OpIndia is hiring! click to know more
Saturday, April 12, 2025
Homeदेश-समाजमहाराष्ट्र में कोरोना ने ली डॉक्टर पिता-पुत्र की जान, अस्पताल में जिंदगी और मौत...

महाराष्ट्र में कोरोना ने ली डॉक्टर पिता-पुत्र की जान, अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही माँ: अंतिम समय में मुश्किल से मिला बेड

महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पूरे राज्य में लोगों को अस्पतालों में बेड मिलना ​मुश्किल हो रहा है। ताजा मामला ग्रेटर मुंबई का है, जहाँ एक ही परिवार के 3 लोगों को अस्पताल में बेड न मिलने पर अलग-अलग जगहों पर भर्ती कराना पड़ा। इसके चलते अंतिम समय में भी परिवार के लोग एक-दूसरे को नहीं देख पाए।

कोरोना वायरस से आए दिन होने वाली मौतों ने लोगों के दिल में खौफ भर दिया है। कितने घरों में अँधेरा छा गया है और कितने परिवार इस वायरस की वजह से बर्बाद हो चुके हैं। माथे पर चिंता की लकीरें और दम तोड़तीं साँसें परिवार के लोगों को बेबसी की जंजीरों में जकड़े हुए हैं। हर कोई अपने परिवार की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा है।

इसी बीच महाराष्ट्र के कल्याण में रहने वाले डॉक्टर पिता-पुत्र की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया है। वहीं, डॉक्टर के परिवार के एक और सदस्य अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। हालाँकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों को वैक्सीन लगाई गई थी या नहीं, क्योंकि पिछले एक साल से वो दोनों कोविड मरीजों को देख रहे थे।

महाराष्ट्र में सरकारी अस्पतालों की हालत कितनी खराब है, यह किसी से छिपा नहीं है। महामारी की दूसरी लहर में पूरे राज्य में लोगों को अस्पतालों में बेड मिलना ​मुश्किल हो रहा है। ताजा मामला ग्रेटर मुंबई का है, जहाँ एक ही परिवार के 3 लोगों को अस्पताल में बेड न मिलने पर अलग-अलग जगहों पर भर्ती कराना पड़ा। इसके चलते अंतिम समय में भी परिवार के लोग एक-दूसरे को नहीं देख पाए।

दरअसल, डॉ. नागेंद्र मिश्रा (58) और उनके बेटे डॉ. सूरज (28) के परिवार को अस्पताल में बेड नहीं मिल पाया। जिसके चलते उन सभी को अलग-अलग क्षेत्रों के अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. नागेंद्र को ठाणे के वेदांत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार (16 अप्रैल, 2021) को उनके जन्मदिन के दिन ही उनका निधन हो गया। इस दौरान उनके पास ना तो उनका बेटा था और ना ही उनकी पत्नी। उनके बेटे सूरज को एक प्राइवेट अस्पताल में बेड मिला था, वो वहाँ अपनी अंतिम साँसें ले रहा था, जिसे ये तक पता नहीं था कि अब उसके पिता इस दुनिया में नहीं रहे। डॉ. नागेंद्र की पत्नी वसई-विरार क्षेत्र के एक अस्पताल में हैं, जहाँ उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

बताया जा रहा है कि डॉ. नागेंद्र मिश्रा टिटवाला के पास कांदिवली में अपना खुद का क्लिनिक चलाते था। उनके बेटे सूरज का भी भिवंडी के बाप गाँव में एक क्लिनिक था। लेकिन कोरोना माहमारी में लोगों की जान बचाने वाले ये पिता- पुत्र खुद को नहीं बचा पाए। इनका परिवार गांधारी क्षेत्र, कल्याण (वेस्ट) में रहता है। सूरज की शादी पिछले साल नवंबर में हुई थी। डॉ. नागेंद्र का दूसरा बेटा भी डॉक्टर है।

टाईम्स ऑफ़ इंडिया ने मृतकों के रिश्तेदारों से बात की। उन्होंने बताया कि डॉ. नागेंद्र मिश्रा ने 6 दिन पहले कोविड का टेस्ट कराया था, उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। एक अन्य रिश्तेदार ने कहा, “इसके बाद से उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई। पहले पिता ने और कुछ घंटे बाद उनके बेटे सूरज ने दम तोड़ दिया। सूरज की माता की हालत में भी कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। वो अस्पताल में जिन्दगी और मौत से लड़ रही हैं।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पुलवामा के बलिदानी हेमराज मीणा की बेटी के ब्याह में ओम बिरला ने भरा मायरा: 6 साल पहले बनाया था भांजी, अब पहुँच कर...

बलिदानी हेमराज की बेटी की शादी का मौका आया, तो बिरला ने अपना वचन निभाते हुए साँगोद में आयोजित समारोह में शिरकत की।

5000 मुस्लिमों की भीड़ ने ठप्प की रेलवे सेवा, प्रखंड मुख्यालय फूँका, पुलिसवालों ने मस्जिद में छिप कर बचाई जान: बंगाल में वक़्फ़ के...

जिन गाड़ियों को फूँका गया है उनमें पुलिस के वैन और सार्वजनिक बसें शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि जवानों पर 'बम जैसे पदार्थ' फेंके गए।
- विज्ञापन -