Saturday, October 12, 2024
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‘रेप के बाद समझौता से महिला का सम्मान नष्ट’: पीड़िता से शादी के बाद आरोपित अधिकारी का केस रद्द करने की माँग, HC ने इनकार किया

कोर्ट ने कहा, "याचिका दायर करने वाला भारत सरकार के सीजीएसटी और कस्टम विभाग में अधीक्षक है। ये एक राजपत्रित पद है। एक सरकारी कर्मचारी से उम्मीद की जाती है कि वो अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में उच्च नैतिकता और सत्यनिष्ठा का पालन करेगा और अपने कुकर्मों से पद की प्रतिष्ठा को बदनाम नहीं करेगा।"

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) ने रेप (Rape) के बाद पीड़िता से शादी करने के बाद दर्ज केस को रद्द करने की माँग करने वाली आरोपित की याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि रेप महिला के शरीर के खिलाफ किया गया जघन्य अपराध है। एक महिला अपने शरीर को मंदिर मानती है। समझौता करके केस को रद्द करना महिला के सम्मान को नष्ट करने जैसा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस रजनीश भटनागर ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि रेप का अपराध समझौते के लायक नहीं होता है, क्योंकि इससे ये स्पष्ट नहीं होता है कि उक्त समझौता पीड़िता की सहमति से ही हुआ हो। कोर्ट ने आशंका व्यक्त की कि हो सकता है कि पीड़िता पर समझौते के लिए जबरन दबाव डाला गया हो। ऐसी परिस्थिति में इस समझौते को मानने पर पीड़िता के ऊपर अलग से बोझ बढ़ जाएगा।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “मौजूदा मामले में याचिका दायर करने वाला एक सरकारी कर्मचारी है, जो कि भारत सरकार के सीजीएसटी और कस्टम विभाग में अधीक्षक है। ये एक राजपत्रित पद है। एक सरकारी कर्मचारी से उम्मीद की जाती है कि वो अपने निजी और सार्वजनिक जीवन में उच्च नैतिकता और सत्यनिष्ठा का पालन करेगा और अपने कुकर्मों से पद की प्रतिष्ठा को बदनाम नहीं करेगा।”

अदालत के मुताबिक, एक सरकारी कर्मचारी का समाज के प्रति उत्तरदायित्व होता है। बलात्कार केवल पीड़िता की व्यक्तिगत पहचान को ही नहीं बर्बाद करता, बल्कि यह कई सालों के लिए उसके मानसिक संतुलन को भी बिगाड़ देता है। दुष्कर्म केवल महिला के खिलाफ ही नहीं, समाज के खिलाफ भी बड़ा अपराध है। इसके साथ ही कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि रेप, डकैती और हत्या जैसे अपराधों में समझौते को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, रेप पीड़ित महिला की मुलाकात आरोपित से मैट्रिमोनियल वेबसाइट Jeevansathi.com पर हुई थी। पीड़िता द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि आरोपित ने ही साइट पर उससे उसका मोबाइल नंबर माँगा था। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों में बातचीत शुरू हुई। आरोपित ने पीड़िता को बताया कि उसकी उम्र 32 साल है। उसकी पहली पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी। फिलहाल, वो सिंगल है। पीड़िता जब उससे शादी की बात करने के लिए गई तो उसने उसका रेप किया। बाद में आरोपित ने पीड़िता के साथ कार में भी रेप किया।

इस घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की। आरोपित के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 323 और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया गया, लेकिन बाद में वह थाने गया और पीड़िता से शादी का वादा किया। इसके बाद दोनों ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि उन्होंने शादी कर ली है। इसलिए एफआईआर को रद्द कर दिया जाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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