Sunday, September 1, 2024
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सीलमपुर में 2 महीने के बच्चे और उसके पिता पर मुस्लिम भीड़ के हमले में KRF ने माँगा न्याय, NCPCR से भी की शिकायत

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को कलिंग राइट फोरम ने ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में संगठन ने हमलावरों पर बाल संरक्षण एक्ट 2015, UAPA एक्ट, विस्फोटक अधिनियम, 307, 505, 124 A व अन्य धाराओं में कार्रवाई करने की माँग की है।

दिल्ली के सीलमपुर में 2 महीने के हिन्दू बच्चे पर हुए हमले पर हिन्दू संगठन कलिंग राइट ग्रुप ने विरोध दर्ज करवाया है। संगठन ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) से हमलावर मुस्लिमों के समूह पर कार्रवाई की माँग की है। यह हमला 24 अक्टूबर 2021 (रविवार) को हुआ था। हमले की वजह टी-20 क्रिकेट में पाकिस्तान की जीत का जश्न अपने घर के आगे मनाने वालों को रोकना बताया जा रहा है। पीड़ित बच्चे के साथ उसके पिता पर भी हमला किया गया था। हमले के दौरान फायरिंग का भी आरोप है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को कलिंग राइट फोरम ने ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में संगठन ने हमलावरों पर बाल संरक्षण एक्ट 2015, UAPA एक्ट, विस्फोटक अधिनियम, 307, 505, 124 A व अन्य धाराओं में कार्रवाई करने की माँग की है।

हमले के शिकार हुए परिवार दलित समुदाय से है। पीड़ित परिवार की शिकायत के अनुसार टी 20 क्रिकेट के दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग उनके घर के आगे पाकिस्तान की जीत का जश्न मना रहे थे। इसी जश्न में उन्होंने पटाखे भी फोड़ने शुरू कर दिए। उस समय 2 माह का बच्चा छत पर सो रहा था। पीड़ित बच्चे के पिता ने जश्न मनाने वालों को रोका। उन्होंने बताया कि उनका बच्चा जाग जाएगा।

पीड़ित के अनुसार इसी वजह से उनके घर पर हमला किया गया। हमले में लाठी-डंडों के साथ ईंट पत्थर फेंके गए। इसी के साथ हमलावरों पर फायरिंग करने के भी आरोप लगे हैं। फायरिंग बच्चे को जान से मारने की नियति से करना बताया गया है। इसके बाद धारदार हथियार से बच्चे के पिता पर हमला किया गया। पीड़ित को बचाने आए एक अन्य व्यक्ति पर भी हमला हुआ।

इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। अपनी जान बचाने के लिए दलित परिवार ने पुलिस को फोन मिलाया। पीड़ितों का आरोप है कि फोन मिलाने के बाद भी उनको बचाने कोई नहीं आया। इस वजह से उन्हें प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया। अपनी व्यथा बताते हुए पीड़ित ने बताया कि जैसे तैसे वो वहाँ से जान बचा कर निकल पाए।

कलिंग राइट फोरम (KRF) के अनुसार पीड़ितों को सिर्फ हिन्दू होने की सजा दी गई है। उनका कहना है कि यह हमला पुलिस की लापरवाही को दिखाता है। पुलिस न समय से पीड़ितों को बचाने पहुँची और न ही अब मुस्लिम समुदाय के आरोपितों के खिलाफ एक्शन ले रही है।

कलिंग राइट फोरम ने पुलिस की ऐसी ढिलाई को मुस्लिम हमलावरों को खुली छूट देना बताया। संगठन ने फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगो की याद दिलाते हुए तब की पुलिसिया कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। पुलिस कार्रवाई से असंतोष जताते हुए KRF ने DOPT (Department of Personnel & Training) से इस मामले में हस्तक्षेप की माँग की।

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के आदेश से पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह आदेश 1 जनवरी 2022 तक प्रभावी रहेगा। यह आदेश मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल सरकार के अंडर में आने वाली दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने 25 अक्टूबर 2021 (सोमवार) को लिया था। इसकी जानकारी दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने देते हुए पटाखे फोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था।

पटाखों पर बैन की पहली घोषणा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 15 सितम्बर 2021 (बुधवार) को कर दी थी। अरविन्द केजरीवाल ने इस कदम को जीवन रक्षा के लिए जरूरी बताया। सीलमपुर के हमलावरों ने दिल्ली सरकार के इस आदेश का उल्लंघन पाकिस्तान की जीत पर किया था।

इस घटना के अलावा भी पाकिस्तान की टी-20 विश्वकप में भारत पर जीत के बाद देश के कई हिस्सों में पटाखें फोड़ कर जश्न मनाने की खबरें आई थीं। कश्मीरी छात्रों के तो वीडियो भी वायरल हुए थे। आरोपितों के विरुद्ध कई स्थानों पर UAPA के तहत केस भी दर्ज हुए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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