कानपुर के बेकनगंज इलाके में 3 जून 2022 (शुक्रवार) को भड़की हिंसा के आरोपितों पर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। हिंसा में अब तक कुल 3 FIR दर्ज कर के 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। FIR 40 नामजद और लगभग 1 हजार अज्ञात लोगों पर दर्ज हुई है।
दंगाइयों पर लगाम लगाने के लिए सीएम योगी ने यूपी पुलिस के डीजीपी और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को उनके ऊपर गैंगस्टर एक्ट के साथ-साथ एनएसए लगाने का निर्देश दिया है। हिंसा के जिम्मेदारों को पकड़ने के लिए पुलिस की 10 टीमें लगाई गईं हैं।
कानपुर : कल हुए संघर्ष के मामले में पुलिस ने 40 नामजद समेत 1 हजार अज्ञात पर केस किया दर्ज, 50 आरोपी हिरासत में। पुलिस की 10 टीमें आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी में जुटीं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हिंसा में शामिल आरोपितों की सम्पत्तियों को जब्त कर के उस पर बुलडोजर चलने की भी संभावना जताई गई है। पुलिस की टीमें CCTV फुटेज और अन्य माध्यमों से दंगाइयों की पहचान करने में जुटी हुई हैं। हिंसा स्थल कानपुर के यतीमखाना में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, जहाँ कई सीनियर अधिकारी स्वयं डटे हुए हैं। इस हिंसा को काबू करते हुए कुल 13 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं।
हिंसा से ठीक पहले मौलानाओं ने की थी मीटिंग
जी न्यूज़ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कानपुर हिंसा से पहले मौलानाओं ने एक मीटिंग की थी। इस मीटिंग में कानपुर हिंसा का मुख्य आरोपित बताए जा रहे हयात जाफरी के भी शामिल होने का दावा किया गया है। पुलिस ने हयात जाफरी पर FIR दर्ज की है। चश्मदीदों के मुताबिक लगभग 2 हजार से ढाई हजार हमलावर इस उपद्रव में शामिल थे।
कानपुर हिंसा पर बड़ा खुलासा, हिंसा से पहले मौलानाओं की बैठक हुई | #BreakingNews #KanpurViolence
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सूफी खानखाह एसोसिएशन ने PFI को बताया जिम्मेदार
सूफी खानखाह एसोसिएशन ने कानपुर हिंसा के लिए PFI को जिम्मेदार ठहराया है। एसोशिएशन ने बयान जारी करते हुए कहा, “ये शर्मनाक है। सभी अधिकारी इसकी उच्चस्तरीय जाँच करवाएँ। PFI के रहमानी द्वारा भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को उकसा कर बयान दिलाया गया। फिर उसी बयान के आधार पर पूरे देश भर में विरोध प्रदर्शन के लिए PFI आमंत्रित कर रही है। हमले के लिए शुक्रवार का दिन चुनना, जिस दिन मुस्लिम मस्जिदों में अधिक संख्या में जाता है। वो शहर चुनना जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति मौजूद हों। इन तमाम बातों का आपस में कनेक्शन है। कानपुर में PFI का स्थानीय गुंडों के गैंग से कनेक्शन है। अगर इस घटना में PFI का नाम जाँच में सामने आता है तो उस पर फ़ौरन बैन लगाया जाए।”
सूफी खानकाह असोसिएशन ने PFI को कानपुर हिंसा का जिम्मेदार बताते हुए बयान जारी किया।
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जबरन बंद करवाई जा रही थीं हिन्दुओं की दुकानें
कानपुर से भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी के मुताबिक हिंसा सुनियोजित थी।
#कानपुर यतीमखाना मामले को लेकर बीजेपी सांसद @sdPachauri1 का बयान
— Rishabh Dixit (@RDixit336) June 3, 2022
“एक पक्ष ने जुमे की नमाज के बाद दंगा भड़काने किया प्रयास
सुनियोजित तरह से किया गया बड़ा बवाल
पूर्वनियोजित तरह से बन्द का किया गया था एलान
जबरन हिंदुओं की दुकान बंद कराने का किया गया काम”#KanpurViolence #Kanpur pic.twitter.com/ZglOoeq9Vk
सांसद के मुताबिक, “उन्होंने बताया कि हिन्दुओं की दुकानों को बंद करवाया। जब हिन्दुओं ने इंकार किया तब पथराव और मारपीट करने लगे। इस दौरान आगजनी भी की गई। मुख्यमंत्री ने पुलिस को प्रभावी कार्रवाई के आदेश दिए हैं, जिससे दुबारा ऐसी हिम्मत कोई न कर पाए।”