उत्तराखंड के हरिद्वार में सोमवार (11 नवम्बर, 2024) को दीपोत्सव के आयोजन में मुस्लिम विधायकों को न्योता दिए जाने पर विवाद हो गया है। मुस्लिम विधायकों को उस हर की पैड़ी पर आमंत्रित किया गया है, जहाँ गैर हिन्दू का जाना वर्जित है। यह न्योता देने पर हरिद्वार जिला प्रशासन पर प्रश्न उठे हैं। विवाद के बाद हर की पैड़ी पर गैर मुस्लिमों का प्रवेश रोक दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सोमवार शाम को हर की पैड़ी पर दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती महोत्सव के अंतर्गत किया जा रहा है। इसमें हरिद्वार के लोगों को दीप जलाने के लिए कहा गया है।
इस कार्यक्रम में 3 लाख दीए जलाए जाने की योजना है। इसके साथ ही 500 ड्रोन से कार्यक्रम भी होगा। इसके अलावा भजन संध्या का आयोजन भी किया जाएगा। कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी आमंत्रित किया गया है।
इसी कार्यक्रम में हरिद्वार जिला प्रशासन ने विधायकों को भी आमंत्रित किया है। हरिद्वार जिला प्रशासन ने इसी कड़ी में पिरान कलियर से कॉन्ग्रेस विधायक फुरक़ान अहमद, लक्सर से बसपा विधायक मोहम्मद शहज़ाद और मंगलौर से कॉन्ग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन को न्योता भेजा था।
गंगा दीपोत्सव में पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरक़ान अहमद, लक्सर से बसपा विधायक मोहम्मद शहज़ाद और मंगलौर से कांग्रेस विधायक क़ाज़ी निज़ामुद्दीन पहुँचेंगे।
— V Ashish Nautiyal (@ashu_nauty) November 11, 2024
जब हरकी पैड़ी में ग़ैर-हिंदू का प्रवेश वर्जित है तो फिर ये तीन लोग यहाँ क्यों? pic.twitter.com/uQRv11kvTg
इन तीन विधायकों को न्योता भेजे जाने पर श्रीगंगा सभा ने ऐतराज जताया। यह सभा ही हर की पैड़ी पर गंगा आरती और बाकी कार्यक्रमों को आयोजित करती है। श्रीगंगा सभा ने कहा है कि हर की पैड़ी पर गैर हिन्दू नहीं आ सकते हैं, ऐसे में प्रशासन को उनका यहाँ बुलाना ठीक नहीं है।
सभा ने कहा है कि मुस्लिम विधायकों को बुलाया जाना नियमों का अपमान है और यह नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को हर की पैड़ी के नियमों की जानकारी नहीं है और गैर मुस्लिमों को प्रतिबंधित करने का नियम 100 वर्षों से अधिक पुराना है।
इसी के चलते राज्य के पूर्व मुस्लिम राज्यपाल अजीज कुरैशी और ईसाई मारग्रेट अल्वा ने भी हर की पैड़ी से अलग दूसरी जगह से पूर्व के कार्यक्रम में भाग लिया था। बताया गया है कि यह नियम 1916 से ही लागू है और इसे मदन मोहन मालवीय ने आरती का प्रारम्भ करवाने के समय अंग्रेजो से लागू करवाया था।
वहीं मामले में स्थानीय सूत्रों ने बताया है कि आपत्ति के बाद प्रशासन ने हर की पैड़ी पर किए जाने वाले आयोजन में गैर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। यह रोक हरिद्वार के जिलाधिकारी ने लगाई है। बजरंग दल ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है।