उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में लव जिहाद मतलब ग्रूमिंग जिहाद का पहला मामला दर्ज कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा लाए गए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 (U.P. Unlawful Religious Conversion Prohibition Ordinance, 2020) को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में पहला मामला दर्ज किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उवैस अहमद गाँव की ही एक छात्रा पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस प्रकरण के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है, फ़िलहाल मामले का आरोपित फ़रार है।
Bareilly: Case registered under newly-promulgated Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Ordinance, 2020, at Deorania Police station in the district.
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2020
घटना बरेली जिले के देवरनियां क्षेत्र की है, जिसकी शिकायत टीकाराम ने की और उसके आधार पर पुलिस ने आरोपित के विरुद्ध मामला दर्ज किया। शिकायतकर्ता ने बताया कि शरीफ़नगर गाँव के निवासी रफ़ीक अहमद के बेटे उवैस अहमद ने पढ़ाई के दौरान उनकी बेटी के साथ जान-पहचान बढ़ाई। दोनों के बीच काफी समय तक मित्रता रही, इसके बाद उवैस उनकी बेटी पर धर्म परिवर्तन कर शादी करने का दबाव बना रहा है।
उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी कहा कि उनका परिवार इस बात को सिरे खारिज कर चुका है फिर भी उवैस अहमद का परिवार मानने को तैयार नहीं है। टीकाराम का यहाँ तक कहना है कि आरोपित ने कई बार उनकी बेटी पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया था। जब उनकी बेटी ने इस बात से मना किया तो वह जान से मारने की धमकी देने लगा।
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने अध्यादेशित उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनयम 3/5, 2020 और भारतीय दंड संहिता की धारा 504/506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का यह भी कहना है कि घटना के संबंध में जाँच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फ़िलहाल घटना का आरोपित फ़रार है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ इस घटना के संबंध में एसपी देहात डॉक्टर संसार सिंह ने भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिलहाल पुलिस सिस्टम में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनयम की धारा अपलोड नहीं की गई है। इस वजह से फ़िलहाल अधिनियम 3/5 की धारा को मुक़दमे के भीतर पेन द्वारा लिखा गया है।
हाल ही में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ के विरुद्ध बने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 पर हस्ताक्षर कर इसे मंजूरी दी थी। इसके बाद ये राज्य में औपचारिक रूप से लागू हो गया है।
राज्यपाल ने शनिवार (नवंबर 28, 2020) को इसकी मंजूरी दी। राज्यपाल की अनुमति मिलते ही ये अपराध गैर-जमानती हो गया है और इसे 6 महीनों के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास कराना होगा। यूपी में लव जिहाद के नए कानून को लेकर जो बातें अब तक सामने आई है, उसके अनुसार 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। यदि दो अलग-अलग धर्म के लोग शादी करते हैं तो इस बात की जाँच की जाएगी कि यह धोखे से तो नहीं हुआ है।