Saturday, November 2, 2024
Homeदेश-समाज'द कश्मीर फाइल्स' से हटेगा स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना से जुड़ा सीन, कोर्ट का...

‘द कश्मीर फाइल्स’ से हटेगा स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना से जुड़ा सीन, कोर्ट का आदेश: 25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक ने करवाई थी हत्या

भारतीय वायुसेना के जवानों की हत्या तब की गई जब उनके पास कोई भी हथियार नहीं था और वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे।

‘द कश्मीर फाइल्स’ से भारतीय वायु सेना के अधिकारी रहे स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना से जुड़ा सीन हटाया जाएगा। जम्मू की एक अदालत ने बलिदानी अधिकारी की पत्नी निर्मल खन्ना की याचिका पर यह आदेश दिया है। खन्ना उन वायु सैनिकों में शामिल थे, जिनकी हत्या 25 जनवरी 1990 को आतंकियों ने कर दी थी। ‘द कश्मीर फाइल्स’ नब्बे के दशक में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और घाटी से उनके पलायन पर केंद्रित है।

सितंबर 2019 में स्क्वॉड्रन लीडर रवि खन्ना का नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में दर्ज करने का फैसला किया गया था। निर्मल खन्ना ने अदालत से फिल्म से उन दृश्यों को हटाने का आदेश देने की अपील की थी, जिनमें उनके पति सहित 4 वायु सेना कर्मियों की हत्या को दिखाया गया है। उनका कहना था कि ये दृश्य वास्तविक तथ्यों से अलग हैं। वायु सैनिकों पर हुए आतंकी हमले का जिम्मेदार जेकेएलएफ का सरगना यासीन मलिक माना जाता है।

भारतीय वायुसेना के जवानों की हत्या तब की गई जब उनके पास कोई भी हथियार नहीं था और वे एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इन्तजार कर रहे थे। वहाँ भारतीय वायुसेना के 14 जवान थे। तभी अचानक से एक मारुति जिप्सी और एक बाइक से 5 आतंकी पहुँचे और इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जवानों के अलावा 2 कश्मीरी महिलाओं की भी हत्या कर दी गई, जो बस का इंतजार कर रही थीं। आतंकियों ने ख़ून से लथपथ जवानों के सामने डांस करते हुए जिहादी नारे भी लगाए थे।

1990 में इस मामले में सीबीआई ने टाडा कोर्ट के समक्ष 2 चार्जशीट दायर की थी। 1995 में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने ट्रायल पर रोक लगा दी थी। यासीन मलिक टेरर फंडिंग के मामले में भी आरोपित है और फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। उसे पुलवामा हमले के बाद गिरफ़्तार किया गया था। साल 2020 में कोर्ट ने इस मामले में पर्याप्त सबूतों के आधार पर यासीन मलिक और इस मामले में बाकी सभी दोषियों पर आरपीसी की धारा 302, 307, टाडा एक्ट 1987 और आर्म्स एक्ट 1959 समेत अन्य धाराओं में अलग-अलग आरोप तय करने के आदेश दिए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘कार्यकर्ताओं के कहने पर गई मंदिर, पूजा-पाठ नहीं की’ : फतवा जारी होते ही सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने की तौबा, पार्टी वाले वीडियो...

नसीम सोलंकी अपने समर्थकों सहित चुनाव प्रचार कर रहीं थीं तभी वो एक मंदिर में रुकीं और जलाभिषेक किया। इसके बाद पूरा बवाल उठा।

कर्नाटक में ASI की संपत्ति के भी पीछे पड़ा वक्फ बोर्ड, 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर दावा: RTI से खुलासा, पहले किसानों की 1500 एकड़...

कॉन्ग्रेस-शासित कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने राज्य के 53 ऐतिहासिक स्मारकों पर अपना दावा किया है, जिनमें से 43 स्मारक पहले ही उनके कब्जे में आ चुके हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -