Saturday, November 16, 2024
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हनुमान मंदिर को बना दिया कूड़ेदान, साफ़-सफाई कर पीड़ा दिखाई तो पत्रकार पर ही FIR: हैदराबाद के अक्सा मस्जिद के पास स्थित है धर्मस्थल, माधवी लता बोलीं – ज़रूरत पड़ी तो…

बकौल सिद्धू, वहाँ से हिन्दुओं के जाने के बाद वहाँ आसपास कई मस्जिदें बन गईं, वहीं हनुमान मंदिर में कोई पूजा करने नहीं जाता था। उन्होंने बताया कि वहाँ के स्थानीय लोगों ने मंदिर को कूड़ेदान बना दिया था।

तेलंगाना के हैदराबाद में एक पत्रकार पर पुलिस ने FIR दर्ज की है। ‘जर्नलिस्ट सिद्धू’ नाम से सोशल मीडिया पर सक्रिय पत्रकार श्रीधरन सिद्धू ने बताया कि एक मंदिर की दुर्दशा दिखाने के कारण उन पर मामला दर्ज कर लिया गया है। ये पूरा मामला पुराने हैदराबाद शहर के काला पत्थर स्थित एक हनुमान मंदिर का है, जो 70 साल पुराना बताया जा रहा है। सिद्धू का कहना है कि हिन्दुओं के लगातार पलायन के कारण वो मंदिर वीरान पड़ा हुआ था, साथ ही वहाँ आसपास मुस्लिमों की जनसंख्या अधिक है।

सिद्धू ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया कि हनुमान जी की उक्त प्रतिमा शंख-चक्र के साथ वहाँ विद्यमान है। मूर्ति एक पत्थर पर उकेरी गई है। बकौल सिद्धू, वहाँ से हिन्दुओं के जाने के बाद वहाँ आसपास कई मस्जिदें बन गईं, वहीं हनुमान मंदिर में कोई पूजा करने नहीं जाता था। उन्होंने बताया कि वहाँ के स्थानीय लोगों ने मंदिर को कूड़ेदान बना दिया था, इससे हनुमान जी की प्रतिमा नीचे चली गई थी और उसके ऊपर 4 फ़ीट कूड़ा जमा हो गया था। प्रतिमा दब गई थी।

हालाँकि, हिन्दू कार्यकर्ताओं ने मिल कर इस मंदिर की साफ़-सफाई का बीड़ा उठाया। गुड़ी-बड़ी नाम की एक संस्था ने इसकी साफ़-सफाई की। बता दें कि तेलुगु में ‘गुड़ी’ का अर्थ होता है मंदिर और ‘बड़ी’ अर्थात विद्यालय। सिद्धू ने बताया कि साफ़-सफाई होने के बाद फिर से वहाँ कूड़ा डालना शुरू कर दिया गया। रामनवमी के दिन बुधवार (17 अप्रैल, 2024) को पत्रकार सिद्धू अपनी टीम के साथ वहाँ पहुँचे, फिर से कूड़ा-कचरा हटाया। उनके कैमरामैन ने वीडियो भी बनाया।

सिद्धू लंबे समय तक ‘महा न्यूज़’ नामक चैनल के साथ जुड़े रहे हैं, अब वो खुद के नाम से ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। बकौल सिद्धू, लोगों ने कहा कि इस मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए पहल होनी चाहिए। यही बात वो अपने वीडियो में बता रहे थे। इसके बाद काला पत्थर पुलिस थाने से उन्हें फोन कॉल कर के तलब किया गया। FIR दायर की जा चुकी हैं। बता दें कि सिद्धू तेलंगाना के भैंसा में हुए दंगों के दौरान भी सक्रियता से सच्चाई को सामने लाने के लिए काम कर चुके हैं।

सिद्धू ने कहा कि काला पत्थर क्षेत्र AIMIM के प्रभाव वाला है और पुलिसकर्मी भी उनकी बात मानते होंगे, लेकिन फ़िलहाल असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी का कोई हाथ इस प्रकरण में सामने नहीं आया है। सिद्धू ने हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार माधवी लता से बात की है। माधवी लता ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जब भी आवश्यक होता वो उपस्थित रहेंगी और वो इस मामले में उनके साथ हैं। गोशमहल से भाजपा विधायक T राजा सिंह ने भी साथ देने का आश्वासन दिया है।

पत्रकार सिद्धू ने बताया कि वहाँ रमेश नाम के स्थानीय लड़के की उन्होंने बाइट ली थी, उस पर भी केस कर दिया गया है। रमेश ने ही मंदिर की इस हालत को लेकर सिद्धू को बताया था। यही कारण है कि मंदिर की साफ़-सफाई करने वाले भी मीडिया से बात करने के लिए तैयार नहीं हो रहे, क्योंकि डर का माहौल है। तेलंगाना में फ़िलहाल कॉन्ग्रेस की सरकार है और रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री हैं। हालाँकि, हैदराबाद में AIMIM का ही समांनातर प्रशासन चलता रहा है।

ऑपइंडिया के पास इस मामले की FIR कॉपी मौजूद है, जो सेक्शन इंचार्ज A सत्यनारायण की शिकायत पर दर्ज की गई है। बताया गया है कि सिद्धू और रमेश बिलाल नगर स्थित अक्सा मस्जिद के पास स्थित हनुमान मंदिर की शूटिंग कर रहे थे। FIR में कहा गया है कि इस तेलुगु वीडियो में मुस्लिम समुदाय पर जानबूझकर मंदिर में कूड़ा-कचरा फेंकने और एक साजिश के तहत इस पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया गया है। FIR के अनुसार, हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव भंग करने और सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए ये वीडियो बनाया गया है।

उक्त पुलिस स्टेशन का इंचार्ज SI शेख सलीम है। ये FIR रामनवमी के 1 दिन बाद दर्ज की गई। ऑपइंडिया ने जब सत्यनारायण से इस बाबत बात की तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वो फ़िलहाल ड्यूटी पर नहीं हैं, इंस्पेक्टर से बात कीजिए। वो बात का जवाब नहीं दे पाए कि क्या किसी मंदिर की पीड़ा दिखाना अपराध है? हैदराबाद में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा आक्रामकता से हिन्दुओं के मुद्दे उठा रही है। जब हमने SI सलीम शेख से बात की तो उन्होंने कहा कि उनके सीनियर इस मामले को देख रहे हैं, वही कुछ बता पाएँगे।

पत्रकार सिद्धू के बारे में बता दें कि पूर्व की KCR सरकार ने भी उन्हें खासा प्रताड़ित किया था। आदिलाबाद के भैंसा में दंगों के बाद सच्चाई दिखाने पर उन पर FIR दर्ज कर लिया गया था। जनवरी 2020 में उन्होंने 27 मिनट की वीडियो रिपोर्ट के जरिए दंगा पीड़ितों से बात की थी। सिद्धू ने सरकार से पीड़ितों की मदद की अपील की थी। तब ASI S सुदर्शन की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था। उसके बाद उन्हें तेलंगाना छोड़ना पड़ा था। अब सरकार BRS नहीं बल्कि कॉन्ग्रेस की है, लेकिन हालात वही हैं।

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अनुपम कुमार सिंह
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भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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