झारखंड के जामताड़ा जिले के कुछ सरकारी स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार की छुट्टी दिए जाने की खबर है। दावा किया गया है कि स्कूल के नोटिस बोर्ड पर बाकयदा शुक्रवार को जुमे का दिन घोषित कर के अवकाश लिखा गया है। वहीं शिक्षा विभाग द्वारा उन स्कूलों को उर्दू स्कूल बताते हुए ऐसा कदम शिक्षकों की सुविधा को देख कर उठाया जाना बताया गया है।
दैनिक जागरण के संवाददाता कौशल सिंह ने इस पूरे मामले की ग्राउंड रिपोर्ट का दावा किया है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार की छुट्टी उन स्कूलों में हो रही है, जहाँ मुस्लिम छात्रों की संख्या 70% से अधिक है। दावे के मुताबिक शासन से उन स्कूलों को शुक्रवार को बंद रखने के आदेश नहीं हैं लेकिन मैनेजमेंट कमिटी के दबाव में वहाँ शुक्रवार को छुट्टी होना एक स्थाई चलन बन चुका है।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने इस व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा, “पहले गढ़वा में हाथ जोड़ कर प्रार्थना की पद्धति को रोकने की खबर। अब जामताड़ा ज़िले में रविवार के बदले जबरन शुक्रवार को स्कूल बंद कराने के साथ ही सामान्य विद्यालयों पर खुद से उर्दू विद्यालय का बोर्ड लिखवा देना। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आप झारखंड को किस ओर ले जा रहे हैं?”
पहले गढ़वा में हाथ जोड़ कर प्रार्थना की पद्धति को रोकने की खबर।अब जामताड़ा ज़िले में रविवार के बदले जबरन शुक्रवार को स्कूल बंद कराने के साथ ही सामान्य विद्यालयों पर खुद से उर्दू विद्यालय का बोर्ड लिखवा देना।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 9, 2022
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, आप झारखंड को किस ओर ले जा रहे हैं? १/२ pic.twitter.com/nAjReIBKpf
जिले के शिक्षा विभाग के दावे के मुताबिक कुल 1084 स्कूलों में मात्र 15 उर्दू स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी हो रही है। लेकिन जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार को बंद होने वाले स्कूलों की संख्या 100 से भी अधिक है। इन स्कूलों के मुस्लिम बहुल इलाकों में होने के दावे के साथ आस-पास के लोगों द्वारा स्कूल प्रबंधन पर दबाव भी बनाने का दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अनधिकृत रूप से कई स्कूलों के बोर्ड के आगे खुद से ‘उर्दू’ शब्द जोड़ दिया गया है।
झारखंड के #जामताड़ा_जिला_ सरकारी स्कूल में अब रविवार को नहीं शुक्रवार को छुट्टी करा रहे हैं अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, जबरन विद्यालय का नाम उर्दू विद्यालय रख दिया है। pic.twitter.com/T7HAH4RQkk
— कृष्ण कुमार यादव (@kkyadav59) July 9, 2022
रिपोर्ट के मुताबिक बिराजपुर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय के सचिव दीप नारायण मंडल ने कहा, “लगभग 8 माह पहले स्थानीय ग्रामीणों ने शुक्रवार की छुट्टी के लिए हंगामा किया था। तब हमने विभाग के बड़े अधिकारियों को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब गाँव वालों के प्रेशर में शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है।” वहीं नावाडीह पंचायत मुखिया के शौहर सज्जाद अंसारी ने शुक्रवार को छुट्टी की व्यवस्था क्षेत्र में काफी लम्बे अरसे से चलना बताया।
धर्मनिरपेक्षता का आखिरी पड़ाव..
— विश्वजीत (@bkMisral0707) July 9, 2022
झारखंड के जामताड़ा में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 100से ज्यादा सरकारी स्कूलों में मुस्लिमों के दबाव के कारण होती है शुक्रवार की साप्ताहिक छुट्टी..
यहां मुस्लिमों की आबादी 70% से अधिक हो गई है.#भाईचारा
जागो हिन्दु जागो…अन्यथा भविष्य निश्चित है.. pic.twitter.com/jbiCRdhEKy
जागरण की रिपोर्ट के हवाले से जामताड़ा के जिला शिक्षा पदाधिकारी अभय शंकर ने कहा, “किसी स्कूल के शुक्रवार को बंद होने की जानकारी उन्हें नहीं है। अगर कहीं ऐसा हो रहा होगा तो उसे रोकते हुए आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
ऑपइंडिया ने इन आरोपों की पुष्टि के लिए जामताड़ा के अधिकारियों को सम्पर्क करना चाहा लेकिन वहाँ के DC का फोन नॉट रीचबल आया। जिले के AC और SDO जामताड़ा ने फोन उठाया नहीं और जिला सूचना अधिकारी के पास इस बावत जानकारी न होना बताया गया। उपरोक्त में से किसी का भी अधिकारिक़ वर्जन आने पर हम खबर में उसे अपडेट करेंगे।
आपको बता दें कि झारखंड के ही गढ़वा में एक स्कूल में मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रिंसिपल पर इस्लामी नियम लागू करवाने के लिए दबाव बनाया गया। समुदाय के दबाव के चलते स्कूल की प्रार्थना बदल गई है। पहले यहाँ ‘दया का दान विद्या का…’ प्रार्थना करवाई जाती थी। हालाँकि अब ‘तू ही राम है तू ही रहीम’ प्रार्थना स्कूल में होने लगी है। इसके साथ स्कूल में बच्चों को हाथ जोड़ कर प्रार्थना करने से भी मना कर दिया गया है।