Thursday, April 25, 2024
Homeदेश-समाजगुजरात में धर्मांतरण के लिए नहीं कर सकेंगे शादी, आरोपित को ही साबित करना...

गुजरात में धर्मांतरण के लिए नहीं कर सकेंगे शादी, आरोपित को ही साबित करना होगा ये ‘लव जिहाद’ नहीं: 10 साल तक की कैद का प्रावधान

मामले में लव जिहाद हुआ है या नहीं, यह साबित करने की जिम्मेदारी अभियुक्त, अभियोगकर्ता और सहायक पर होगी। लव जेहाद का जो अपराध करता है, अपराध में मदद करता है, अपराध में सलाह देता है, उन सभी को समान रूप से दोषी माना जाएगा।

गुजरात में लव जिहाद विरोधी कानून अमल में आ गया है। यह धर्मांतरण के मकसद से विवाह को प्रतिबंधित करता है। जबर्दस्ती या छल से धर्मांतरण रोकने के लिए यह कानून लाया गया है। इसमें 10 साल तक की सजा और 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इतना ही नहीं इस कानून के मुताबिक आरोपितों पर ही यह साबित करने की भी जिम्मेदारी होगी कि मामला लव जिहाद का नहीं है।

गुजरात में यह कानून मंगलवार (15 जून 2021) से लागू हो गया। इससे पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश लव जिहाद पर नकेल कसने के लिए इसी तरह का कानून ला चुके हैं। गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को विधानसभा में एक अप्रैल को बहुमत से पारित किया गया था। इसे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मई में मँजूरी दी थी। गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत शादी के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है।

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 22 मई को गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को अपनी स्वीकृति दी थी, जिसमें कुछ मामलों में 10 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि सीएमओ की 4 जून की घोषणा के अनुसार राज्य में कानून लागू किया गया है। विधेयक पेश करते हुए सरकार ने कहा था, “वह उभरती हुई प्रवृत्ति पर अंकुश लगाना चाहती है, जिसमें महिलाओं के धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से शादी का लालच दिया जाता है।”

इस कानून के तहत, केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से विवाह या विवाह के उद्देश्य के लिए धर्मांतरण के मामले में विवाह को पारिवारिक न्यायालय या न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया जाएगा। कोई भी व्यक्ति, प्रत्यक्ष या अन्यथा, बलपूर्वक या जबरदस्ती, या कपटपूर्ण साधनों से, या विवाह द्वारा, या विवाह में सहायता करने के लिए धर्मांतरण नहीं करवा सकेगा। मामले में लव जिहाद हुआ है या नहीं, यह साबित करने की जिम्मेदारी अभियुक्त, अभियोगकर्ता और सहायक पर होगी। लव जेहाद का जो अपराध करता है, अपराध में मदद करता है, अपराध में सलाह देता है, उन सभी को समान रूप से दोषी माना जाएगा।

इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर कम से कम तीन साल और अधिक से अधिक 5 साल तक की कैद और कम से कम दो लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। वहीं, महिला अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से संबंधित है तो सजा का प्रावधान चार से सात वर्ष का कारावास और तीन लाख रुपए के जुर्माने से दंडनीय होगा।

इन प्रावधानों का पालन नहीं करने वाले संगठन का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा और ऐसे संगठन को कम से कम तीन साल की कैद और अधिकतम 10 साल तक की कैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। ऐसा संगठन आरोप-पत्र दाखिल करने की तिथि से राज्य सरकार से वित्तीय सहायता या अनुदान के लिए पात्र नहीं होगा। इस अधिनियम के तहत अपराधों को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा और पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा जाँच नहीं की जाएगी।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

सुधीर गहलोत
सुधीर गहलोत
इतिहास प्रेमी

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe