जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रामनवमी की पूजा में विघ्न डालने और एबीवीपी के सदस्यों के साथ मारपीट करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। दरअसल, रामनवमी समारोह के दौरान वामपंथी छात्रों द्वारा हमले किए जाने के एक दिन बाद जेएनयू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस मामले पर अपनी सफाई दी है। संस्थान ने कहा, “जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से संयम बरतने और जेएनयू का माहौल ना बिगाड़ने की अपील की थी।”
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सोमवार (11 अप्रैल, 2022) को कावेरी हॉस्टल में रामनवमी समारोह पर हुए हमले का संज्ञान लिया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) सहित वामपंथी छात्र संगठनों का हंगामा मीडिया में आने के बाद जेएनयू प्रशासन ने इसकी निंदा की है।
संस्थान ने एक आधिकारिक बयान जारी कर के कहा, “10 अप्रैल, 2022 को जेएनयू कैंपस में छात्र संगठनों के बीच हाथापाई हुई थी। रामनवमी के अवसर पर कावेरी हॉस्टल में छात्रों ने हवन का आयोजन किया था। तभी वहाँ मौजूद कुछ छात्रों ने इसका विरोध किया। छात्रों के वार्डन और डीन द्वारा मामला शांत करने कराने के बाद हवन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।”
बयान में आगे कहा गया है, “इसके बावजूद, छात्रों के कुछ संगठन इससे खुश नहीं थे। उन्होंने तुरंत बाद, रात के खाने के समय वहाँ पर हंगामा किया और कावेरी हॉस्टल में दोनों समूहों के बीच काफी बहस हुई। मेस का संचालन छात्र समिति करती है। प्रशासन का उनके मेन्यू से कोई लेना-देना नहीं है। वार्डन ने मौके पर सफाई दी और छात्रों के बीच हंगामा होने पर नोटिस जारी किया कि मांसाहारी भोजन परोसने पर कोई रोक नहीं है।”
स्थिति को शांत करने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए कड़े कदमों का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया है, “वार्डन ने रात में शांति बनाने और मामले को स्पष्ट करने के लिए एक नोटिस जारी किया, जिसके बाद जेएनयू प्रशासन तुरंत हरकत में आया। जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री धूलिपदी पंडित ने कावेरी हॉस्टल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। जेएनयू एक समृद्ध विरासत वाली संस्था है, जिसने कई पीढ़ियों को शिक्षित किया है। यह हमेशा से स्वस्थ बहस और एक मजबूत संस्कृति के साथ अकादमिक और बौद्धिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है।”
रामनवमी की रात क्या हुआ था?
एक दिन पहले यानी रामनवमी के मौके पर एबीवीपी ने आरोप लगाया था कि वामपंथी छात्र रामनवमी की पूजा करने से लोगों को रोक रहे थे। वहीं वामपंथियों ने कहा था कि एबीवीपी वालों ने उन्हें नॉन वेज खाने से रोका। सोशल मीडिया पर इस झड़प की वीडियो ही सामने आई थी, जिसमें कई छात्रों के सिर और हाथ से खून बहता दिखाई दे रहा था। एबीवीपी ने यह भी आरोप लगाया था कि नॉन-वेज को मुद्दा बनाना वामपंथियों की साजिश थी। वह लोग हॉस्टल में रामनवमी मना रहे थे और उसी समय इफ्तार का कार्यक्रम भी यूनिवर्सिटी में चल रहा था। ये वामपंथियों से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने नॉन वेज को मुद्दा बनाकर माहौल बिगाड़ दिया।
ऑपइंडिया से बात करते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव निधि त्रिपाठी ने बताया कि कल छात्रों ने कावेरी हॉस्टल में रामनवमी की पूजा का आयोजन किया था। हॉस्टल के मेस के अंदर इसी समय इफ्तार पार्टी चल रही थी और बाहर पूजा का आयोजन किया हुआ था। अच्छे से सारी चीज हो रही थीं। लेकिन ये सब वामपंथियों को रास नहीं आया। वो बाहर इकट्ठा हुए और जब छात्र पूजा करके बाहर निकलने लगे तो उन पर हमला कर दिया।
निधि के अनुसार, वामपंथियों का गुट उसी समय से रामनवमी पूजा का विरोध कर रहा था जबसे इस पूजा के पोस्टर छापे गए थे। हालाँकि, तमाम विरोध के बावजूद कल पूजा हुई जिसे देख वामपंथी बाहर इकट्ठा होना शुरू हो गए। निधि बताती हैं कि जब छात्र पूजा करके वापस मेस से होते हुए लौटे तो उन पर हमला किया गया। इस हमले में दिव्या नाम की छात्रा के हाथ में काँच की बोतल से मारा गया जिससे उसे चोटें आईं। रवि राज नाम का छात्र है वो भी पूजा से वापस आ रहा था तो उसके हाथ पर भी किसी धारदार हथियार से मारा गया जिसके कारण उसे 8 टांके आए हैं। महासचिव बताती हैं कि वामपंथियों ने एक दिव्यांग विद्यार्थी को भी मारा और उनके कपड़े भी फाड़े।