नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के ख़िलाफ़ शाहीन बाग में चल रहा निराधार विरोध-प्रदर्शन किसी तरह साँसे ले रहा है। वहाँ प्रदर्शनकारी महिलाओं की संख्या हर दिन कम होती जा रही है। ताजा जानकारी के अनुसार तो वहाँ पंडाल खाली पड़ा है। इंडिया टीवी के एक पत्रकार के अनुसार शुक्रवार की सुबह वहॉं केवल 19 महिलाएँ ही थीं। प्रदर्शनस्थल को देखकर लगता है कि वहाँ पर सबका जोश शायद शांत हो गया। मगर इस शांति के साथ ही वहाँ हूटर सिस्टम का खुलासा हुआ है। इसका प्रयोग मीडिया को देख औरतें पुरुषों को बुलाने के लिए करती हैं।
जानकारी के अनुसार, इंडिया टीवी की टीम आज सुबह प्रदर्शन को कवर करने शाहीन बाग पहुँची। वहाँ चैनल की महिला पत्रकारों ने देखा कि ज्यादा भीड़ नहीं है। वह प्रदर्शन को कवर करने के लिए लाइव करते हुए सीधे अंदर चली गईं। कैमरे को देखते ही प्रदर्शनस्थल पर मौजूद गिनती की महिलाओं के बीच हड़कंप मच गया। उन्होंने झट से हूटर बजाया और फिर कुछ मर्द वहाँ पहुँच गए।
इंडिया टीवी के पत्रकार सुशांत सिन्हा के अनुसार, इन पुरुषों ने महिला पत्रकारों को डराने के लिए बदसलूकी की। लेकिन फिर भी वे रिपोर्ट करते रहे। महिला पत्रकारों ने बिना डरे शाहीन बाग का सच दर्शकों के सामने रखा और साथ ही इस हूटर सिस्टम का खुलासा भी इन्हीं महिला पत्रकारों की बदौलत हुआ।
आज शाहीनबाग़ के हूटर सिस्टम का पता चला।जब इंडिया टीवी की टीम वहां लाइव करते हुए सीधे घुस गई तो 19 महिलाएं बैठी थीं बस।हड़कम्प मच गया। उसके बाद हूटर बजाकर पुरुषों को बुलाया गया जिन्होंने ने बदतमीजी करके महिला रिपोर्टर्स को सोचा डरा देंगे। वो कहाँ डरने वाली थीं।सच सबके सामने आ गया। pic.twitter.com/DFs7hzFgoK
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) March 6, 2020
पत्रकार सुशांत सिन्हा ने इस वाकये को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इसके अलावा मीनाक्षी जोशी की रिपोर्ट देखने से पता चलता है कि जुमे का हवाला देकर उन्हें प्रदर्शनस्थल से लगातार चले जाने के लिए कहा जा रहा है। इसके जरिए दम तोड़ रहे विरोध-प्रदर्शन की सच्चाई को छिपाने की कोशिश की गई।
विडियो में देख सकते हैं कि वहाँ मौजूद लोग लगातार महिला पत्रकार को बाहर जाने को कह रहे हैं। जब वह 82 दिन से जारी प्रदर्शन का हवाला देकर कहती हैं कि इस बीच में कई बार जुमे आए, लेकिन उन्हें शाहीन बाग खाली नहीं दिखा, तो फिर आज क्यों? इस पर वहाँ मौजूद औरतें उन्हें समझाने लगती है। वे अपनी कम संख्या जस्टिफाई करने के लिए कहती हैं कि आज जुमा है, नमाज पढ़ने के लिए उन्हें नहाना-धोना होता है, क्या उसमें टाइम नहीं लगेगा। विडियो में पुरुषों को भी लगातार हस्तक्षेप करते देखा जा सकता है और ये भी सुना जा सकता है कि अगर इंडिया टीवी को भीड़ देखनी है तो वो 11 बजे के बाद प्रदर्शनस्थल पर आएँ।
India TV journalists @IMinakshiJoshi and @dikshatigress visited #ShaheenBagh to reveal the truth behind rumours of protesters leaving the protest site.
— India TV (@indiatvnews) March 6, 2020
Watch IndiaTV’s EXCLUSIVE report with @SushantBSinha @indiatvnews
Watch #IndiaTV LIVE at: https://t.co/33v4fChwel pic.twitter.com/Nobh488T7J
इस विडियो से पता चलता है कि आखिर किस तरह से एक महिला पत्रकार को प्रदर्शनस्थल की रिपोर्टिंग करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ी। किस तरह सवालों के बदले उनसे सवाल किए गए और किस तरह बुजुर्ग महिला से लेकर पुरुष तक उनपर हावी होने की कोशिश करते रहे।