Thursday, March 28, 2024
Homeदेश-समाज'धर्मांतरण विरोधी कानून से अल्पसंख्यकों के अधिकारों का होगा हनन, फैलेगी अराजकता': आर्कबिशप ने...

‘धर्मांतरण विरोधी कानून से अल्पसंख्यकों के अधिकारों का होगा हनन, फैलेगी अराजकता’: आर्कबिशप ने कर्नाटक CM बोम्मई को लिखा पत्र

आर्कबिशप ने राज्य सरकार द्वारा राज्य में गैर-सरकारी ईसाई मिशनरियों व चर्चों का सर्वे कराने के फैसले का भी विरोध किया है। मचाडो का कहना है कि जनगणना के दौरान जब सरकार एक बार डाटा कलेक्ट कर चुकी है तो दोबारा ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है।

अवैध धर्मान्तरण को रोकने के लिए कर्नाटक में सीएम बासवाराज बोम्मई की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार की ‘धर्मान्तरण विरोधी अधिनियम’ का विरोध शुरू हो गया। इसे अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों का हनन बताकर दुष्प्रचार करने का प्रयास किया जा रहा है। बेंगलुरु के आर्कबिशप रेवरेंड पीटर मचाडो ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को पत्र भी लिखा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, पीटर मचाडो ने सीएम को लिखे पत्र में धर्मान्तरण रोकने के लिए लाए जा रहे बिल को भेदभावपूर्ण और मनमाना करार दिया है। उनका मानना है कि इस बिल के कानून का रूप लेने से न केवल अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन होगा, बल्कि राज्य में शांति और एकता को नुकसान पहुँचेगा। इससे अराजकता की स्थिति पैदा होगी। उन्होंने मौजूदा कानूनों के रहते नए कानून बनाए जाने को गैर-जरूरी बताया है। इसके साथ ही मचाडो ने दावा किया है कि कर्नाटक का पूरा ईसाई समुदाय एक स्वर में इस कानून का विरोध कर रहा है।

आर्कबिशप के द्वारा लिखा गया पत्र (साभार: ट्विटर)

पत्र में पीटर मचाडो ने संविधान के आर्टिकल 25, 26 का हवाला दिया। उन्होंने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म की स्वतंत्रता और स्वतंत्र पेशे का विधान है और अनुच्छेद 26 के तहत सभी धर्मों को स्वतंत्रतापूर्वक अपने धार्मिक मामलों की देखरेख करने का अधिकार दिया गया है।” इसके अलावा, आर्क बिशप ने राज्य सरकार द्वारा राज्य में गैर-सरकारी ईसाई मिशनरियों व चर्चों का सर्वे कराने के फैसले का भी विरोध किया है। मचाडो का कहना है कि जनगणना के दौरान जब सरकार एक बार डाटा कलेक्ट कर चुकी है तो दोबारा ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 26 अक्टूबर 2021 में आर्कबिशप ने ऐलान किया था कि वो सरकार द्वारा लाए जाने वाले धर्मान्तरण विरोधी विधेयक का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा था कि ऐसे कानूनों से केवल साम्प्रदायिक सद्भाव बिगड़ेंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में इस विधेयक को पेश करने जा रही है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

RSS से जुड़ी सेवा भारती ने कश्मीर में स्थापित किए 1250 स्कूल, देशभक्ति और कश्मीरियत का पढ़ा रहे पाठ: न कोई ड्रॉपआउट, न कोई...

इन स्कूलों में कश्मीरी और उर्दू भाषा में पढ़ाई कराई जा रही है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे आतंकवादियों के सहयोगी बनें या पत्थरबाजों के ग्रुप में शामिल हों।

‘डराना-धमकाना कॉन्ग्रेस की संस्कृति’: 600+ वकीलों की चिट्ठी को PM मोदी का समर्थन, CJI से कहा था – दिन में केस लड़ता है ‘गिरोह’,...

"5 दशक पहले ही उन्होंने 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' की बात की थी - वो बेशर्मी से दूसरों से तो प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन खुद राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं।"

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe