शुद्धिकरण किया। श्रद्धालुओं ने कहा कि बिना अनुमति मंदिर में घुस कर नमाज पढ़ने के कारण उन्हें शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ी।

भक्तों ने पंडितों के साथ बैठ कर पूरी प्रक्रिया के साथ हवन-पूजन किया। वहीं विश्व हिन्दू परिषद ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘नमाज जिहाद’ करार दिया। संस्था के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि मथुरा के परिक्रमा मार्ग पर स्थित नंदगाँव मंदिर में जिस तरह से कुछ ‘इस्लामी जिहादियों’ ने नमाज पढ़ने की कोशिश की, उससे कई सवाल खड़े हो जाते हैं। उन्होंने पूछा कि छलपूर्वक मंदिर में घुसना और वहाँ अनायास नमाज पढ़ कर उसकी तस्वीरें-वीडियो वायरल करना क्या किसी मानसिकता की ओर संकेत नहीं करता?

वहीं फैसल खान ने ABP न्यूज से बात करते हुए कहा कि मंदिर के परिसर में नमाज पढ़कर कोई साजिश नहीं की है।

गौरतलब है कि गुरुवार (अक्टूबर 29, 2020) को नन्दगाँव के प्रसिद्ध नंदबाबा मंदिर में दोपहर को दो युवक अपने साथियों के साथ हरी टोपी लगा कर पहुँचे। एक व्यक्ति ने अपना नाम फैसल खान बताया और अपने साथ आए साथियों का परिचय मोहम्मद चाँद, नीलेश गुप्ता और आलोक रतन के रूप में दिया। उन लोगों ने बताया कि वो मंदिर के सेवायत पुजारी कान्हा गोस्वामी के दर्शन हेतु आए हैं और हिन्दू-मुस्लिम एकता में विश्वास रखने वाले लोग हैं।

वो अपने मोबाइल फोन में कई हिन्दू साधु-संतों और महंतों के साथ अपनी तस्वीरें भी दिखाने लगे, ताकि उन पर यकीन कर लिया जाए। इसके बाद वो लोग सीधे गेट संख्या 2 के पास पहुँचे। कोरोना महामारी के कारण मंदिर में लोगों की चहल-पहल उतनी नहीं है, जिसका फायदा उठा कर फैजल और चाँद वहीं पर नमाज पढ़ने लगे और बाक़ी दोनों ने तस्वीरें क्लिक कीं। वहाँ खड़े लोगों ने नमाज पढ़ने से लाख मना किया, लेकिन वह नहीं माना।

फैजल खान और मोहम्मद चाँद का PFI लिंक

दिलचस्प बात यह है कि जिस फेसबुक आईडी से तस्वीरें वायरल की गई थी, वह वह पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के चार कट्टरपंथी इस्लामवादियों का मुखर वकील है, जिन्हें हाथरस के रास्ते में पकड़ा गया था। इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट में ट्रांसफर होने से पहले इस मामले को बरसाना थाने ने उठाया था। इसके साथ ही इस बात की भी जाँच शुरू कर दी गई है कि तस्वीर को वायरल करने के पीछे क्या मंशा थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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