छत्तीसगढ़ में फिर से घर वापसी हुई है। इस बार भारत के राष्ट्रपति की ‘दत्तक संतान’ कहे जाने वाले ‘कोरबा जनजातीय समुदाय’ के 56 परिवारों के 200 लोग विधि विधान से सनातम धर्म में लौटे। भारतीय जनता पार्टी के नेता व अखिल भारतीय घर वापसी प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने खुद सबके पाँव पखाकरकर सबको वंदन करके हिंदू धर्म स्वीकार करवाया।
पूरा कार्यक्रम 17 मार्च 2024 को छत्तीसगढ़ के जिला रायगढ़ के आश्रित ग्राम बरघाट में हुआ। इस कार्यक्रम के दौरान आस पास के ग्राम वासी भी उपस्थि रहे। इसके अलावा प्रमुख रूप से प्रबल प्रताप सिंह जूदेव समेत अनेक हिंदू कार्यकर्ता शामिल रहे। उन्होंने 56 परिवार के लगभग 200 लोगों के पैर धो कर मंत्रोचार के साथ हवन करवाकर घर वापसी करवाई।
इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा, “अब धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं उक्त कर्म में जो भी लिप्त पाया जाएगा उसे सजा भुगतने को तैयार रहना चाहिए। उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने धर्मांतरण को देश के लिए खतरा बताते हुए कहा, “अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया गया तो आगामी पीढियाँ हमें माफ नहीं करेंगी।” उन्होंने कहा, “देश की आजादी के बाद जितने भी लोग धर्मांतरित हुए हैं उनकी जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।”
बता दें कि इससे पहले उन्होंने प्रबल सिंह जूदेव ने दिसंबर 2023 में किलकिला धाम में 8 परिवारों की सनातन में वापसी करवाई थी। उससे पहले उन्होंने 101 परिवारों की घर वापसी करवाई थी।
गौरतवब है कि ईसाई मिशनरियों की लालच में आकर कई जनजातीय समुदाय के लोग हिंदू धर्म छोड़ देते हैं। ऐसे में प्रबल प्रताप सिंह ये अभियान चलाकर उन लोगों की घर वापसी कराने के लिए जाने जाते रहे हैं। पिछले वर्ष जनवरी की शुरुआत में उन्होंने 325 परिवारों के 1100 ईसाई बने लोगों की एक साथ घर वापसी करवाई थी। 2022 में भी उन्होंने विश्व कल्याण महायज्ञ के दौरान करीब 1250 लोगों ने घर वापसी कराई थी।