Thursday, November 7, 2024
Homeदेश-समाज'मेरी पत्नी को मौलानाओं ने मारपीट कर घर से निकाल दिया, जिहादी उसकी हत्या...

‘मेरी पत्नी को मौलानाओं ने मारपीट कर घर से निकाल दिया, जिहादी उसकी हत्या भी कर सकते हैं’: जितेंद्र त्यागी (वसीम रिजवी) ने जेल से लगाई गुहार

जितेंद्र त्यागी की पत्नी फरहा फातिमा ने अपने शिकायत-पत्र में लिखा है, “SI जैदी ने जबरन मुझसे मेरे घर की चाबी ले ली और हम सबको घर से निकाल बाहर कर दिया। मैं एक मजबूर महिला मेरे एक सात साल का पुत्र है और मैं अकेली रहती हूँ। मेरा पति जेल में है मेरा कोई सहारा नहीं हैं...।

हरिद्वार धर्म संसद मामले में जेल में बंद जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार को तंग किया जा रहा है और कुछ जिहादी लोग उनकी पत्नी की हत्या करना चाहते हैं। जितेंद्र त्यागी ने ट्वीट कर लोगों से मदद माँगी है।

जितेंद्र त्यागी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं जेल में हूँ, उधर मेरी पत्नी को मौलानाओं ने मारपीट कर अपने घर से बाहर निकाल दिया। उनका साथ दिया यूपी पुलिस के ASI ज़ैदी ने। आप लोग मेरे परिवार का साथ दें, जिहादी मेरी पत्नी की हत्या भी कर सकते हैं। वे मेरे परिवार को डरा रहे हैं। मैं जेल में बंद हूँ, आप लोग ही न्याय करें।”

इसके साथ ही जितेंद्र त्यागी ने ट्वीट में उनकी पत्नी फरहा फातिमा के द्वारा पुलिस के सामने की गई शिकायत की फोटो कॉपी भी साझा की है। फरहा फातिमा ने इस बारे में सआदतगंज थाना अध्यक्ष को पत्र लिखा है।

पत्र में कहा गया है, “20 जनवरी शाम साढ़े 5 बजे के आसपास मेरे घर में कुछ काम चल रहा था, जिसमें मेरी ममेरी बहन निदा फातिमा (पुत्री रईस हुसैन) व अन्य घर में कुछ काम करवा रही थी। अचानक से शमील शम्सी, मीसम रिजवी, शबाब असगर, नकी हुसैन उर्फ अमित, गुलशन अब्बास, शहजाद, कियान रिजवी फैजी व सलमान मेरे घर में घुस आए और मेरी ममेरी बहन निदा का काम करने वाले बढाई से गाली- गलौज करने लगे।”

जितेंद्र त्यागी द्वारा शेयर किया गया शिकायत पत्र

उन्होंने शिकायत पत्र में लिखा, “मेरी बहन ने इसकी सूचना मुझे दी। मैंने तुरंत थाना सआदतगंज को फोन करके बता दिया और घर की तरफ भागी। मेरे समर्थन में मेरी छोटी बहन अमरीन पत्नी नूर आलम व भाभी उजमा बानो पत्नी सईद रिजवी भी पहुँची। वहाँ पहुँचते ही जो लोग वहाँ पहले से मौजूद थे जिनके नाम मैं पहले लिख चुकी हूँ, मेरे साथ भी धक्का मुक्की व गाली-गलौज करने लगे, जबकि वहाँ मौजूद SI जैदी खड़े मूकदर्शक बने देखते रहे और मैं मिन्नतें करती रही।”

फरहा फातिमा ने आगे बताया है, “SI जैदी ने जबरन मुझसे मेरे घर की चाबी ले ली और हम सबको घर से निकाल बाहर कर दिया। मैं एक मजबूर महिला मेरे एक सात साल का पुत्र है और मैं अकेली रहती हूँ। मेरा पति जेल में है मेरा कोई सहारा नहीं हैं, मैं किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही हूँ। इन हालातों में ऐसी घटना मेरे साथ होना घोर निंदनीय है। अतः श्रीमान जी से निवेदन यह है कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करने की कृपा करें।”

आपको बता दें कि जितेंद्र नारायण त्यागी पूर्व के वसीम रिजवी हैं तथा इस्लाम त्याग कर सनातन में घर वापसी कर चुके हैं। ते दिनों हरिद्वार पुलिस ने जितेंद्र त्यागी उर्फ़ वसीम रिजवी को रुड़की के नारसन बॉर्डर से हरिद्वार की सीमा में प्रवेश करने पर गिरफ़्तार कर लिया था। रिजवी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153A के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। वसीम रिजवी के खिलाफ एक किताब के विमोचन कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी करने को लेकर एक मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में उनके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। हरिद्वार में भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट ने वसीम रिजवी उर्फ ​​जितेंद्र त्यागी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। गुरुवार (20 जनवरी 2022) को हरिद्वार कोर्ट में जितेंद्र त्यागी की याचिका भी खारिज कर दी गई।  

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -