मध्य प्रदेश एटीएस ने आतंकी इस्लामी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) के जिन 16 सदस्यों को पकड़ा है, उनमें से एक मोहम्मद सलीम एआईएमआईएम चीफ व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के कॉलेज में पढ़ाता था। जाँच में यह बात सामने आने के बाद बीजेपी लगातार औवेसी पर हमला कर रही है। उन पर हैदराबाद में आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया जा रहा है। इस क्रम में मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।
उन्होंने सोमवार (15 मई, 2023) को कहा, “इन जिहादी कॉकरोचों के लिए हमारे मध्य प्रदेश की एटीएस पुलिस पेस्टिसाइड्स की तरह है। पुलिस लगातार ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। ब्रेनवॉश करने वाले सभी पढ़े लिखे लोग हैं। इनमें से एक हैदराबाद का प्रोफेसर है। एक इंजीनियर है। ये सभी लोग जो कार्य कर रहे हैं, वह निंदनीय है। मैं उन लोगों के बारे में कहना चाहता हूँ, जो केरल स्टोरी पर बोले, लेकिन HUT पर एक शब्द भी नहीं कहा। हमने पीएफआई को पकड़ा, सिमी का नेटवर्क ध्वस्त किया, लेकिन ये लोग एक शब्द भी नहीं बोले। ये तुष्टिकरण की राजनीति इन लोगों को बढ़ावा देती है। पहले लड़कों का धर्म परिवर्तन फिर उनके द्वारा लड़कियों का धर्मांतरण, ऐसे लोगों का कनेक्शन किससे जुड़ा है।”
उन्होंने इशारों-इशारों में इसका जिम्मेदार औवेसी को भी ठहराया। नरोत्तम मिश्रा ने कहा, “इनमें से एक प्रोफेसर औवेसी के हैदराबाद वाले कॉलेज में ही पढ़ाता था। ये गंभीर विषय है। सार्वजनिक जीवन में जीने वाले लोग भी अगर इस तरह के काम को हतोत्साहित नहीं करेंगे तो दिक्कत होगी। इनको कहाँ से फंडिंग होती थी। इनके किस-किस से कनेक्शन हैं, इसके जाँच के आदेश दिए गए हैं। ये मामला ‘लव जिहाद’ से भी ऊपर जा रहा है इसलिए हमने कड़ी जाँच के आदेश दिए हैं।”
इससे पहले तेलंगाना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने औवेसी को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि वह हैदराबाद में आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि हैदराबाद हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए एक सुरक्षित जगह बन गया है। संजय ने मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से माँग की थी कि वह इस मामले की जाँच करवाएँ। भाजपा नेता ने साथ ही यह भी आरोप लगाया था कि बीआरएस और कॉन्ग्रेस दोनों को हैदराबाद के लोगों की सुरक्षा की चिंता नहीं है। वे केवल अल्पसंख्यकों के वोट से सत्ता में आना चाहते हैं।
बता दें कि सलीम पहले सौरभ हुआ करता था। उसका पूरा नाम सौरभ राजवैद्य था। वह भोपाल के बैरसिया के पास का रहने वाला है। साल 2010 में उसने पहले खुद इस्लाम कबूला और 2012 में अपनी बीवी को इस्लाम कबूल करवाया। इसके बाद दोनों हैदराबाद शिफ्ट हो गए। चूँकि सलीम मध्य प्रदेश से था, इसलिए उसे पूरे एमपी में हिज्ब-उत-तहरीर संगठन का एजेंडा फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई और ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा गया।
हैरानी की बात यह है कि सौरभ राजवैद्य से सलीम बनने के बाद उसे हैदराबाद में डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के बायोटेक्निकल डिपार्टमेंट में प्रोफेसर की नौकरी मिल गई और यहाँ वह कॉलेज में पढ़ाने के नाम पर मजहबी जहर फैलाने लगा।