उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में नर्सरी क्लास की बच्ची को हिजाब पहनकर न आने पर स्कूल से निकाल दिया गया। यह घटना अलीगढ़ के इस्लामिक मिशन स्कूल की है। जिस बच्ची को स्कूल से निकाला गया है उसके पिता मोहम्मद आमिर ने इस मामले को लेकर सोमवार (29 अगस्त 2022) को जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह से शिकायत की थी। आमिर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेता भी हैं।
मोहम्मद आमिर ने जिलाधिकारी को लिखे शिकायती पत्र में कहा था कि महज तीन साल की बच्ची को हिजाब पहनकर स्कूल भेजने का दबाव बनाया गया था। स्कूल में न तो हिंदी पढाई जाती और न ही राष्ट्रगान होता है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी अभी तक हिन्दी के शब्दों को भी नहीं पहचान पाती। जब बच्ची से उन्होंने इस बारे में बात की तो पता चला कि स्कूल में सिर्फ उर्दू ही पढ़ाई जाती है।
UP | Complaint submitted during a public grievance hearing y’day by a man stating his daughter was expelled from her school for not wearing a hijab. She was also not being taught Hindi. A 2-member probe committee formed; action to be taken on school if guilty: Aligarh DM IV Singh pic.twitter.com/13t5zQmGiD
— ANI (@ANI) August 30, 2022
नर्सरी क्लास की बच्ची के पिता मोहम्मद आमिर ने कहा, “मैंने अपनी बेटी का इस्लामिक मिशन स्कूल में नर्सरी में एडमिशन कराया था। एडमिशन के 6 महीने बाद जब हम लोग स्कूल गए और पूछा था हमारी बेटी को हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई गई है? अभी तक होमवर्क क्यों नहीं चेक किया गया है? बच्ची की परफॉर्मेंस कैसी है? इस दौरान स्कूल के संचालक ने कहा आपसे पूछ कर पढ़ाई नहीं होगी और फिर मेरे ऊपर बदसलूकी का आरोप लगा दिया।”
आमिर ने आगे कहा, “हद तब पार हो गई जब इसी बात को लेकर हमारी बेटी को स्कूल से निकाल दिया गया। 6 महीने में हमारी बेटी को हिंदी नहीं पढ़ाई गई और न ही वहाँ राष्ट्रगान होता है। स्कूल में साल में सिर्फ दो बार राष्ट्रगान होता है 15 अगस्त और 26 जनवरी को।”
पीड़ित बच्ची के पिता आमिर ने कहा है कि जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत करने के बाद स्कूल से उनके ऊपर दबाव डाला जा रहा है। स्कूल द्वारा कहा जा रहा है कि वह बेटी की फीस के पैसे वापस ले लें और किसी अन्य स्कूल में एडमिशन करा लें।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद आमिर ने इस पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह से शिकायत की थी। जिसके बाद उन्होंने, तत्काल संज्ञान लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को जाँच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बीएसए का कहना है कि इस मामले की जाँच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जाँच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
वहीं इस मामले की शिकायत होने और मीडिया में आने के बाद स्कूल प्रबंधन की ओर से सफाई में कहा गया है कि उस बच्ची के पिता स्कूल आए थे। यहाँ उन्होंने, गलत अंदाज में बातचीत करते हुए और हंगामा किया था। जब स्कूल प्रबंधन से हिंदी न पढ़ाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, बच्ची नर्सरी क्लास में पढ़ती है। इस उम्र के बच्चों को हिंदी पढ़ने-लिखने में दिक्कत होती है।