Monday, June 16, 2025
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‘मुस्लिम’ ही कर रहे मुस्लिम लड़कियों की इज्जत नीलाम, खुद को ‘पत्रकार’ कहने वाला अली सोहराब भी चला रहा ‘भगवा लव ट्रैप’ का प्रोपेगेंडा: 1000+ पीड़िताओं की ऑपइंडिया ने की पड़ताल

जिस भगवा लव ट्रैप की कहानियाँ इस्लामी कट्टरपंथी बता रहे हैं, उसमे कई झोल दिखाई पड़ते हैं। इसे इस्लामी कट्टरपंथी 'लव जिहाद' के जैसा प्रस्तुत करना चाहते हैं। उनके दावे लेकिन मजबूत नहीं दिखाई पड़ते। असल में यह लव जिहाद के खिलाफ प्रोपेगेंडा का एक प्रयास लगता है।

इस्लामी कट्टरपंथी एक नया प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। इसको ‘भगवा लव ट्रैप’ का नाम दिया गया है। वह हिन्दू लड़कों से प्रेम करने वाली मुस्लिम लड़कियों की जानकारियाँ सार्वजनिक कर रहे हैं। उनके और उनके साथ हिन्दू लड़कों की जानकारी सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। बाकायदा पोस्टर-बैनर बना कर मुस्लिम लड़कियों का ‘ईमान’ बचाने की अपील हो रही है। कई ऐसी घटनाएँ तक सामने आई हैं, जिनमें हिन्दू लड़कों के साथ दिखने पर मुस्लिम लड़कियों के साथ मारपीट, गालीगलौज और यहाँ तक कि रेप तक किया गया।

मुस्लिम लड़कियों की कर रहे जानकारियाँ सार्वजनिक

एक्स (पहले ट्विटर) और इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तमाम ऐसे एकाउंट्स हैं, जो हिन्दू लड़कों से दोस्ती रखने वाली या उनके साथ दिखने वाली मुस्लिम लड़कियों की जानकारियाँ सार्वजनिक कर रहे हैं। इसका एक उदाहरण एक्स पर Indra (@itsme_jk) नाम का एक अकाउंट है। इस अकाउंट पर लगातार इस तरह की पोस्ट डाली जा रही हैं। इस अकाउंट पर एक थ्रेड है जहाँ 1200 से अधिक हिन्दू-मुस्लिम जोड़ियों की फोटो डाली गई हैं और उनका नाम लिखा गया है।

ट्विटर पर जहाँ इन लोगों के विषय में मात्र जानकारी दी गई है, वहीं इंस्टाग्राम पर तो बाकायदा मुस्लिम लड़कियों का पीछा करने, उनके नाम और फोटो सार्वजनिक करने और यहाँ तक कि उनके ऊपर अभद्र टिप्पणियाँ तक करने तक में कट्टरपंथी पीछे नहीं हट रहे हैं। ट्विटर से ज्यादा यह बीमारी इंस्टाग्राम पर फैली हुई है।

ऑपइंडिया ने इसी तरह का एक अकाउंट इंस्टाग्राम पर ढूंढा है। इसका नाम ‘Islamic_Contenth’ है। इस पर अधिकांश ऐसी ही पोस्ट पड़ी हुई है। इसकी एक पोस्ट में कथित तौर पटना की एक मुस्लिम लड़की की फोटो लगाई गई है। इस लड़की का नाम आशिका बताया गया है।

यह अकाउंट चलाने वाले इसलिए इस लड़की को वायरल करना चाहते हैं क्योंकि उसका कथित तौर पर प्रेम संबंध एक हिन्दू लड़के से है। इस पोस्ट में मुस्लिम बताई जाने वाले लड़की पर अभद्र टिप्पणियाँ की गई हैं और उसे ‘रखेल’ तक कहा गया है। इस तरह और भी लड़कियों की जानकारियाँ साझा की जा रही हैं।

इन पोस्टों में बाकायदा लड़की की इंस्टाग्राम आईडी और हिन्दू लड़के की इंस्टाग्राम आईडी, उनके फोटो और कई मामलों में नम्बर तक सार्वजनिक किया जाता है।

कई ऐसी वीडियो भी इंस्टाग्राम पर पड़ी हुई हैं, जिनमें बुर्का पहनने वाली मुस्लिम लड़कियों का पीछा किया गया। इसके बाद उनके साथ दिखने वाले हिन्दू लड़कों से पूछताछ की जाती है। मुस्लिम लड़कियों से उनके घरवालों को फोन लगाने को कहा जाता है। यदि किसी मामले में लड़की को अलग कर किया जाता है तो इसे ‘केस सॉल्वड’ बताया जाता है।

स्कूटर/बाइक पर जा रही मुस्लिम महिलाओं के वीडियो भी इन एकाउंट्स द्वारा डाले जाते हैं। यहाँ तक कि कहीं खड़ी या बातचीत कर रहीं महिलाओं तक का वीडियो बनाया जाता है।

सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सीमित नहीं यह घृणा

ऐसा नहीं है कि यह मामला सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित हो। ऐसे ही हिन्दू लड़कों के साथ दिखने वाली मुस्लिम लड़कियों के साथ मारपीट की घटनाएँ सामने आ भी चुकी हैं। मुजफ्फर नगर में अप्रैल, 2025 में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी।

यहाँ मुस्लिम लड़की को इस्लामी भीड़ ने बुरी तरह से पीटा था। मुस्लिम लड़की के साथ मौजूद हिन्दू युवक की भी पिटाई की गई। दोनों एक मिठाई की दुकान के पास मौजूद थे। लड़की का बुर्का भी खींचा गया था। उसके साथ हुई इस छेड़खानी पर पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था।  

