Monday, March 31, 2025
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एक विवाह ऐसा भी: जीते जी एक न हो सके तो कर लिया सुसाइड, मौत के 6 महीने बाद परिजनों-ग्रामीणों ने बना दिया जोड़ा

सुसाइड के करीब छह महीने बाद गणेश की बारात रंजना के घर पर पहुँची। दोनों की मूर्तियों के फेरे हुए। फिर दुल्हन की विदाई भी हुई।

गुजरात के तापी में एक अनूठा विवाह हुआ है। सुसाइड करने वाले एक प्रेमी जोड़े की मूर्तियों की यह शादी सोशल मीडिया में चर्चा में है। वैसे यह​ मृत जोड़े की अंतिम इच्छा को पूरा करना है या पाश्चाताप यह स्पष्ट नहीं है।

यह शादी तापी के निजार तालुके के न्यू नेवाला गाँव में हुई है। रिपोर्टों के मुताबिक जनजातीय समाज के गणेश पड़वी और रंजना पड़वी प्रेम में थे। लेकिन दूर का रिश्तेदार होने की वजह से परिजनों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। दोनों ने अगस्त 2022 में पेड़ से लटके मिले। अब परिजनों और ग्रामीणों ने दोनों की मूर्ति बनाकर उनके बीच शादी करवाई है।

यह शादी जनजातीय विधि विधानों के साथ संपन्न हुई। बताया जाता है कि ऐसा दोनों की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए किया गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए मूर्ति बनाकर शादी करवाने का फैसला परिजनों ने लिया।

पड़वी जनजातीय समुदाय में मान्यता है कि आत्महत्या करने वालों की आत्मा भटकती है। प्रेमी जोड़े के परिवार वालों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए मूर्तियाँ बनवाकर शादी कराने का निर्णय लिया। घटना के 6 महीने बाद गणेश और रंजना की मूर्तियाँ बनवाईं गईं। शादी का कार्ड भी छपवाया गया। 14 जनवरी, 2023 को गणेश की बारात पुराने नेवाला गाँव पहुँची। रंजना के घर पर गणेश के प्रतीक स्वरुप उसकी मूर्ति को बैठाया गया। सात फेरों के अलावा जनजातीय समुदाय की परंपरा के अनुसार सभी रीति-रिवाजों का पालन किया गया।

विवाह के बाद दुल्हन की विदाई भी हुई। गणेश के साथ रंजना की मूर्ति उसके गाँव पहुँची। इस उपलक्ष पर भोज का आयोजन भी हुआ। मूर्ति स्थापित कर दोनों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की गई। दोनों की मूर्तियाँ गाँव के बीच के रास्ते में स्थापित की गई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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