कानपुर के बिठूर में 8 पुलिसकर्मियों की जान लेने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे फरार है। कुख्यात अपराधी को पकड़ने के लिए एसटीएफ, क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस ज़मीन आसमान एक कर जाँच पड़ताल में जुटी है। वहीं पुलिस इस बात की भी आशंका जता रही है कि महकमे के ही किसी शख्स ने इस बात की मुखबिरी की है। इसी सिलसिले में आईजी मोहित अग्रवाल ने चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चौबेपुर के थाना प्रभारी की भूमिका इस हत्याकांड के दौरान संदिग्ध बताई जा रही है।
पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन के चलते 2200 नम्बरों को सर्विलांस पर लगाया है। जिससे मुठभेड़ रात तक मतलब 24 घंटे के भीतर विकास ने जिस भी किसी शख्स से बातचीत की हो उसका पता लगाया जा सके। रेड से पहले विकास गुप्ता को इसकी पल-पल की जानकारी मिल रही थी। काल डिटेल में कई पुलिसकर्मियों के भी नम्बर सामने आए है। जिसके चलते चौबेपुर के दरोगा, सिपाही और होम गार्ड की तहकीकात की जा रही हैं।
एसटीएफ के अनुमान के मुताबिक विकास दुबे को पहले ही पुलिस के दबिश की जानकारी दे दी गई थी। और इस सूचना को लीक करने का शक थानाध्यक्ष विनय तिवारी पर गया है। यहाँ तक इलाके की पूरी जानकारी होने के बावजूद दबिश के समय विनय तिवारी पीछे चल रहे थे और गोलीबारी के समय वे जेसीबी के पीछे छुप गए थे। और वहाँ से बच कर निकल गए थे। जिससे इस बात का साफ पता चलता है कि विनय तिवारी को पहले से ही इस हमले की जानकारी थी।
बता दें पुलिस रेड की जानकारी मुखबिरों से लगते ही विकास ने अपने आदमियों को पहले से ही सेट कर लिया था। उसे पता था कि कितनी संख्या में पुलिस कितने बजे तक आ रही है। पुलिस फ़ोर्स की जानकारी मिलने के बावजूद वह भागा नहीं। उसके गिरोह के लोग इलाके में घुसने वाले रास्तों की छतों पर पहले से खड़े होकर पुलिस का इंतजार कर रहे थे। वे सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। और जैसे ही पुलिस इलाके के नज़दीक पहुँची तो उनलोगों ने अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी।
क्या था दबिश के पहले राहुल का मामला
दरअसल, विकास दुबे ने चौबेपुर थाना क्षेत्र के निवासी राहुल तिवारी के ससुर लल्लन शुक्ला की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया था। जिसको लेकर राहुल तिवारी ने कोर्ट में विकास दुबे के खिलाफ केस फ़ाइल कराया था। बात कोर्ट तक ले जाने को लेकर विकास दुबे के आदमियों ने राहुल तिवारी को रास्ते से उठवा लिया और उसके साथ मारपीट की। इसके साथ ही दोबारा कोर्ट जाने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
विकास की धमकियों से डर कर राहुल ने चौबेपुर थाने में घटनाक्रम की शिकायत की। जिसकी पूछताछ के लिए बुधवार (1 जुलाई, 2020) को थानाध्यक्ष आरोपित विकास दुबे के घर पहुँची थी। इसी दौरान विकास दुबे ने थानाध्यक्ष के सामने ही राहुल के साथ दोबारा मारपीट की। जिसका बीच बचाव करने पर विकास ने थाना प्रभारी का मोबाइल छीनकर उनके साथ भी हाथापाई की थी। इसके बाद थानाध्यक्ष ने राहुल की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और बदसलूकी की चर्चा भी किसी से नहीं की।
बाद में राहुल ने विकास की शिकायत आलाधिकारियों से की। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर केस दर्ज हुआ था। और सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में विकास को धर दबोचने के लिए गुरुवार की रात पूरी प्लानिंग की गई थी।
विकास दुबे के घर पर पुलिस ने चलाया बुलडोजर
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। एक तरफ उसकी तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है, दूसरी तरफ उसके घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कानपुर के बिठुर स्थित विकास दुबे का घर JCB से गिरा दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस की 100 टीमें अलग-अलग इलाकों की तलाशी ले रही हैं, जहाँ विकास के घर वाले रहते हैं।
इसी खोजबीन के दौरान पुलिस ने लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में भी छापेमारी की। नौकर के सिवाय विकास के इंद्रलोक कॉलोनी वाले घर में कोई नहीं मिला। मगर पुलिस ने वहाँ से कुछ संदिग्ध सामानों के साथ पेन ड्राइव बरामद किया है।
उसी इलाके में रहने वाले विकास के भाई दीप के घर भी पुलिस ने दबिश दी। लेकिन वह भी घटना के बाद से ही फरार है। पुलिस को उसकी पत्नी के पास से रिवाल्वर मिली है। इसका लाइसेंस होने का दावा किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इसकी पड़ताल कर रही है। 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही हैं।