ऐसे मामले सिर्फ मारपीट तक ही सीमित नहीं हैं। इस्लामी कट्टरपंथी ‘दीन’ बचाने के नाम पर जनवरी, 2024 में कर्नाटक के हावेरी में 7 मुस्लिम लड़कों के एक मुस्लिम महिला को होटल से उठा लिया था और उसका रेप किया था। यह काम उन्होंने ‘इस्लाम ना मानने’ की ‘सजा देने’ के लिए किया था।

इन मुस्लिम लड़कों को इसका कोई तरस भी नहीं था। मई, 2025 में इस मामले म गिरफ्तार 7 लड़कों को जमानत मिली थी। इसके बाद किसी हीरो की तरह स्वागत हुआ था। उन्होंने एक विक्ट्री परेड निकाली थी। इसके बाद 4 लोगों की जमानत रद्द की गई थी। ऐसे में यदि कोई कहे कि यह सब मामले सोशल मीडिया तक ही सीमित हैं, तो यह भूल होगी।

बैनर-पोस्टर हो रहे प्रसारित

इसको कट्टरपंथी ‘भगवा लव ट्रैप’ कह कर प्रसारित कर रहे हैं। इस्लामी नाम से चलने वाले एकाउंट्स कथित ‘भगवा लव ट्रैप’ को लेकर एक ‘जागरूकता अभियान’ भी चला रहे हैं। इन बैनर पोस्टर को जारी करने वालों का नाम कई बार लिखा जाता है और कई बार नहीं भी।

ऐसे ही एक पोस्टर में ‘मुसलमानों’ से ‘जागने’ की अपील की गई है। मुस्लिम परिवारों से अपनी बेटियों को बचा कर रखने की अपील की गई है। इसमें हिन्दू लड़कों पर मुस्लिम लड़कियों को ‘फँसाने’ के आरोप लगाए गए हैं। एक और पोस्ट में मुस्लिम माता-पिता और मोबाइल को मुस्लिम लड़कियों के ‘दीन’ से दूर होने का बताया गया है।

यह असल में वही दकियानूसी सोच है जो महिलाओं को बाहरी दुनिया से सम्पर्क स्थापित करने और मोबाइल जैसी वस्तुएं इस्तेमाल करने से रोकती है। एहसास फाउंडेशन नाम के संगठन का पोस्टर भी इस सब बीच सामने आया है।

इस्लामी कट्टरपंथी इस भगवा लव ट्रैप की थ्योरी को पहले से नियोजित बता रहे हैं। लगातार कट्टरपंथ फैलाने वाले अली सोहराब ने इसे ‘संवैधानिक संरक्षण’ में हुआ काम बता रहा है, उसका दावा है कि यह सब काम के लिए हिन्दू लड़कों को आर्थिक मदद मिलती है।

क्यों मनगढ़ंत हैं ‘भगवा लव ट्रैप’ की कहानियाँ?

जिस भगवा लव ट्रैप की कहानियाँ इस्लामी कट्टरपंथी बता रहे हैं, उसमे कई झोल दिखाई पड़ते हैं। इसे इस्लामी कट्टरपंथी ‘लव जिहाद’ के जैसा प्रस्तुत करना चाहते हैं। उनके दावे लेकिन मजबूत नहीं दिखाई पड़ते। जितने भी मामले इस्लामी कट्टरपंथियों उठाए हैं, उनमें से किसी में यह दावा नहीं किया गया कि हिन्दू लड़के ने अपनी पहचान छुपाई हो।

उलटे कलावा या अन्य धार्मिक पहचान देख कर ही हिन्दू लड़कों को पहचाना जा रहा है। जिन हिन्दू लड़कों के सोशल मीडिया अकाउंट भी साझा किए गए हैं, उस पर भी उन्होनें अपने नाम सही लिखे हुए हैं। ऐसे में यह स्पष्ट है कि उन्होंने कोई पहचान नहीं छुपाई।

अगर हिन्दू लड़के बिना पहचान छुपाए, मुस्लिम लड़कियों से मित्रता कर रहे हैं, तो इससे इस्लामी कट्टरपंथियों को क्या समस्या है। क्या इस्लामी कट्टरपंथी दो 18+ नागरिकों को बातचीत करने और मिलने-जुलने से रोकना चाहते हैं?

वहीं इस पूरे मामले की लव जिहाद से भी तुलना एकदम गलत है। लव जिहाद के मामलों में स्पष्ट तौर पर हिन्दू लड़कियों को मुस्लिम लड़के फर्जी नाम रखकर फँसाते हैं। ऐसे सैकड़ों-हजारों मामले ऑपइंडिया ही रिपोर्ट कर चुका है। इन मामों में धर्मांतरण-मांस खिलाने जैसी घटनाएँ भी सामने आती हैं।

अब तक मीडिया में इस कथित ‘भगवा लव ट्रैप’ की कहानियाँ भी नहीं आई हैं। असल में यह लव जिहाद के खिलाफ प्रोपेगेंडा का एक प्रयास लगता है। लेकिन इस ‘ट्रैप’ के प्रोपेगेंडा की आड़ में मुस्लिम महिलाओं की जानकारियाँ सार्वजनिक कर रहे हैं, उनका पीछा कर रहे हैं, उनको गालियाँ दे रहे हैं और उनकी स्वतंत्रता पर ताला लगाना चाह रहे हैं।

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अर्पित त्रिपाठी
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