Sunday, September 1, 2024
Homeदेश-समाज'...फिर बनाओ बाबरी': JNU में वामपंथी छात्रों ने मस्जिद के समर्थन में निकाला जुलूस,...

‘…फिर बनाओ बाबरी’: JNU में वामपंथी छात्रों ने मस्जिद के समर्थन में निकाला जुलूस, ‘न्याय की लड़ाई’ के नाम पर जमकर आपत्तिजनक नारेबाजी

"उन्हें सज़ा के साथ-साथ मुआवजा भी देना पड़ेगा। आपको ये कहना पड़ेगा कि जो बाबरी मस्जिद गिराया गया, वह गलत गिराया गया। इसीलिए इंसाफ होगा कि बाबरी फिर से बनाई जाए। इस इंसाफ के लिए लड़ाई है।"

एक बार फिर से जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) चर्चा में है। इस बार वहाँ पर बाबरी मस्जिद के समर्थन में प्रदर्शन किया गया है। सोमवार (6 दिसंबर) को यह आयोजन JNU छात्रसंघ की तरफ से हुआ था। वायरल हो रहे वीडियो में इसे इन्साफ की लड़ाई बताया जा रहा है।

इस वीडियो में JNUSU उपाध्‍यक्ष साकेत मून को कथित रूप से कहते सुना जा सकता है, “उन्हें सज़ा के साथ-साथ मुआवजा भी देना पड़ेगा। आपको ये कहना पड़ेगा कि जो बाबरी मस्जिद गिराया गया, वह गलत गिराया गया। इसीलिए इंसाफ होगा कि बाबरी फिर से बनाई जाए। इस इंसाफ के लिए लड़ाई है।” इस दौरान पीछे से जोर-जोर से तालियाँ बजती हैं। वीडियो में कुछ लोगों को हाथों में पोस्टर भी ले कर देखा जा सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाबरी के समर्थन में यह जमावड़ा गंगा ढाबा पर लगा था। समय रात के लगभग 8 बजकर 30 मिनट का था। यह सभी वामपंथी विचारधारा के छात्र बताए जा रहे हैं जिन्होंने बाद में जुलूस की शक्ल में चंद्रभागा हॉस्टल पर एक सभा के रूप में सम्बोधन दिया। इस दौरान ”नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं सहेंगे दादरी, फिर बनाओ, फिर बनाओ बाबरी” जैसे नारे लगने की खबर है।

JNU की इस नारेबाजी का विरोध शुरू हो गया है। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने वीडियो जारी करते हुए कहा, “इससे पहले भी JNU में आतंकियों के समर्थन में नारेबाजी होती रही है। ये विषैली सोच है कि ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे हैं। दोबारा बाबरी को बनाने का सपना देखने की कोई गलती न करे। इस देश में 47 हजार हिन्दू मंदिरों को तोड़ा गया है। इन 47 हजार पापों में से अभी तक सिर्फ एक पाप उतर पाया है। मथुरा, काशी और तमाम अभी अधूरे हैं।”

गौरतलब है कि जेएनयूएसयू उपाध्यक्ष साकेत मून ने ही 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर ‘राम के नाम’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग आयोजित करने का फैसला किया था। जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे रद्द करने के लिए कहा था। JNU प्रशासन ने इसे सांप्रदायिक सद्भाव और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने वाली हरकत बताया था। हालाँकि इस रोक के बाद भी वामपंथी छात्र संघ ने शनिवार (4 दिसंबर 2021) को विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -