तेलंगाना स्थित हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले की फाइल फिर से पुलिस खोलेगी। तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने शुक्रवार (3 मई 2024) की देर रात को कहा कि रोहित वेमुला की मौत की जाँच जारी रहेगी। यह जाँच मृतक की माँ और अन्य लोगों के अनुरोध पर किया जा रहा है।
तेलंगाना पुलिस द्वारा जारी एक बयान में डीजीपी ने कहा, “मृतक रोहित वेमुला की माँ और अन्य लोगों द्वारा जाँच के संबंध में व्यक्त किए गए संदेह के कारण मामले में अतिरिक्त जाँच करने का निर्णय लिया गया है। संबंधित अदालत में एक याचिका दायर की जाएगी, जिसमें माननीय मजिस्ट्रेट से आगे की जाँच की अनुमति देने का अनुरोध किया जाएगा।”
Rohith Vemula death case | "As some doubts have been expressed by the mother and others of the deceased Rohith Vemula on the investigation conducted, it has been decided to conduct further investigation into the case. A petition will be filed in the Court concerned requesting the…
— ANI (@ANI) May 4, 2024
डीजीपी ने आगे कहा, “मामले में जाँच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त, माधापुर थे और इस मामले में अंतिम क्लोजर रिपोर्ट पिछले साल यानी नवंबर 2023 से पहले ही की गई जाँच के आधार पर तैयार की गई थी। क्लोजर रिपोर्ट को जाँच अधिकारी द्वारा 21.03.2024 को न्यायिक अदालत में दायर किया गया।”
डीजीपी का यह बयान उस दिन आया है, जब तेलंगाना पुलिस ने एक स्थानीय अदालत के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी। क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने निष्कर्ष निकाला है कि वेमुला ने साल 2016 में इस डर से आत्महत्या कर ली थी कि उसकी असली जाति की पहचान उजागर हो जाएगी। वेमुला अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से नहीं था।
पुलिस ने कहा है कि रोहित की माँ ने उसे फर्जी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवा के दिया था और रोहित को लगातार यह डर बना रहता था कि यदि उसका भेद खुला तो उसकी डिग्रियाँ खत्म हो जाएँगी। पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित वेमुला वद्देरा जाति से ताल्लुक रखता था जो कि पिछड़ा वर्ग में आती है। रिपोर्ट के अनुसार, रोहित वेमुला की मौत के लिए अन्य कोई व्यक्ति जिम्मेदार नहीं था।
यह भी बताया गया कि रोहित वेमुला की जाति की पहचान के लिए जब उनकी माँ राधिका से DNA टेस्ट के विषय में बात की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस रोहित की माँ के DNA सैंपल को उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलाकर देखना चाहती थी, ताकि जाति की जानकारी जुटाई जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित वेमुला पढ़ने से अधिक छात्र राजनीति में ध्यान देता था।
रोहित वेमुला की मौत के बाद यह मुद्दा राजनीतिक बन गया था और इसके कारण विवाद बढ़ गया था। तब कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर हमला करते हुए इसे जाति की लड़ाई के रूप में पेश किया था। इसके साथ ही उन्होंने सरकार और ईरानी की आलोचना की थी।