8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या करने वाले खूंखार गैंगस्टर विकास दुबे की मदद और दबिश की मुखबरी करने के आरोपों में निलंबित चल रहे चौबेपुर के पूर्व SHO विनय तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं सब इंस्पेक्टर केके शर्मा की भी गिरफ्तारी हुई है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार विकास दुबे को भगाने के पीछे विनय तिवारी और केके शर्मा का हाथ बताया जा रहा है। इन लोगों ने ही दबिश के दौरान पुलिस की जान खतरे में डाली थी। और उन्हें मरता हुआ छोड़ कर भाग गए थे।
पुलिस अधिकारियों के गिरफ्तारी की पुष्टि आईजी मोहित अग्रवाल ने की है। गैंगस्टर विकास दुबे को बचाने में चौबेपुर थाने के एसएचओ विनय तिवारी और अन्य पुलिसकर्मियों पर संलिप्तता के आरोप लगने के बाद इसकी जाँच के आदेश दिए गए थे।
Former Station Officer of Chaubepur, Vinay Tiwari (pic 1) and Beat Incharge KK Sharma (pic 2) have been arrested. They were present during #KanpurEncounter but fled the site of incident during the operation: IG Kanpur Range Mohit Agarwal. #VikasDubey pic.twitter.com/0jPfHwIklB
— ANI UP (@ANINewsUP) July 8, 2020
गौरतलब है कि कुख्यात अपराधी को पकड़ने के लिए एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ज़मीन आसमान एक कर जाँच पड़ताल में जुटी है। वहीं पुलिस इस बात की भी आशंका जता रही थी कि महकमे के ही किसी शख्स ने इस बात की मुखबिरी की है। इसी सिलसिले में आईजी मोहित अग्रवाल ने चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया था।
पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन के चलते 2200 नम्बरों को सर्विलांस पर लगाया है। जिससे मुठभेड़ रात तक मतलब 24 घंटे के भीतर विकास ने जिस भी किसी शख्स से बातचीत की हो उसका पता लगाया जा सके। रेड से पहले विकास गुप्ता को इसकी पल-पल की जानकारी मिल रही थी। काल डिटेल में कई पुलिसकर्मियों के भी नम्बर सामने आए थे। जिसके चलते चौबेपुर के दरोगा, सिपाही और होम गार्ड की तहकीकात की जा रही थी।
दबिश की सूचना को लीक करने का शक थानाध्यक्ष विनय तिवारी पर गया था। यहाँ तक इलाके की पूरी जानकारी होने के बावजूद दबिश के समय विनय तिवारी पीछे चल रहे थे और गोलीबारी के समय वे जेसीबी के पीछे छुप गए थे। और वहाँ से बच कर निकल गए थे। जिससे इस बात का साफ पता चलता है कि विनय तिवारी को पहले से ही इस हमले की जानकारी थी।
खबर की जानकारी होने की वजह से विकास ने अपने आदमियों को पहले से ही सेट कर लिया था। उसे पता था कि कितनी संख्या में पुलिस कितने बजे तक आ रही है। पुलिस फ़ोर्स की जानकारी मिलने के बावजूद वह भागा नहीं। उसके गिरोह के लोग इलाके में घुसने वाले रास्तों की छतों पर पहले से खड़े होकर पुलिस का इंतजार कर रहे थे। वे सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। और जैसे ही पुलिस इलाके के नज़दीक पहुँची तो उनलोगों ने अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी।
उल्लेखनीय है कि विकास दुबे का मामला धीरे धीरे अब पुलिस अफसरों पर भी भारी पड़ रहा है। मंगलवार को योगी सरकार ने एसटीएफ के डीआईजी अनंतदेव तिवारी का तबादला कर दिया। साथ ही तीन अन्य अधिकारियों को भी इधर से उधर किया गया है।
दूसरी ओर विकास दुबे की मदद और दबिश मुखबरी जैसे कई गंभीर आरोपों का सामना कर रहे चौबेपुर थाने के सभी 68 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। मंगलवार शाम एसएसपी दिनेश कुमार ने ये कार्रवाई की है। कानपुर के चौबेपुर थाने में पोस्टेड सभी सब इंस्पेक्टर, कॉन्स्टेबल और हेड कॉन्स्टेबल का पुलिस लाइंस में ट्रांसफर कर दिया गया है। वहीं अब थाने में नए पुलिस कर्मियो की तैनाती की गई है।