Saturday, July 27, 2024
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‘हर घर तिरंगा’ अभियान से 20 करोड़ घरों में फहरेगा राष्ट्रीय ध्वज, 15 दिन में ₹200 करोड़ का कारोबार संभव: ध्यान रखें चंद बातें

'हर घर तिरंगा' अभियान से आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के दिन 20 करोड़ घरों में तिरंगा लहराता दिखेगा। सरकारी और निजी संस्थान भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। प्रशासन की ओर से जोर-शोर से इसकी तैयारियाँ हो रही हैं। प्रिंट से लेकर डिजिटल मीडिया तक में इस प्रचार हो रहा है।

भारतीय झंडा संहिता में मोदी सरकार द्वारा संशोधन किए जाने के बाद अब देश भर में ‘हर घर तिरंगा’ अभियान जोर-शोर से चल रहा है। देश के सर्वोच्च पद पर बैठे लोगों से लेकर सामान्य जन तक इसे लेकर उत्साहित हैं। अभियान का पहला मकसद है कि देश की जनता के दिलों में देशभक्ति की भावना जागे और दूसरा राष्ट्रीय ध्वज की महत्ता पर लोगों को जागरूक किया जाए। हाल में इसी देशभक्ति का प्रमाण देते हुए समुद्र में अंडरवाटर तिरंगा फहराए जाने की तस्वीर सामने आई थी। वहीं दुकानदारों ने भी बताया कि अचानक बाजार में झंडों की बिक्री बहुत बढ़ गई है।

क्या है ‘हर घर तिरंगा’ का उद्देश्य?

जैसा कि ऊपर बताया ‘हर घर तिरंगा’ देश की जनता में राष्ट्रभक्ति को जगाने का एक अभियान है। भारत सरकार द्वारा हाल में भारतीय झंडा संहिता में किए गए संशोधन के बाद इस अभियान को देश भर में चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों अपील की थी कि देश की जनता 13 अगस्त से 15 अगस्त तक अपने घरों में दिन-रात झंडे को फहराएँ ताकि राष्ट्र ध्वज के साथ हमारा जुड़ाव गहरा हो। साथ ही जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्व मनाया जा सके।

सरकार ने लिया हर घर तिरंगा फहरवाने का जिम्मा

अनुमान है कि इस अभियान से आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के दिन 20 करोड़ घरों में तिरंगा लहराता दिखेगा। सरकारी और निजी संस्थान भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे। प्रशासन की ओर से जोर-शोर से इसकी तैयारियाँ हो रही हैं। प्रिंट से लेकर डिजिटल मीडिया तक में इस प्रचार हो रहा है।

तीन आकार के मिलेंगे झंडे

अभियान को कामयाब बनाने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति हुई है। केंद्र सरकार ने तीन तरह के झंडों के उत्पादन की व्यवस्था की है। एक आकार 20*30 का होगा। दूसरा 16*24 का और तीसरा 6*9 का होगा। ये तीनों आकार डाकघर में उपलब्ध होंगे। लोग चाहें तो इन्हें ऑनलाइन भी खरीद पाएँगे।

लघु उद्यमियों के लिए अवसर

अभियान को सफल बनाने के लिए 25 करोड़ झंडों की जरूरत पड़ने वाली है। लेकिन फिलहाल देश में केवल 4-5 करोड़ झंडे उपलब्ध हैं। ऐसे में लघु उद्यमियों के बीच भी इस अभियान को लेकर उत्साह है क्योंकि झंडों की जरूरत पूरा करके वह अपने कारोबार का विस्तार भी कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक एक झंडा बनाने में 10-12 रुपए लगते हैं। ऐसे में मात्र दिन में 200 करोड़ का कारोबार संभव है।

‘हर घर तिरंगा’ अभियान में भी रखें ध्यान

भारत इस वर्ष आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है। ऐसे में ‘हर घर तिरंगा अभियान’ का शुभारंभ जनता के दिलों में राष्ट्रभक्ति की भावना जगाने के लिए है। मोदी सरकार द्वारा किए गए संशोधन के बाद देश का हर नागरिक इस चीज के लिए आजाद है कि वो अपने घर में दिन रात झंडा फहराए। बस उसे तिरंगे को लहराते समय ये ध्यान देना होगा कि उसका प्रयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए न किया जाए, किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए तिरंगे को न झुकाया जाए, झंडे को वर्दी या पोषाक बनाकर न ओढ़ा जाए, उसे किसी भवन में पर्दे की तरह न लगाया जाए, किसी गाड़ी में उसका प्रयोग चीजों को ढकने में न लाया जाए या किसी अन्य झंडे को उससे ऊपर न फहराया जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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