सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक जस्टिस एक मुस्लिम लड़की के हिन्दू बनने पर काफी नाराजगी जता रहे हैं। इसी वीडियो में जज साहब लड़के के मुस्लिम बनने की सलाह दे रहे हैं। वीडियो में उन्होंने लड़की के हिन्दू बनने को ‘फ्रॉड’ बताया और इसे खुद स्वीकार करने पर ‘समाज का क्या होगा’ जैसी टिप्पणी की है।
लेखिका शेफाली वैद्य ने 30 जुलाई 2022 को इस वीडियो को शेयर किया है। उन्होंने लिखा, “पहले मुझे लगा कि यह किसी फिल्म का सीन है लेकिन यह असली निकला। मुझे बताया गया कि ये मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित आर्य है।” शेफाली ने लोगों से अपनी बातों की पुष्टि करने के लिए भी कहा है।
First I thought this was some scene from a woke movie, but apparently, this is REAL! I have been told that this is justice Rohit Arya from MP high court! Can anyone confirm? pic.twitter.com/KzP8Bs7jrQ
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) July 30, 2022
शेफाली वैद्य के अलावा स्वाति गोयल शर्मा, रितु सत्य साधक, योगी योगेश अग्रवाल, रितेश झा आदि ने अपने-अपने ट्विटर हैंडलों से इसे शेयर किया है। इस वीडियो में 2 न्यायाधीश एक साथ बैठे दिखाई दे रहे है। उनमें से एक ने कहा, “ये तमाशा हम स्वीकार नहीं करेंगे। ये अभी जेल जाएगा। तुम काजी के पास जाओ और मुस्लिम बन जाओ। वही ज्यादा अच्छा है। फ्रॉड कर के उसका धर्मांतरण कर दिया, ये कोई तरीका है? किसी मुस्लिम को हिन्दू बना रहे हो, मज़ाक बात है?”
यह सुनवाई मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में 18 जनवरी 2022 हो हुई थी। इस बहस का मूल आधार मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की एक मुस्लिम लड़की को आर्य समाज मंदिर में हिन्दू धर्म स्वीकार करवाने को ले कर था। जस्टिस रोहित आर्य ने तब आर्य समाज मंदिरों द्वारा कराए जाने वाले वाले धर्म परिवर्तन पर सवाल खड़े किए थे। मामले की जवाबदेही तय करने के लिए गाजियाबाद स्थित आर्य समाज मंदिर को नोटिस भी जारी हुआ था। वीडियो में दिखाई दे रहे दूसरे न्यायाधीश का नाम जस्टिस राजीव कुमार श्रीवास्तव है।
जब ऑपइंडिया ने इस वीडियो की पड़ताल की, तब यह वीडियो 2 हिस्सों में लगभग 27 मिनट का मिला। इसे 19 और 20 जून 2022 को ‘Be a Judge’ नाम के फेसबुक पेज पर शेयर किया है।
पहले वीडियो में जस्टिस रोहित आर्य ने दिल्ली से आए एक वकील को पहले बोलने पर टोका। इस वीडियो में हुई बहस के मुताबिक, केस एक मध्य प्रदेश की मुस्लिम लड़की के अपहरण का था जिसका आरोप एक हिन्दू लड़के पर था। लड़की को पुलिस ने बरामद कर लिया था, जिसने अपने अम्मी-अब्बू के साथ जाने से मना कर दिया था। लड़की लगातार उस लड़के के साथ जाने की जिद पर अड़ी थी, जिस पर उसके अपहरण का आरोप था।
लड़की ने बाद में गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर में धर्म परिवर्तन कर लिया। इसे लड़की के परिजनों ने अवैध धर्मांतरण बता कर लड़की को लड़के के घर जाने से रोकने की माँग की थी। इस बहस में जस्टिस रोहित आर्य को एक बार कहते सुना गया कि ‘बिलकुल सही बात है।’
इसी बहस के बीच में 5:30वें मिनट पर जस्टिस रोहित आर्य ने SSP को कुल पुलिस फ़ोर्स उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मामले में कुछ फ्रॉड की आशंका दिखाई दे रही है। इसी क्रम में उन्होंने लड़की को हिन्दू बनाने वाले गाजियाबाद के आर्य समाज मंदिर को मात्र एक ट्रस्ट डीड बना कर रखने वाला बताया। जज ने आर्य समाज मंदिर के वकील से पहले मंदिर की प्रमाणिकता साबित करने को कहा।
वीडियो के 9वें मिनट में हिन्दू युवक के वकील ने लड़की को सरकारी नारी निकेतन से खुद के हवाले करने की माँग की, तब जज रोहित आर्य ने लड़के को मुस्लिम बनने की सलाह दी। लड़के के वकील ने सवाल भी किया कि लड़की बालिग है और लड़का मुस्लिम बन कर क्या करेगा तब जज ने कहा, “जो तुम समझो। इसमें हम काजी को भी बुलवाएँगे। ये मामूली बात नहीं है।” इसके बाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इसके बाद की बहस वीडियो के दूसरे पार्ट में है:
वीडियो के शुरुआत में आर्य समाज मंदिर के वकील ने कहा, “लड़की का धर्म हमने नहीं बदलवाया। ऐसा उसने खुद से किया है। लड़की खुद आर्य समाजी बनी है।” इस पर जज रोहित आर्य ने कहा, “ऐसे नहीं होता। कल आप ऐसे ही हिन्दू को मुस्लिम भी बनाने का काम शुरू कर दोगे। ये गोरखधंधा बंद करो।” आर्य समाज मंदिर के वकील ने कहा कि अगर कोर्ट इसे गैर कानूनी कह दे तो हम इसे बंद कर देंगे। इसके जवाब में जज रोहित आर्य ने इसे 100% गैर कानूनी बताया। जज रोहित आर्य ने कहा, “आप कोई भी धर्म पालन करो, उसके अपने भी कुछ नियम होते हैं।”
बहस के चौथे मिनट पर जज रोहित आर्य ने धर्म परिवर्तन के मामले में मुस्लिम कानूनों की नियमावली भी तलब करवाई। उन्होंने आर्य समाज मंदिर के कागजातों की जाँच करने के भी आदेश दिए। जज रोहित आर्य ने बहस के अंत में इस मामले में एक सीनियर वकील फैज़ल को नियुक्त किया। जज के मुताबिक “फैज़ल इस केस की सुनवाई में ‘पवित्र कुरान’ के नजरिए से सहयोग करेंगे।”